शत्रु वशीकरण टोटके
वशीकरण एक सामान्य विद्या है, और यह एक अत्यंत सरल उपायों से हो जाता है , हर स्त्री चाहती है की उसका पति उसके वश में हो, हर कर्मचारी चाहता है की उसका मालिक उसके वश में हो, कुछ उपायो के बाद वशीकरण शक्ति अर्जित करने के बाद आपको लगेगा की आप के चेहरे पर एक तेज आ गया है , आप के अंदर एक ख़ुशी ,एक अमिट मुस्कान आ जायेगी और आप का व्यक्तिव निखर जायेगा आप के एक अंदर एक आत्मविश्वास उत्तपन हो जायेगा। हर व्यक्ति अपने शत्रुओं का नाश करना चाहता है,आप भी अगर अपने शत्रुओं को समाप्त करना चाहते है तो मात्र कुछ छोटे उपाय है, जिनको करने मात्र से आप के शत्रु स्वतः ही नष्ट हो जाएंगे , यह सम्मोहन एवं वशीकरण के अचूक उपाय है |
शत्रु नाश एवं पीड़ित करना –
1- यदि आप का शत्रु आप को परेशान कर रहा है और आपको उसको अपने वश में करना है , तो एक भोजपत्र का छोटा टुकड़ा टुकड़ा ले और उस पर लाल चंदन से अपने शत्रु का नाम लिख दे और उस भोजपत्र के टुकड़े को शहद में डूबाकर एक बोतल यह डिब्बी में बंद करके रख दे , आप का शत्रु स्वम् ही आप के वश में आ जाएगा।
2- आप अपने शत्रु को छोटे छोटे उपायो से समाप्त कर सकते है , कभी कभी हम देखते है की आप के शत्रु यह कोई भी जो आप से इर्ष्या करता है जो आप की तरक्की को देख नहीं सकता वो लोग तांत्रिक द्वारा आप की तरक्की को रोक देते है ,इसके बाद आप के व्यवसाय में बाधा गृह क्लेश होता रहता है , इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए आप को बस सवा एक मीटर काले कपड़े में एक किलो काले उड़द की दाल सवा एक किलो कोयला को बाँध कर अपने ऊपर से इक्कीस(21) बार घुमाकर शनिवार के दिन बहते हुए जलधारा में प्रवाहित करे तथा साथ में हनुमान जी का ध्यान करते हुए प्रर्थना करे , इस तरह आप को यह प्रत्येक सात शनिवार करना होगा , आप के ऊपर से सभी शत्रु समाप्त हो जाएंगे, एवं सभी किये कराये टोन टुटके का प्रभाव नष्ट हो जायेगा ।
जीवन रक्षा एवं शत्रु नाश –
1- कभी कभी ऐसा लगता है की आप का कोई शत्रु आपको मारना चाहता ,यह आप को नुकशान पहुँचना चाहता है तो उसके लिए आप को बस इक्कीस (21) पपीते के बीज लेने है उनको अच्छी तरह धोकर बीज लेकर शिव मंदिर जाए और शिवलिंग का कच्चे दूध से अभिषेक करे ,धूप दीप करे , और पपीते के बीज अपने सामने रखकर , अपना नाम , गौत्र ,कुल का नाम स्मरण करते हुए ,भगवान शिव से अपनी रक्षा की प्रर्थना करे और महामृत्युंजय मंत्र जप करे , तथा बीजों को एकत्रित कर तांबे के ताबीज में भरकर गले में धारण कर ले ,
2- अगर आप को आप के शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहे है तो एक नींबू को 4 भागों में काटकर किसी चौराहे पर खड़े होकर अपने इष्ट देव का ध्यान करे तथा उनसे प्रर्थना करते हुए चारों दिशाओं में एक-एक नींबू के भाग को फेंक दें और घर वापस आकर अपने हाथ-पांव धो लें। आप को अपने शत्रु से मुक्ति मिल जायेगी एवं तांत्रिक अभिकर्म से छुटकारा मिलेगा।
3- आप अगर अपने शत्रुओं से छुटकारा पाना चाहते है तो साबुत उड़द की काली दाल के अड़तीस (38) दाने और चावल के चालीस (40) दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और उसके ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका नाश हो जायेगा और वह आप के विरुद्ध कभी कोई साज़िश नहीं कर पायेगा होगा ,
4- कभी कभी कई लोग अकारण परेशान करने लगते है उस व्यक्तिवो से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए : आप जब शौच जाए शौचालय में बैठे-बैठे वहीं के पानी से उस व्यक्ति का नाम लिख दे और बाहर निकलने से पहले उस पानी से लिखे नाम को अपने बाएं पैर से तीन बार ठोकर मार दे , पर ध्यान रहे, यह प्रयोग स्वार्थवश न करें, और न ही अपनी स्वार्थ की पूर्ति के लिए अन्यथा आप को ही हानि हो सकती है।
5- आप के घर पर अगर शांति नहीं है कोई बाधा है तो उसके निवारण के लिए अपनी एक मुट्ठी में पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर चोरी से फेक दे , ऐसा लगातार तीन दिन करें। यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर से उतार कर शौचालय में डाल दें , और पानी से बहा दे निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। घृह शांति आएगी ग्रह स्थिति भी अनुकूल होगी ।
6- यदि आपके शत्रु आपको अधिक तंग कर रहें है , आपके हर काम में बाधा उत्तपन कर रहे हो तो एक मोर का पंख ले और उस पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्री में अपने शत्रु नाम लिख कर अपने घर के मंदिर में रात भर रखें प्रातःकाल उठकर बिना नहाये धोए चलते पानी में प्रवाहित कर दे , इससे आप का शत्रु शत्रुता छोड़ कर आप के साथ मित्रता का व्यवहार करने लगेगा ।
शत्रु नाश मंत्र-
1- आप अगर अपने शत्रुओं से छुटकारा पाना चाहते है यह उसको नष्ट करना चाहते है तो रोजाना आप
(ह्रीं ह्रीं विकट भैरवाय मम शत्रून।
नाशय नाशय त्रासय त्रासय
ताडय ताडय ह्रीं ह्रीं ह्रीं फट )
मंत्र का जप करे आवश्य लाभ होगा,
2-आप अगर अपने शत्रु को अपने वश में करना चाहते है तो
(“ऐं पिन्स्थां कलीं काम-पिशाचिनी
शिघ्रं ‘अमुक’ ग्राह्य ग्राह्य,
कामेन मम रुपेण वश्वैः विदारय विदारय,
द्रावय द्रावय, प्रेम-पाशे बन्धय बन्धय, ॐ श्रीं फट् )
यह मंत्र जपने पहले इसको दो हजार बार जप कर सिद्ध कर ले ,इस मंत्र को जपने के समय ‘सांध्य’ के नाम का स्मरण करना चाहिए ,और प्रतिदिन 108 बार इसका जप करने से शत्रु आप के वश में आ जायेगा |
3- महामृत्युञ्जय मंत्र यह एक अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है यजुर्वेद के रूद्र अध्याय स्थित एक मंत्र है। इसमें भगवान शिव की स्तुति की गयी है। यह मंत्र जपने वाला व्यक्ति ‘मृत्यु को जीतने वाला’ बन जाता है इसका जप शुद्ध होकर ही करे ,
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
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