Jayasi Ki काव्यगत Visheshtayein जायसी की काव्यगत विशेषताएँ

जायसी की काव्यगत विशेषताएँ

Pradeep Chawla on 13-09-2018


भाव पक्ष

जायसी रससिद्ध कवि हैं। आपके काव्य का भाव-पक्ष तथा कला-पक्ष दोनों ही समान रूप से प्रभावशाली हैं। आपकी रचनाओं की काव्यगत विशेषताएँ इस प्रकार हैं- जायसी ने भारतीय प्रेमाख्यानों को अपने काव्य का विषय बनाया और उनके माध्यम से आध्यात्मिक रहस्यों को प्रस्तुत किया। 'पद्मावत' काव्य के रूप में एक प्रेम कथा है किन्तु उसमें आत्मा-परमात्मा का मधुर सम्बन्ध तथा सूफी उपासना-पद्धति की विविध मान्यताएँ प्रतीकात्मक रूप में वर्णित हैं। 'पद्मावत' के रूपक-पक्ष को स्वयं कवि ने स्पष्ट किया है-

तन चितउर मन राजा कीन्हा। हिय सिंहल बुधि पद्मिनि चीन्हा॥
गुरु सुआ जेहि पंथ दिखावा। बिन गुरु जगत् को निरगुन पावा॥

भारतीय सौन्दर्य-वर्णन की परम्परागत शैली को ही जायसी ने अपनाया है। यह शैली 'नख-शिख वर्णन' कहलाती है। कवि ने पद्मावती के सौन्दर्य-वर्णन में अपने परम्परा-परिचय और मोहक बिम्ब-विधान का परिचय दिया है-

भँवर केस वह मालति रानी। बिसहर लुरहिं लेहिं अरघानी॥

ससि-मुख, अंग मलयगिरि बासा। नागिन झाँपि लीन्ह चहुँ पासा॥

प्रकृति-वर्णन की जायसी के काव्य में कमी है किन्तु वह श्रृंगार का सहायक होकर आया है। वह स्वतंत्र प्रकृति-चित्रण न होकर रस के उद्दीपन हेतु ही प्रयुक्त हुआ है; यथा

कातिक सरद चंद उजियारी। जग सीतल हौं बिरहै जारी॥
भा बैसाख तपनी अति लागी। चोआ चीर चँदन भा आगी।

आलंकारिक एवं नामपरिगणनात्मक प्रकार का प्रकृति-वर्णन भी 'पद्मावत' में विद्यमान है। जायसी का रहस्यवाद हिन्दी-साहित्य की अमूल्य निधि है। आंचलिक संस्पर्श एवं मानव-मनोविज्ञान के सहयोग से जायसी ने भारतीय नारी का भव्य चित्र उभारा है; यथा-

बरसै मेघ चुवहिं नैनाहा। छपर छपर होइ रहि बिनु नाहा॥
कोरौं कहाँ ठाट नव साजा। तुम बिनु कंत न छाजनि छाजा॥

जायसी सूफी सम्प्रदाय के अनुयायी हैं, जिसमें साधक प्रेम की साधना से ही साध्य को पा सकता है। यही पारलौकिक प्रेम जायसी के ग्रन्थों में लौकिक प्रेम बनकर अवतरित हुआ है। जीवात्मा के ईश्वर से मिलन का यह रूपक, रहस्य-भावना के साथ कवि ने प्रस्तुत किया है। आचार्य शुक्ल के मत में तो शुद्ध रहस्यवाद केवल जायसी के काव्य में ही प्राप्त होता है।

कला पक्ष

जायसी की रचनाओं में विविध रसों का समावेश बड़ी ही सफलता के साथ किया गया है। श्रृंगार के अतिरिक्त वीर, रौद्र, वीभत्स रसों का मार्मिक चित्रण भी जायसी की कविता में उपलब्ध है।

भाषा

जायसी की भाषा ठेठ अवधी है। उन्होंने उसके व्याकरण सम्मत स्वरूप पर विचार न करके उसमें माधुर्य और मृदुलता के संवर्द्धन पर ही अधिक ध्यान दिया है। यही कारण है कि उसमें व्याकरण-सम्बन्धी अशुद्धियाँ हैं परन्तु श्रुति-माधुर्य और हृदय को छूने की अद्भुत शक्ति है।

शैली

जायसी ने प्रबन्ध शैली को अपने उद्देश्य के अधिक अनुकूल समझा। उन्होंने लोक-प्रचलित भारतीय प्रेमकथाओं का आधार लेकर महाकाव्य की रचना की और साथ ही विदेश मसनव्बी शैली को भी स्थान दिया। काव्य-रचना में आपने आलंकारिक शैली, प्रतीकात्मक शैली, शब्द चित्रात्मक शैली तथा अतिशयोक्ति-प्रधान शैलियों का प्रयोग किया है।

छंद

जायसी ने दोहा-चौपाई, छंदों का प्रयोग किया है। इसी छंद-योजना का चरम विकास तुलसी के 'रामचरितमानस' में प्राप्त होता है।

अलंकार

जायसी ने अलंकारों के प्रयोग में पूर्ण उदारता से काम लिया है। रूप-वर्णन, युद्ध, प्रकृति-चित्रण तथा आध्यात्मिक तत्वों की रहस्य-योजना में अलंकारों की पूरी सहायता ली गई है। आपके प्रिय अलंकारों में उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, रूपकातिशयोक्ति आदि का विशेष रूप से प्रयोग हुआ है।


जायसी हिन्दी के प्रथम महाकाव्य के रचयिता हैं। आपकी रसमयी प्रेम-पद्धति हिन्दी काव्य साहित्य की मूल्यवान निधि है। एक साहित्यकार के रूप में तो आप प्रतिष्ठा-प्राप्त हैं ही, आपको साम्प्रदायिक सौमनस्य का संदेश-वाहक भी माना जाना चाहिए।

Advertisements


Advertisements


Comments Anita on 26-10-2023

Barahmasa varann ki bisestay kya kya h

Vishal sahab on 04-07-2023

सूफी काव्य धारा की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए जायसी के काव्य की समीक्षा कीजिए

Sudha devi on 11-02-2023

Gaysi ki bisestay

Advertisements

Neha Tiwari on 14-01-2023

Jaysi ki pramukh sthitiyan

Dh on 11-12-2022

जायसी की काव्य गग्रंथ की विशेषताएं तथा विवेचना लिखिए

Bhulak Ka sutr on 10-12-2022

बहुलक का सूत्र

Jyoti on 10-08-2022

Jayasi ke ratuvarnan ki viseshta

Advertisements

Anshu on 21-05-2022

जायसी किस सम्प्रदाय के थे

Meenakshi on 20-02-2022

Jayasi ki rachnaen

Pooja on 20-11-2021

जायसी की साहित्यिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए ?

Lilawati on 13-11-2021

Malik mmohomad jayshi ka Parivar

Suman on 23-10-2021

Prem kathao me jaysi ke pramukh sthan ka vivechana kre

Advertisements

Padma vati on 11-08-2021

Padma vati

Vashu chouhan on 13-06-2021

Jayashi ki kavy kala ko vishtar se likhiye

taleshvaar on 11-06-2021

जायसी की काव्य कला को विस्तार से समझाइए

Ram on 11-06-2021

कबीर एक समाज सुधारक विद्रोह संत कवि थे विवेचना कीजिए l

Shivam on 07-04-2021

Malik Muhammad jayasi ke padmavat me vyakt saundarya Bhavana ka sodaharan varnan kijiye

RAVI AHIRWAR on 03-04-2021

Jayasi ki kavyagt visesta ulekh kijiye

Advertisements

Brajbhan Kushwaha on 31-03-2021

जायसी की काव्यगत विशेषताओं का उल्लेख

Brajbhan Kushwaha on 31-03-2021

अमीर खुसरो की भाषा की विशेषताएं बताइए

Shiva roy on 13-03-2021

Jaysee ki bisheshtaaon ke namm

Vikash on 13-03-2021

Kabir की ulatvashi

Nisha on 23-02-2021

जयसी का रहस्यवाद

Anket on 22-01-2021

Birah barnan or kabyegat eh hi word hote he kya

anchladhurve on 05-01-2021

जायसी के काव्य में आध्यात्मिक parm कीअभिव्यक्रित हैं

Swathi on 22-12-2020

कबीर जयासी सूरदास तुलसी मीरा बिहारी और घनानंद की कविता की व्याख्या लिखिए

Pooja on 12-10-2020

Jayasi ki kavye gat viseshtaye

Ajay Kumar on 08-10-2020

जायसी की काव्यगत विशेषताएँ

Kamal on 12-07-2020

Malik Mohammed jaysi ke kavya ki visheshta bataye

Rammitra Bais on 03-04-2020

Jayasi ke kavy ki visheshta

Advertisements

Rajkaran prajapati on 25-03-2020

जायसी के काव्य की विशेषताएं

Ranbeer.baghel on 23-03-2020

Jaysi.ki.kaby.ki.bisesta.

Ajaygupta on 07-03-2020

Jayasi ki Kavya ki visheshta

Aashish on 20-01-2020

Ba1yar Jayasuriya ki Kavya visheshtaen bataiye

जायसी की काव्य भाषा on 08-12-2019

जायसी की काव्य भाषा

चंद्रबरदाई की कावायभाषा और शिल्प on 08-12-2019

चंद्रबरदाई की काव्यभाषा और शिल्प

पंकज on 06-10-2019

Jaisi Kavya visheshta

Deva on 16-09-2019

जायसी प्रेमाख्यान काज्य विशेस्ताय

Rajaram on 14-09-2019

jaysi ke kavy ki Samany visheshtay par Parkash dhaliy

Jaasi ki b.a ki long me vesestaey on 27-08-2019

B.A jaasi ka long me visestay

Advertisements


Advertisements

आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity


इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।

अपना जवाब या सवाल नीचे दिये गए बॉक्स में लिखें।