आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट
GkExams on 26-12-2018
प्रश्न-29 जनवरी, 2018 को संसद में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण, 2017-18 के अनुसार वर्ष 2017-18 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर कितने प्रतिशत रहने का अनुमान है?
(a) 7.5 प्रतिशत
(b) 6.5 प्रतिशत
(c) 8.0 प्रतिशत
(d) 6.75 प्रतिशत
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- 29 जनवरी, 2018 को केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने संसद के पटल पर ‘आर्थिक सर्वेक्षण, 2017-18’ (Economic Survey, 2017-18) प्रस्तुत किया।
आर्थिक सर्वेक्षण, 2017-18 के मुख्य बिंदु- - वर्ष 2017-18 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.75 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- आगामी वित्त वर्ष 2018-19 में इसके 7-7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- स्थायी मूलभूत कीमतों पर ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) में वर्ष 2016-17 में 6.6 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2017-18 में 6.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने की उम्मीद है।
- इसी प्रकार से, वर्ष 2017-18 में कृषि उद्योग और सेवा क्षेत्रों में क्रमशः 2.1 प्रतिशत, 4.4 प्रतिशत और 8.3 प्रतिशत दर की वृद्धि होने की उम्मीद है।
- वर्ष 2017-18 के दौरान औसत मुद्रास्फीति दर विगत 6 वर्षों में सबसे कम रही।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित महंगाई दर 3.3 प्रतिशत रही।
- भारत 3.4 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ वर्ष 2016 के दौरान विश्व में वाणिज्यिक सेवाओं के आठवें सबसे बड़े निर्यातक के रूप में अपना रूतबा बनाए रखने में कामयाब रहा।
- यह विश्व में भारत के वस्तुगत (Merchandise) निर्यात की 1.7 प्रतिशत हिस्सेदारी की तुलना में दुगुनी है।
- भारत के सेवा क्षेत्र में वर्ष 2016-17 में 5.7 प्रतिशत की निर्यात वृद्धि दर दर्ज की गई थी।
- वर्ष 2017-18 की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान सेवा निर्यात और सेवा आयात में क्रमशः 16.2 तथा 17.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
- इस अवधि के दौरान सेवा क्षेत्र से जुड़ी शुद्ध प्राप्तियों में 14.6 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है।
- औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) जो कि आधार वर्ष के साथ एक वॉल्यूम सूचकांक है, में वर्ष 2017-18 अप्रैल-नवंबर के दौरान औद्योगिकी उत्पादन में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित की गई है।
- आईआईपी ने 10.2 प्रतिशत की विनिर्माण वृद्धि के साथ 8.4 प्रतिशत की 25 महीने की उच्च वृद्धि दर दर्ज की।
- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात सीमेंट एवं बिजली जैसे आठ प्रमुख अवसंरचना समर्थक उद्योग में वर्ष 2017-18 के अप्रैल-नवंबर के दौरान 3.9 प्रतिशत की संचयी वृद्धि दर्ज की गई।
- इस अवधि के दौरान कोयला, प्राकृतिक गैस रिफाइनरी उत्पाद, स्टील, सीमेंट एवं बिजली की उत्पादन वृद्धि सकारात्मक रही।
- इस्पात उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई जबकि कच्चे तेल एवं उर्वरक उत्पादन में इस अवधि के दौरान मामूली गिरावट दर्ज की गई। कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आवक में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई अर्थात यह पिछले वर्ष के 55.56 बिलियन डॉलर की तुलना में 2016-17 के दौरान 60.08 बिलियन डॉलर हो गया।
- वर्ष 2017-18 (अप्रैल-सितंबर) में कुल एफडीआई की आवक 33.75 बिलियन डॉलर की रही।
- सर्वेक्षण के अनुसार, दूरसंचार क्षेत्र में भारत नेट और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रम भारत को एक डिजिटल अर्थव्यवस्था में परिवर्तित कर देंगे।
- सितंबर, 2017 के अंत तक भारत में कुल मोबाइल कनेक्शन की संख्या 1207.04 मिलियन थी। इनमें से 501.99 मिलियन ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 705.05 मिलियन शहरी क्षेत्रों में थे।
- वर्ष 2017-18 (अप्रैल-सितंबर) में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 57.5 मिलियन थी। इनमें पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
- ऊर्जा क्षेत्र की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए सर्वेक्षण कहता है कि नवंबर, 2017 तक भारत की ऊर्जा क्षमता 3,30,860.6 मेगावाट हो गई है।
- वर्ष 2017-18 (अप्रैल-अक्टूबर) के दौरान सेवा क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 15.0 प्रतिशत बढ़ा।
- 1 जुलाई, 2017 से जीएसटी के लागू होने के पहले आठ महीने में अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- केंद्र की प्रत्यक्ष कर वसूली में वृद्धि पिछले वर्ष के अनुरूप रही है और 13.7 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ इसके लक्ष्य पर खरा उतरने की उम्मीद है जबकि अप्रत्यक्ष करों में अप्रैल-नवंबर, 2017 के दौरान 18.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- भारत के निर्यात में महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
- वस्तु एवं सेवा के क्षेत्र में भारत के आंतरिक व्यापार की हिस्सेदारी जीडीपी का 60 प्रतिशत है।
- कुल खाद्यान्न उत्पादन 2016-17 के दौरान 275.7 मिलियन टन (चौथा अग्रिम अनुमान) रहा।
- राजकोषीय घाटा बजट अनुमान 2017-18 के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत रहा।
- देश का विदेशी मुद्रा भंडार दिसंबर, 2017 तक 409.4 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया जबकि 2016-17 में यह 370.3 बिलियन डॉलर था।
- 12 जनवरी, 2018 को कुल विदेशी मुद्रा भंडार 413.8 बिलियन डॉलर हो गया।
- जीडीपी के अनुपात के रूप में केंद्र एवं राज्यों द्वारा सामाजिक सेवाओं पर व्यय वर्ष 2012-13 से 2014-15 के दौरान 6 प्रतिशत के दायरे में बना रहा था। वर्ष 2017-18 (बजट अनुमान) में सामाजिक सेवाओं पर व्यय 6.6 प्रतिशत है।
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