विद्यालय का वातावरण कैसा होना चाहिए
विद्यालय वातावरण -
किसी भी विद्यालय की सम्पूर्ण सफलता में भौतिक संसाधनों की व्यवस्था से भी अधिक विद्यालय के शैक्षिक वातावरण की होती हैं। वातावरण सहज, शैक्षिक, रचनात्मक, प्रेरणादायी एवम् अनुशासित हो तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया किया जा सकता हैं।
विद्यालय वातावरण स्थानीय क्षेत्र की स्थितियों, कार्मिको के मानस, परंपराओ, पूर्व अनुभवों, आर्थिक, सामजिक इत्यादि अनेक कारको पर निर्भर हैं। एक संस्थाप्रधान को इन आंतरिक एवम् बाह्य दोनों कारको पर नियंत्रण करना पड़ता हैं। बाह्य कारको को अनुकूल करने से पूर्व आंतरिक कारको पर कार्य करना आवश्यक है।
वातावरण स्थापना हेतु आरम्भिक चरण-
1. राजकीय नियमों की स्थापना- विद्यालय संचालन पूर्णतया राजकीय नियमों, आदेशो, व्यवस्थाओ एवम् नवीनतम निर्देशानुसार किया जाना अनिवार्य हैं। इस हेतु सम्पूर्ण आवश्यक अभिलेख संधारित किये जाने चाहिए। आदेश पञ्जिका, बैठको के माध्यम से समस्त आदेशो व निर्देशो का प्रसारण सुनिश्चित करते हुए विचलित हुए बिना टंकोर व्यवस्था, टाइम टेबल का अनुपालन, नियमित परिविक्षण, मूवमेंट रजिस्टर, अवकाश पंजिका, सहशेक्षिक गतिविधि संचालन सुनिश्चित करना चाहिए।
2. विद्यालय में विद्यार्थी अकारण कक्षा से बाहर नहीं मिले एवम् एकाधिक विद्यार्थी पानी पीने एवम् मूत्रालय जाने के लिए कक्षा त्याग नहीं करे। मध्यांतर समय में विद्यार्थी विद्यालय परिसर से बाहर नहीं निकले, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
3 अध्यापक कालांश परिवर्तन के समय शीघ्र कक्षाओ में चले जाए ताकी विद्यार्थी परिसर में अनावश्यक शोर ना कर पाये। इस हेतु टाइम टेबल निर्माण में कक्षा कक्ष की भौतिक स्थिति का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। शिक्षक साथियो को भी इस क्रम में प्रोत्साहित करना चाहिए।
4. अनुशासन निर्माण हेतु विद्यालय में अनुशासन समिति स्थापित करनी चाहिए, किसी भी प्रकरण को लिखित में प्राप्त कर उसे समिति के समक्ष रखना चाहिए। समिति की सिफारिश पर सम्बंधित के विरुद्ध कार्यवाही के साथ ही उन स्थितियों के कारक की पहचान कर उसे भी पाबंद करना चाहिए। उदाहरण स्वरूप यदि दो छात्र आपस में अध्यापक की अनुपस्थिति में लड़ते है तो उस शिक्षक साथी का भी दोष है, जो की अपनी कक्षा में उपलब्ध नहीं था।
5 किसी भी विद्यालय के वातावरण की अधिकतम जानकारी उसकी प्रार्थना सभा, मध्यांतर एवम् अवकाश के समय विद्यार्थियों के व्यवहार एवम् अध्यापको द्वारा निभाई गई भूमिका से ज्ञात होता है। संस्थाप्रधान को स्वयं इन तीनो समय में नेतृत्व संचालन कर सभी को प्रेरित करना चाहिए।
6 विद्यालय के वातावरण निर्माण में स्वच्छ्ता की अहम् भूमिका हैं। विद्यालय के शोचालय- मूत्रालय अगर स्वच्छ है तो विद्यालय निश्चित रूप से स्वच्छ्ता के नियमों के अनुसार संचालित माना जा सकता हैं।
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7 संस्था के समस्त कार्मिको में यह विश्वास व भावना जाग्रत होनी चाहिए कि विद्यालय के हित से ही समस्त कार्मिकों के हित जुड़े हुए हैं। हम सभी थोड़े से त्याग व व्यावसायिक कुशलता का प्रयोग कर समाज में विभाग का एवम् समूर्ण राष्ट्र का बहुमान प्राप्त कर सकते हैं।
8 विद्यालय समाज सुधारने का आज चाहे स्थान नहीं हो परन्तु ग्रामीण जनता के आकर्षण का केंद्रबिंदु अवश्य होता हैं। विद्यालय से जुड़े प्रत्येक मुद्दे पर जनता जागरूक रहती हैं। आमजनता दुगना बुरा व चौगुना भला करती हैं। इस तथ्य को स्टाफ सदस्यों के मस्तिक्ष में स्तापित करे कि यदि विद्यालय समयानुसार संचालित होकर उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करे तो हमें संसाधनों का मोहताज़ नहीं होना पड़ेगा, समाज सामूहिक रूप से प्रयास कर संसाधनों की स्वतः व्यवस्था कर लेगा।
9. विद्यालय में अनुशासनहीनता इस तथ्य की तरफ स्पस्ट इशारा करती है की विद्यार्थियो की ऊर्जा का उपयोग नहीं किया जा रहा है अतः इस स्थिति में योजना बनाकर विद्यार्थियो को खेलकूद, सहशैक्षिक, रचनात्मक गतिविधियों में सलग्न कर लेना ही एकमात्र उपाय हैं। हमें दंड, आलोचना, अभद्र भाषा, कार्यवाही, निष्कासन इत्यादि से बचना चाहिए।
10. विद्यालय को घर परिवार की तरह नहीं चला सकते परन्तु ममता, स्नेह, समानता, अनुशासन, मितव्ययता, कमजोर को प्राथमिकता, समुहभाव के नियमों को अपनाना श्रेष्ठ है। राजकीय धन को अत्यंत विवेकपूर्ण व पारदर्शी तरीके से व्यय करके भी सकारात्मक वातावरण सृजित किया जा सकता हैं।
Bad
Bharat aur pakistan ki khichi gayi Rekha Redclif hai
School ka saxik mahool Kesha hona chaheye
Vidyalay Mandir Hai Ham use Vidyalay mein rahte hain Hamen uska galat upyog nahin karna chahie Hamen sirf padhaai karna chahie aur usmein Jitna Bhi Sara use Mein karna chahie yaar Hamen usse khelna bhi chahie
Ek Vidyalay ka Swasth vatavaran Kaisa Hona chahie Apne vichar ke anusar Vyakhya karo
A pagal tu pujawa bol
विद्यालय की वातावरण से सम्बन्धी समस्या ओर सुझाव बताए?
Vidyalay ki sthiti kaisi honi chahie
Vidyalay Bhavan ka vatavaran kaisa hona chahie
कक्षा में सार्थक एवं सक्रिय वातावरण का निर्माण कैसे होता है
विद्यालय की संकल्पना कैसी होनी चाइये
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