इष्टतम जनसंख्या सिद्धांत
जनसंख्या का अध्ययन कुछ निश्चित सिद्धांतों पर आधारित है. जनसंख्या तथा संसाधन के बीच सम्बन्ध स्थापित करने के लिए सिद्धांत प्लेटो के समय से प्रतिपादित होते आये हैं. परन्तु 18वीं शताब्दी के समय तथा 19वीं शताब्दी में कई सिद्धांत प्रतिपादित किये गए. इन सभी सिद्धांतों को प्राकृतिक तथा सामजिक सिद्धांतों के वर्गों में बांटा जाता है. प्राकृतिक सिद्धांतों में सबसे महत्त्वपूर्ण माल्थस, माइकल थॉमस सैडलर, थॉमस डबलडे, हरबर्ट स्पेंसर, पर्ल, द कैस्ट्रो आदि सिद्धांत प्रमुख हैं. सामजिक-सांस्कृतिक सिद्धांतों में हैनरी जॉर्ज, आर्सेन ड्यूमाउन्ट, डेविड रिकार्डो तथा कार्ल मार्क्स के नाम उल्लेखनीय हैं.
थॉमस राबर्ट माल्थस ब्रिटेन के निवासी थे और इतिहास तथा अर्थशास्त्र के ज्ञाता थे जिन्होंने वर्ष 1798 में प्रकाशित अपने “प्रिंसिपल ऑफ़ पापुलेशन (Principle of Population)” नामक निबंध में एक ओर तो जनसंख्या की वृद्धि एवं जनसांख्यिकीय परिवर्तनों (demographic changes) तथा दूसरी ओर सांस्कृतिक एवं आर्थिक परिवर्तनों का उल्लेख किया. उनका व्यवहार मानवीय क्योंकि वह सदा ही मानव कल्याण के बारे में सोचते थे. उन्होंने जनसंख्या में होने वाली वृद्धि का मानव पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने का प्रयास किया. यह सर्वविदित है कि जनसंख्या तथा संसाधनों के बीच गहरा सम्बन्ध है. परन्तु माल्थस ने संसाधन शब्द के स्थान पर जीविकोपार्जन के साधन का प्रयोग किया. माल्थस ने अपने सिद्धांत का विकास करते हुए निम्नलिखित दो विशेषताओं की कल्पना की—
उपरोक्त दो विशेषताओं के आधार पर माल्थस ने विचार व्यक्त किया कि मानव में जनसंख्या बढ़ाने की क्षमता बहुत अधिक है और इसकी तुलना में पृथ्वी में मानव के लिए जीविकोपार्जन के साधन जुटाने की क्षमता कम है. माल्थस के अनुसार किसी भी क्षेत्र में जनसंख्या की वृद्धि गुणोत्तर श्रेणी (Geometrical Progression) के अनुसार बढ़ती है, जबकि जीविकोपार्जन में साधन समान्तर श्रेणी (Arithmetic Progression) के अनुसार बढ़ते हैं. इसके अनुसार जनसंख्या की वृद्धि 1, 2, 3, 4, 8, 16, 32, 64, 128, 256……..की दर से बढ़ती है, जबकि जीविकोपार्जन 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 की दर से बढ़ते हैं. अतः शीघ्र ही जनसंख्या इतनी अधिक हो जाएगी कि उसका भरण-पोषण लगभग असंभव हो जायेगा और भुखमरी तथा कुपोषण होना अनिवार्य होगा. माल्थस के अनुसार प्रत्येक 25 वर्षों के बाद जनसंख्या दुगनी हो जाती है. दो शताब्दियों में जनसंख्या और भरण पोषण के साधनों में अंतर 256 तथा 9 और तीन शताब्दियों में 4096 और 13, और दो हजार वर्षों में यह अंतर लगभग अनिश्चित हो जायेगा.
अतः उत्पादन चाहे कितना भी बढ़ जाए, जनसंख्या की वृद्धि दर उससे सदा ही अधिक रहेगी. अंततः मानव की संख्या भुखमरी, बीमारी, युद्ध, लूट-पाट आदि का शिकार होकर कम हो जाएगी. इस प्रकार खाद्य सामग्री की उपलब्ध मात्र जनसंख्या का सबसे बड़ा नियंत्रक है. जहाँ अधिक खाद्य सामग्री उपलब्ध होगी वहाँ मृत्यु दर कम होगी और जनसंख्या स्वतः ही कम हो जाएगी. मृत्यु को जनसंख्या कम करने का सामान्य उपाय (Positive Cheek) माना गया है. मालाथ्स का सिद्धांत (Malthus Theory) स्पष्ट करता है कि –
माल्थस के अनुसार जनसंख्या तथा भरण-पोषण के बीच की खाई अधिक चौड़ी होती जाती है और भरण-पोषण के साधनों पर जनसंख्या का भार बढ़ता जाता है. इसके परिणामस्वरूप पूरा समाज अमर तथा गरीब वर्गों में विभाजित हो जाता है और पूंजीवादी व्यवस्था स्थापित हो जाती है. समृद्ध व धनि लोग, जो उत्पादन प्रणाली के स्वामी होते हैं, लाभ कमाते हैं और धन एकत्रित करते हैं परन्तु जीवन स्तर नीचे गिर जाने के भय से अपनी जनसंख्या में वृद्धि नहीं करते. उपभोग में वृद्धि हो जाने से कुछ वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है. माल्थस ने पूंजीवादी समाज तथा पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का इस आधार पर समर्थन किया है कि यदि पूँजी निर्धनों में बाँट दी जाए तो यह पूँजी उत्पादन प्रणाली निवेश के लिए उपलब्ध नहीं होगी. इस प्रकार धनी निरंतर धनी होते जाएंगे और निर्धन, जिनमें श्रमिक वर्ग भी सम्मिलित हैं, और निर्धन होते जायेंगे. माल्थस के अनुसार जनसंख्या तथा संसाधनों के बीच अंतर इतना अधिक हो जायेगा कि विपत्ति तथा निर्धनता अवश्यम्भावी हो जायेंगे.
Optimum theory of population?
Kishor Shastri ke anusar sharm ki simit aapurti se arthik Vikas sambhav hai
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।