विकलांग शिक्षा योजना
बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम-2009 एक अप्रैल 2010 से लागू हो गया है। इस अधिनियम में विकलांगता वाले बच्चों सहित सभी बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था है। इन विकलांगताओं का विकलांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों की रक्षा और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम-1995 में और स्वलीनता, मस्तिष्क पक्षाघात, मंदबुद्धि और बहु-विकलांगता वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय न्यास अधिनियम-1999 में उल्लेख है। ये विकलांगताएं हैं- (1) अंधता (2) कम दृष्टि (3) उपचारित कुष्ठ रोग (4) बहरापन (5) लोकोमोटर विकलांगता (6) मंदबुद्धि (7) मानसिक रोग (8) स्वलीनता (9) मस्तिष्क पक्षाघात। आरटीई में इसके साथ-साथ बोलने में अक्षमता और सीखने में अक्षमता आदि की परेशानियों वाले 6 से 14 वर्ष की आयु वाले बच्चों के लिए भी पड़ोस के स्कूल में प्राथमिक शिक्षा की सुविधा की व्यवस्था है। सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान के मानदंडों को भी आरटीई, अधिनियम-2009 की व्यवस्थाओं के अनुरूप बना दिया है। सर्वशिक्षा अभियान यह सुनिश्चित करता है कि विशेष आवश्यकता वाले प्रत्येक बच्चे को, चाहे वह किसी प्रकार की विकलांगता से प्रभावित हो, उद्देश्यपूर्ण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए। इसलिए इस अभियान के अंतर्गत किसी को भी शिक्षा देने से इंकार करने का कोई प्रावधान नहीं है। इसका मतलब है कि विशेष आवश्यकताओं वाले किसी भी बच्चे को शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए और उसकी पढ़ाई ऐसे वातावरण में होनी चाहिए, जो उसकी सीख सकने की आवश्यकताओं के अनुरूप हो।
सर्वशिक्षा अभियान में विशिष्ट प्रस्ताव आने पर विकलांग बच्चे के लिए हर साल तीन हजार रूपये देने की व्यवस्था है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए बनाई जाने वाली जिला योजना में तीन हजार रूपये में से एक हजार रूपये की राशि बच्चे को पढ़ाने के लिए बुलाये गए शिक्षक की सेवाओं के लिए रखी जाती है। समावेशी शिक्षा के लिए सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत जिन पहलुओं पर ध्यान दिया जाता है, वे हैं- बच्चों की पहचान, शिक्षा संबंधी औपचारिक मूल्यांकन, आवश्यकता के अनुरूप उचित शिक्षा की व्यवस्था, व्यक्तिगत योग्यता पर आधारित शिक्षा योजना तैयार करना, सहायक और अन्य उपकरणों की व्यवस्था, शिक्षक प्रशिक्षण, बाहरी शिक्षक की सहायता, वास्तु संबंधी अवरोधों को हटाना, अनुसंधान, निगरानी और मूल्यांकन तथा विशिष्ट आवश्यकताओं वाली लड़कियों पर विशेष ध्यान।
विकलांग बच्चों के लिए समन्वित शिक्षा की योजना के स्थान पर 2009-10 में माध्यमिक स्तर पर विकलांग बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा की योजना शुरू की गई थी। इस योजना में नवीं से बारहवीं कक्षा के विकलांग बच्चों को समावेशी शिक्षा के लिए सहायता दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य विकलांगता वाले सभी छात्रों को प्राथमिक शिक्षा के पहले आठ वर्ष पूरे करने के बाद आगे के चार वर्षों की नवीं से बारहवीं तक की माध्यमिक स्तर की समावेशी शिक्षा अनुकूल वातावरण में प्रदान करना है। इस योजना में प्राथमिक विद्यालयों से पास होने वाले तथा सरकारी, नगरपालिका और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त कर रहे ऐसे बच्चे शामिल हैं, जो उपरोक्त अधिनियमों के मानदंडों के अनुसार एक या अधिक विकलांगता से प्रभावित हैं।
माध्यमिक स्तर पर विकलांग बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा की योजना के विभिन्न पहलू हैं - (1) चिकित्सा/शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं का आकलन (2) छात्र की विशिष्ट आवश्यकता वाली सुविधा की व्यवस्था (3) शिक्षा सामग्री का विकास (4) सहायक सेवाएं जैसे विशेष शिक्षकों की व्यवस्था (5) संसाधन कक्षों का निर्माण और उपकरण (6) सामान्य विद्यालय शिक्षकों को प्रशिक्षण ताकि वे विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने की क्षमता प्राप्त कर सकें (7) स्कूलों को अवरोधों से मुक्त रखना। प्रत्येक राज्य में मॉडल समावेशी स्कूलों की स्थापना का भी प्रावधान है। विकलांगता से ग्रस्त लड़कियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है और उनकी सहायता की जाती है ताकि वे माध्यमिक स्कूल में पहुंच सकें। योजना के अंतर्गत लड़कियों की क्षमता का विकास करने के लिए उन्हें आवश्यक जानकारी और मार्गदर्शन भी दिया जाता है। विकलांग लड़कियों के लिए दो सौ रूपये मासिक की छात्रवृत्ति की भी व्यवस्था है।
योजना में शामिल सभी मदों के लिए शत-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता दी जाती है। राज्य सरकारों/केन्द्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभाग इस योजना को लागू करते हैं। योजना को लागू करने में वे विकलांगों की शिक्षा के क्षेत्र में अनुभवी गैर-सरकारी संगठनों की सहायता भी ले सकते हैं।
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत विकलांगता वाले छात्रों को आर्थिक सहायता दी जाती हैं, ताकि वे मान्यता प्राप्त संस्थानों से पेशेवर या तकनीकी पाठ्यक्रमों में शिक्षा प्राप्त करके नौकरी हासिल कर सकें या अपना काम धंधा शुरू कर सकें। योजना के अंतर्गत हर साल देश भर में विकलांगता वाले छात्रों को एक हजार छात्रवृत्तियां दी जाती हैं। इनमें से 30 प्रतिशत छात्रवृत्तियां लड़कियों के लिए आरक्षित हैं। ये छात्रवृत्तियां केवल भारतीय नागरिकों को ही मिल सकती हैं।
वर्ष 2009 में सामाजिक अनुसंधान संस्थान - एसआरआई और भारतीय मार्केट रिसर्च ब्यूरो-आईएमआरबी द्वारा कराए गए एक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण में अनुमान के अनुसार 81 लाख बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। यह संख्या 6 से 13 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की कुल संख्या के 4.28 प्रतिशत के बराबर है। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि विकलांगता वाले कुल बच्चों की संख्या 28.97 लाख है जो बच्चों की कुल संख्या के 1.52 प्रतिशत के बराबर है। विकलांगता वाले बच्चों में से स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या 34.12 प्रतिशत है।
Mera baccha Alok Singh sanketik vidyalay Bareilly mein kaksha 8 mein padta hai aath pura ho jaega to main nine class mein bacche ka admission aapke yahan kaise karvaun yah baccha sun Babul pata nahin hai aapke yahan hostel hai Mera mobile number 8218879744
Mere yahan bacchi viklang hai usko padhaane chahta hun Ek Hath Nahin Ek pair Nahin Hai Ek Hath Nahin Hai Ek pair nahin hai uska naam Mahi Sar Hote Hain
Disability childrens k liye school ki ky facilities hain
Mera ladka 3sal. aur6mhineka hain use autism hai woh kuch bol nhi pata kya uske liye special schoolmain shiksha le payega please help me
Raju singh
Kya koi saharanpur या roorkee me koi school है जिसमें only विकलांग बच्चों को ही study दी जाती हो हमारा bachcha chal nhi पता hai
Kya koi saharanpur या roorkee me koi school है जिसमें only विकलांग बच्चों को ही study दी जाती हो हमारा bachcha chal nhi पता है
9997497834
जो बच्चे खुद से नहीं लिखा सकते
उनका पेपर्स कयसे होता है
10 क्लास में
सरकार विशेष बच्चो को पढाते शिक्षक को जो ट्रस्ट मिला सीधे शिक्षक के खाता बैंक मे मिले किसी संस्था को नही संस्था n.g.o .मे पढाने शिक्षक को दे( विशेष शिक्षक )
Hii
nirdharn kya hote h
Pairon se viklango ke liye Shiksha vyavastha kya hai
Kya yah private school me bhi lagu hota hai sir
अमर ज्योति के अलावा और कौन-सी संस्थाएँ हैं
Sarkari schoolo me divyang bacho ki age limit kitni honi chahiye 12th kitni age me complete karni chahiye
Sarkari schoolo me divyang bacho ki age limit kitni honi chahiye 12th kitni age me complete karni chahiye or school me kitni age ki chhut hai
Kya private school me yh yojna lagu hai 1 sev 8vtk mai or agar hai tou is yojna me student ko jodne ke liye kya kartna padega.
Vishisht balako me samaveshi shiksha ki bhumika
Private school mein bhi Free education hai for disability student ??
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