Praadeshik Asamaanta Kya Hai प्रादेशिक असमानता क्या है

प्रादेशिक असमानता क्या है

Pradeep Chawla on 30-09-2018

यह आम जानकारी की बात है कि निजीकरण-उदारीकरण-वैश्वीकरण के दौर में हर तरह की असमानता बढ़ी है। अमीरों-गरीबों के बीच, उद्योग-कृषि के बीच, शहर-देहात के बीच असमानता बढ़ी है। इसी तरह क्षेत्रीय असमानता भी बढ़ी है।

बढ़ती क्षेत्रीय असमानता का एक आंकड़ा इस प्रकार है।

1960-61 में दिल्ली का प्रति व्यक्ति उत्पाद 668 रुपये था जबकि बिहार का 215 रुपया। 1990-91 में यह आंकड़ा क्रमशः 11057 और 2660 रुपया हो गया। 2014-15 में यह फिर क्रमशः 252011 रुपया तथा 34850 रुपया हो गया। अनुपात के तौर पर देखें तो दिल्ली और बिहार के प्रति व्यक्ति उत्पाद में 1960-61 में अनुपात करीब तीन गुना तक था जो 1990-91 में करीब चार गुने का हो गया। पर उसके बाद के पच्चीस वर्षों में यह तेजी से बढ़कर करीब आठ गुने का हो गया।

दिल्ली देश की राजधानी है जबकि बिहार देश का एक सबसे ज्यादा गरीब प्रदेश। इनके बीच बढ़ती असमानता यह भी दिखाती है कि राजधानी और दूर-दराज के प्रदेश किस तरह से एक दूसरे से दूर जा रहे हैं।

यह कहा जा सकता है कि राजधानी में ज्यादा धनी लोगों तथा कंपनियों के मुख्यालयों के संकेन्द्रण की वजह से वहां प्रति व्यक्ति उत्पाद ज्यादा हो सकता है। पर यदि अन्य ज्यादा आगे बढ़े हुए प्रदेशों महाराष्ट्र से तुलना करें तो भी यह असमानता बढ़ती नजर आयेगी। हां, यह जरूर है कि स्वयं महाराष्ट्र के भीतर देश के सबसे गरीब इलाकों में से कुछ मिल जायेंगे मसलन विदर्भ का इलाका।

ठीक उदारीकरण के दौर में इस क्षेत्रीय असमानता के बढ़ने के निश्चित कारण हैं। उदारीकरण की नीतियां लागू होने के साथ न केवल सरकारों ने उद्योग-धन्धों से अपने हाथ खींचे बल्कि प्रदेश सरकारों ने अपने-अपने यहां देशी-विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए प्रतियोगिता करनी शुरू की। इसके लिए पूंजीपतियों को ज्यादा से ज्यादा छूटें-रियायतें व प्रोत्साहन की घोषणाएं की गईं। देशी-विदेशी पूंजी उधर की ओर ही आकर्षित हुई जहां यह सबसे ज्यादा था। अब सबसे ज्यादा छूटें वे ही प्रदेश दे सकते थे, जो पहले से बेहतर स्थिति में थे यानी आय ज्यादा थी जो पहले से ज्यादा औद्योगीकृत थे। इस तरह वह दुष्चक्र शुरू हुआ जो पहले से आगे बढ़े हुए प्रदेशों को और आगे ले गया। पीछे छूटते प्रदेश और पीछे छूटते चले गये।

पूंजी को आकर्षित करने की इस होड़ ने पूंजीपतियों को और ज्यादा लूट का मौका दिया है और उन्होंने इसका भरपूर फायदा उठाया है। अक्सर ही पूंजीपति इन रियायतों-प्रोत्साहनों का फायदा उठाकर नयी जगह फिर इसी तरह की रियायत-प्रोत्साहन का फायदा उठाने चल देते हैं।

इस प्रवृत्ति में मजदूर वर्ग की सौदेबाजी की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित किया है। फैक्टरी के स्थानांतरण के भय से मजदूर वैसे ही दबाव में रहते हैं ऊपर से प्रदेश सरकारें भी हर तरह से मजदूरों के संगठन और संघर्ष को बाधित करती हैं। ऐसा वे प्रदेश के औद्योगीकरण और पूंजीपतियों को पलायन करने से रोकने के नाम पर करती हैं।

मजदूर वर्ग की इस गिरती हालत के इतर स्वयं पूंजीपति वर्ग के भीतर भी इस बढ़ती असमानता ने आपसी रगड़ को जन्म दिया है। विभिन्न प्रदेशों के क्षेत्रीय पूंजीपति अपने प्रदेश के पिछड़ते जाने से असंतुष्ट हैं। वे अपने प्रदेश के लिए केन्द्र से ज्यादा सहायता की मांग करते हैं। ठीक इसके उलट आगे बढ़े हुए प्रदेशों के पूंजीपति दूसरे तरह की मांग करते हैं। इसी के नतीजे के तौर पर अभी तमिलनाडु की विधानसभा ने माल और सेवा कर विधेयक (जीएसटी बिल) को अनुमोदित नहीं किया।

एक देश, एक भाषा, एक संस्कृति की बात करने वाले संघ परिवार के स्वयं सेवक जब दिल्ली में सत्तानशीन हुए तो उन्होंने सहकारी संघवाद (को-ओपरेटिव फेडरलिज्म) की बात की। जुमले उछालने में उस्ताद इन संघियों ने यह कभी स्पष्ट नहीं किया कि इस जुमले का क्या आशय है, और इसके तहत क्या किया जायेगा।

वैसे उदारीकरण की धुर समर्थक इस केन्द्रीयतावादी सरकार को इसकी चिन्ता भी नहीं है। चिन्ता तो उन्हें होनी चाहिए जो पिछड़ रहे हैं। पर पूंजीपति वर्ग का हिस्सा होने के चलते वे ज्यादा कुछ कर नहीं सकते। ज्यादा से ज्यादा वे यही कर सकते हैं कि बेहतर सौदेबाजी के लिए कोई नया रास्ता ढूंढे। वैसे अब इन रास्तों की गुंजाइश भी बहुत कम रह गई है।

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Comments Pankaj Jangid on 04-05-2023

Bharat me pradeshik asamantaye kya hai

Rekha on 19-02-2022

भारत के विभिन्न भागों में प्रादेशिक असमानता क्यों है?वर्णन कीजिए।

Riyaz Ansari on 31-12-2021

प्रादेशिक असमानता

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Janvi on 17-12-2021

Panji

Kiran on 03-10-2021

Bhart m pardeshik asmanta se sbnad niti kiya hai

Richa on 17-07-2021

Pradeshik asanamta ka prabhav btaiye

Partiksha vishwakar on 11-02-2021

paradesik aasmantaye

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आर्यन on 30-12-2020

प्रादेशिक असमानता के बारे में जानकारी दीजिए

Abdullah on 26-12-2020

Pradeshik asamanta kya h?

Jitendra on 16-05-2020

भारत की प्रादेशिक असामनता के व्याख्या

Vandna on 07-03-2020

Asmanta k karan btaiy...

Dhiraj karn on 09-07-2019

Prathm panchavarshi yojana ke pramukh udeeshy kya the
?

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