कृष्णा नदी जल विवाद
कृष्णा नदी जल विवाद प्राधिकरण (केडब्ल्यूडीटी) ने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मध्य कृष्णा नदी जल बटवारे से संबंधित विवाद पर 30 दिसंबर 2010 को अपना निर्णय दिया. निर्णय के तहत आंध्र प्रदेश को अब कृष्णा नदी से 1001 अरब घन फुट (टीएमसी) कर्नाटक को 911 अरब घन फुट (टीएमसी), महाराष्ट्र को 666 अरब घन फुट (टीएमसी) जल प्राप्त हुआ. निर्णय के पहले आंध्र प्रदेश को 811, कर्नाटक को 734 और महाराष्ट्र को 585 अरब घन फुट फीट पानी मिलता था. प्राधिकरण ने अपने फैसले में कर्नाटक के अलमाटी बांध की ऊंचाई 519.6 से बढ़ाकर 524.256 मीटर करके ज्यादा पानी संग्रह की छूट दे दी. बरसात के दौरान नदी के अतिरिक्त पानी पर आंध्र प्रदेश का 47 प्रतिशत कर्नाटक का 43 प्रतिशत महाराष्ट्र का 17 प्रतिशत हिस्सा रहेगा. प्राधिकरण के फैसले पर अमल के लिए निर्णय के दिन से अगले तीन माह बाद केंद्र कृष्णा जल क्रियान्वयन बोर्ड का गठन करेगी. जल बंटवारे पर किसी तरह की आपत्ति होने पर संबंधित राज्य समीक्षा के लिए तीन माह के भीतर अपील कर सकता हैं. यह निर्णय 31 मई 2050 तक के लिए वैध है. इसके बाद इस निर्णय की समीक्षा की जानी है. सर्वोच्च न्यायालय से अधिकार प्राप्त इस प्राधिकरण के निर्णय को किसी अन्य अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती. प्राधिकरण का निर्णय 2000 पृष्ठों में है. प्राधिकरण ने तीनों राज्यों को निर्देशित किया है कि वे उसके द्वारा निर्धारित उद्देश्य के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए पानी का बहाव न मोड़ें. जल बंटवारे के इस फार्मूले से आंध्र प्रदेश की श्रीसेलम, नागार्जुन सागर, जेरुला और कृष्णा बैराज जैसी सिंचाई परियोजनाओं को लाभ मिलेगा.
गठन: केंद्र सरकार ने जल विवाद अधिनियम के तहत कृष्णा नदी विवाद प्राधिकरण का गठन सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार की अध्यक्षता में 2 अप्रैल 2004 को किया था. तीन सदस्यीय प्राधिकरण के अन्य दो सदस्य इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश एसपी श्रीवास्तव और कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश डीके सेठ थे. इसका उद्देश्य कृष्णा नदी के पानी की हिस्सेदारी और नदी घाटियों को लेकर उत्पन्न विवाद को हल करना था.
विदित हो कि कृष्णा नदी जल विवाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मध्य वर्ष 1957 से चला आ रहा है. इस विवाद को सुलझाने के लिए कई समितियों के अलावा बछावत प्राधिकरण का गठन किया गया था. परन्तु आंध्रप्रदेश ने इसके फैसले पर रोष व्यक्त कर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी.प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी सबसे बड़ी नदी कृष्णा का उदगम महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से होता है. यह महाराष्ट्र में 303 किमी आंध्र प्रदेश में 1300 किमी तथा कर्नाटक में 480 किमी की यात्रा कर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं. कृष्णा नदी में भीमा और तुंगभद्रा दो बड़ी सहायक नदियों सहित 6उप नदियां गिरती हैं.
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।