Vanaspati Udhyan Ke Mahatva वनस्पति उद्यान के महत्व

वनस्पति उद्यान के महत्व

GkExams on 02-11-2018



वनस्पति उद्यान से तात्पर्य एक ऐसे उद्यान से है, जहाँ देश विदेश के विभिन्न प्रकार के पौधों का संकलन हो और साथ ही वनस्पति संबंधी विभिन्न समस्याओं पर अन्वेषण कार्य करने की सुविधा हो। वनस्पति उद्यान में वह सब कुछ तो होता ही है जो एक साधारण उद्यान में, परंतु उसके साथ-साथ वनस्पति से अधिक से अधिक लाभ उठा सकने के उद्देश्य से, यह अनुसंधान कार्य का केंद्र भी होता है। इस प्रकार जहाँ साधारण उद्यान मात्र मनोरंजन के लिए एक सुंदर स्थल होता है, वहाँ वनस्पति उद्यान एक जीति जागती उपयोगी शैक्षणिक संस्था होता है। उदाहरण के लिए हमारे देश में लखनऊ का राष्ट्रीय वनस्पति उद्यान एक ऐसी प्रमुख संस्था है जिसमें वनस्पति विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के अंतर्गत निरंतर उपयोगी अनुसंधान कार्य चलता रहता है। शिवपुर (कलकत्ता), दार्जिलिंग, ऊटकमंड, सहारनपुर, पूर्णें और बंगलुरु में भी वनस्पति उद्यान हैं। विदेश के प्रख्यात वनस्पति उद्यानों में क्यू (इंग्लैंड) का रॉयल बोटैनिक गार्डन, अमरीका के मिजुरी बोटैनिक गार्डन, आरनोल्ड आरबोरेटम और न्यूयार्क बोटैनिक गार्डन, जापान का टोकियो बोटैनिक गार्डन और जावा का बोगोर गार्डन इत्यादि के नाम गिनाए जा सकते हैं।

वनस्पति उद्यान का इतिहास अति प्राचीन है। मनुष्य शुरू में शिकार करके पेट पालता था, परंतु धीरे धीरे उसका ध्यान ऐसे पौधों की ओर आकर्षित होने लगा जो खाने के और दवाइयों के काम में आ सकें और इस प्रकार के पौधे वह अपने आसपास लगाने लगा। संभवत: वनस्पति उद्यान से विकसित हुए हैं जो प्राचीन काल में मंदिरों के आसपास मुख्यत: औषधोपयोगी पौधे उगाने के विचार से लगाए जाते थे। कारनक (मिस्र) के मंदिर के साथ, ईसा से लगभग 1,500 वर्ष पूर्व, एक वनस्पति उद्यान था। यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक जीवशास्त्री अरस्तू ने ईसा से लगभग 350 वर्ष पहले एक वनस्पति उद्यान लगाया था। आगे चलकर यूरोप में सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्दी में जड़ी बूटियों के गुणज्ञों तथा व्यवसायियों ने वनस्पति उद्यान के विकास में महत्वपूर्ण योग दिया।

भारत की प्राचीन पौराणिक कथाओं तथा प्रचलित किंवदंतियों के आधार पर हम कह सकते हैं कि भारत में वनस्पति उद्यान की नींव ईसा से कई हजार वर्ष पहले पड़ चुकी थी। भारत के अत्यंत प्राचीन ग्रंथों, जैसे वेदादि में पौधों का वर्गीकरण मिलता है। जीवक ने ईसा से 528 वर्ष पूर्व तक्षशिला के आसपास के पौधों का वर्णन किया है। अशोक महान्‌ (ईसा से लगभग 225 वर्ष पहले) के शिलालेखों से ज्ञात होता है कि उस समय औषधोपयोगी पौधे तथा फल वृक्ष बाहर से मँगाकर वनस्पति उद्यानों में लगाए जाते थे। इसके बाद भी बाग लगाने की प्रथा भारत में जारी रही, चाहे वे केवल मनोरंजन के लिए ही क्यों न लगाए गए हों। ईस्ट इंडिया कंपनी तथा उसकी उत्तराधिकारी सरकार ने अठारहवीं तथा उन्नसवीं शताब्दी में जगह जगह बाग लगाए, जो कंपनी बाग के नाम से प्रसिद्ध हुए। ये बाग आरंभ में तो केवल सामाजिक कार्यक्रमों के केंद्र अथवा आमोद-प्रमोद के क्रीड़ास्थल ही रहे, किंतु धीरे धीरे इनमें से कुछ वनस्पति उद्यानों में परिवर्तित हो गए।

वनस्पति उद्यान के कार्यों की रूपरेखा निर्धारित करने में यद्यपि विभिन्न देशों के वनस्पति विज्ञानी आपस में एकमत नहीं हैं, फिर भी इतना सब मानते हैं कि वनस्पति उद्यान एक ऐसी सार्वजनिक शैक्षिक संस्था होनी चाहिए जहाँ वनस्पति से लाभ उठाने के लिए अनुसंधान कार्य किए जाएँ, विशेषतया उन पौधों पर जो उस संस्था के क्षेत्र में पाए जाते हैं। वनस्पति उद्यान का कार्यक्षेत्र अधिकतर इस बात पर निर्भर रहता है कि यह किस प्रदेश में स्थित है और किस संस्था से संबंधित है। पर हम यह जरूर कह सकते हैं कि यह वनस्पति उद्यानों का कार्य होगा कि वे पौधों के प्रति जनता में सुरुचि उत्पन्न कर, उनका ज्ञानवर्धन करें, जिससे वनस्पति विज्ञान के विकास में जनता का वांछित सहयोग प्राप्त हो सके। इतना ही नहीं, वरन्‌ वनस्पति विज्ञान, उद्यान विज्ञान तथा दूसरे संबंधित विषयों की प्राविधिक शिक्षा का प्रबंध भी वनस्पति उद्यान में होना चाहिए। वनस्पति उद्यान में एक सुव्यवस्थित वनस्पति संग्रहालय (herbarium) का होना अनिवार्य है, जहाँ पौधों के नमूनों का संग्रह हो, जिससे सारे संसार की वनस्पति का, मुख्यतया अपने देश की वनस्पति का, ज्ञान प्राप्त करने में सहायता मिले। इन उद्यानों में अपने और अन्य देशों के पौधे इस प्रकार लगाए जा सकते हैं कि विभिन्न प्राकृतिक वनस्पति क्षेत्रों का दिग्दर्शन कराया जा सके। दुनियाँ में किस किस तरह के, किन किन विधियों से बाग लगाए जाते हैं, इसका नमूना भी वनस्पति उद्यान में दिखाया जा सकता है। वनस्पति उद्यान में एक प्रजनन विभाग का होना भी आवश्यक है, जिससे उपयोगी पौधों की वंशवृद्धि और नस्ल सुधारने का कार्य सुचारु रूप से किया जा सके। इस प्रकार वनस्पति उद्यान के विभिन्न कार्यों से कृषि, वन विज्ञान तथा दूसरे सबंधित विषयों को भी लाभ पहुंचता है।

वनस्पति उद्यान हमारा चित्त प्रसन्न करने के साथ साथ हमें अपनी प्राकृतिक संपत्ति का उपभोग और उपयोग करना सिखाता है। यह हमारी भूमि संबंधी समस्याओं को सुलझाने में योग देता है। औषधोपयोगी तथा दूसरे सभी प्रकार के पौधों के विषय में प्रत्येक प्रकार की जानकारी वनस्पति उद्यान से प्राप्त की जा सकती है। पौधों की सही सही पहचान, उनके विस्तार, फैलाव संबंधी तथ्य हम सहज ही वनस्पति उद्यान से प्राप्त कर सकते हैं। पौधों की रोपण संबंधी कठिनाइयों का निदान भी वनस्पति उद्यान के प्रमुख कार्यों में से गिना जाएगा। इस प्रकार वनस्पति उद्यान किसी देश की औद्योगिक प्रगति में सहायक हो सकता है।

Advertisements


Advertisements


Comments Uma rajput on 25-04-2024

Botanical Garden pr tippani

Raja babu on 28-09-2020

Vanspati Vigyan ki kya mahatva hai udaharan sahit

Kuldeep kumar on 03-10-2018

6397815977

Advertisements


Advertisements

आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity


इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।

अपना जवाब या सवाल नीचे दिये गए बॉक्स में लिखें।