Pashann Kaal Ki Paribhasha पाषाण काल की परिभाषा

पाषाण काल की परिभाषा

GkExams on 05-03-2023


पाषाण काल की परिभाषा : इसे सरल शब्दों में समझें तो जिस काल में मानव अपने औजार और हथियार पत्थर के बनाते थे उसे पाषाणकाल (Stone Age In Hindi) कहते हैं। इसके तीन चरण माने जाते हैं, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ से लेकर काँस्य युग तक फैला हुआ है।


1. पुरा पाषाण काल (Paleolithic Period In Hindi) :




यह प्रौगएतिहासिक युग का वह समय है जब मानव ने पत्थर के औजार बनाना सबसे पहले आरम्भ किया था। इस काल का समय 25 लाख ईसा पूर्व से लेकर 10000 ईसा पूर्व तक का माना जाता है। भारत में इसके अवशेष सोहन, बेलन तथा नर्मदा नदी घाटी में प्राप्त हुए हैं।


Paleolithic Art :







इस कालखंड में मानव एक शिकारी व खाद्य संग्राहक के रूप में अपना जीवन व्यतीत करता था। इस दौर में मानव को पशुपालन व कृषि का ज्ञान नहीं था। इतिहास के इस समय में मानव आग से परिचित तो था, लेकिन वह उसका समुचित उपयोग करना नहीं जानता था।


इस काल के बाद मध्यपाषाण युग का प्रारंभ हुआ जब मानव ने खेती करना शुरु किया था। पुरापाषाण काल में हाथ से बने अथवा प्राकृतिक वस्तुओ का औजार (paleolithic tools) के रूप मे उपयोग – भाला, कुल्हाड़ी, धनुष, तीर, सुई तथा गदा का प्रयोग होने लगता था।


पुरापाषाण काल के मानव द्वारा प्रयुक्त होने वाले हथियारों के स्वरूप और जलवायु में होने वाले परिवर्तनों के आधार पर इसे तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है, जो इस प्रकार है...


(i) निम्न या पूर्व-पुरापाषाण काल (The Lower Paleolithic Age) :


इस काल का समय 25 लाख ईसा पूर्व से 1 लाख ईसा पूर्व था।


(ii) मध्य-पुरापाषाण काल (The Middle Paleolithic Age) :


इस काल का समय 1 लाख ईसा पूर्व से 40,000 ईसा पूर्व था।


(iii) उच्च-पुरापाषाण काल (The Upper Paleolithic Age)


इस काल का समय 40,000 ईसा पूर्व से 10,000 ईसा पूर्व था।


2. मध्य पाषाण काल के बारें में (Mesolithic In Hindi) :




आपको बता दे की पुरापाषाण युग के बाद में मध्य पाषाण काल आया। जिसे उत्तरीय प्रस्तर का काल भी कहा जाता है। जो लगभग 9000 इसवी पूर्व से 4000 इसवी पूर्व (mesolithic age in india) तक का काल है। इस युग को मध्य पाषण युग इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह युग पुरा पाषाण युग और नव पाषाण युग के बीच का काल है।





वैसे मध्यपाषाण युग में लोग मुख्य रूप से पशुपालक थे। मनुष्यों ने इन पशुओं को चारा खिलाकर पालतू बनाया। इस प्रकार मध्यपाषाण काल में मनुष्य पशुपालक बना। इस युग में मनुष्य खेती के साथ-साथ मछली पकड़ना, शहद जमा करना, शिकार करना आदि कार्य करता था।


वहीँ हथियारों (mesolithic tools) की बात करें तो मध्य पाषाण काल के प्रमुख औजार फलक, पॉइंट, खुरचन, उत्कीर्णक, चंद्राकार, त्रिभुजाकार, वेधनी जैसे कई सूक्ष्म पाषाण उपकरण थे।


मध्यपाषाण काल में क्या बदलाव आए?




यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा मध्यपाषाण काल में आए बदलावों के बारें में अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • जीवन शैली में बदलाव हुआ।
  • अग्नि का उपयोग होने लगा।
  • तीर-कमान का उपयोग भी होने लगा।
  • तापमान में वृद्धि हुई।
  • पशु और वनस्पति में भी बदलाव आये।



  • 3. नवपाषाण काल के बारें में (About Neolithic Period In Hindi) :




    'नियोलिथिक (Neolithic) शब्द दो यूनानी शब्दों नियो (अर्थात नया या नव) और लिथोस (मतलब पत्थर या पाषाण) से मिलकर बना है। इसका काल विस्तार 6 हजार वर्षों में लगभग 12 हजार वर्ष (neolithic period timeline) पूर्व से लेकर 6 हजार वर्ष पूर्व के बीच फैला हुआ है।


    Neolithic Tools :







    इस काल में खेती और पशुपालन के प्रादुर्भाव के साथ ही धर्म और समाज से सम्बन्धित आचार व्यवहारों का विकास हुआ। इसके अलावा इस काल में अंत्येष्ठि संस्कार प्रचलित था। जानकारी रहे की नियोलिथिक शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग सर जॉन लुबाक ने 1865 ई. में किया था।


    भारत में इस काल के स्थानों के बारें में जिक्र करें तो दक्षिण भारत के कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु से कुछ नवपाषाण कालीन स्थल पाए गए। यहाँ की खुदाई में अनेक मृदाभांड तथा उपकरणों की प्राप्ति हुई है। कर्नाटक में मुख्य पुरास्थलों में मास्की, ब्रह्मगिरि, सगनकल्लू, हल्लूर, पिक्तीहल तथा नरसीपुर आदि है तो वहीं आंध्र प्रदेश से नागार्जुनकोंडा, इतनूर आदि प्रमुख स्थल हैं।


    नवपाषाण काल की विशेषतायें :




    यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा नवपाषाण काल की विशेषताओं (neolithic age achievements) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • कृषि कार्य का प्रारम्भ
  • पशुपालन का विकास
  • पत्थर के औजारों का घर्षित
  • पॉलिशदार उपकरणों का निर्माण
  • ग्राम समुदाय का प्रारम्भ



  • नवपाषाण काल के औजार :




    इस काल में जिन औजारों (neolithic tools) का प्रयोग किया जाने लगा वो इस प्रकार है...


  • हथौडे़
  • छैनी
  • खुर्पा
  • कुदाल
  • हल
  • हसिया
  • कुल्हाडी
  • सिलकर



  • नवपाषाण युग मुख्य रूप से व्यवस्थित कृषि के विकास और पॉलिश (Polished) किए गए पत्थरों से बने उपकरणों और हथियारों के उपयोग के लिए प्रसिद्ध है।

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    Comments संजय यादव on 10-03-2022

    पाषाण काल का परिभाषा

    Nitin on 02-01-2022

    पाषाण काल के परिभाषा

    Pashann kaal ki paribhaasha on 11-10-2021

    Pashaan kaal ki paribhaasha

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