परीक्षा गुरु उपन्यास pdf
परीक्षा गुरू का प्रथम था जिसकी रचना के प्रसिद्ध नाटककार ने 25 नवम्बर,1882 को की थी।
लाला श्रीनिवास कुशल महाजन और व्यापारी थे। अपने उपन्यास में उन्होंने मदनमोहन नामक एक रईस के पतन और फिर सुधार की कहानी सुनाई है। मदनमोहन एक समृद्ध वैश्व परिवार में पैदा होता है, पर बचपन में अच्छी शिक्षा और उचित मार्गदर्शन न मिलने के कारण और युवावस्था में गलत संगति में पड़कर अपनी सारी दौलत खो बैठता है। न ही उसे आदमी की ही परख है। वह अपने सच्चे हितैषी ब्रजकिशोर को अपने से दूर करके चुन्नीलाल, शंभूदयाल, बैजनाथ और पुरुषोत्तम दास जैसे कपटी, लालची, मौका परस्त, खुशामदी "दोस्तों" से अपने आपको घिरा रखता है। बहुत जल्द इनकी गलत सलाहों के चक्कर में मदनमोहन भारी कर्ज में भी डूब जाता है और कर्ज समय पर अदा न कर पाने से उसे अल्प समय के लिए कारावास भी हो जाता है।
इस कठिन स्थिति में उसका सच्चा मित्र ब्रजकिशोर, जो एक वकील है, उसकी मदद करता है और उसकी खोई हुई संपत्ति उसे वापस दिलाता है। इतना ही नहीं, मदनमोहन को सही उपदेश देकर उसे अपनी गलतियों का एहसास भी कराता है।
उपन्यास 41 छोटे-छोटे प्रकरणों में विभक्त है। कथा तेजी से आगे बढ़ती है और अंत तक रोचकता बनी रहती है। पूरा उपन्यास नीतिपरक और उपदेशात्मक है। उसमें जगह-जगह इंग्लैंड और यूनान के इतिहास से दृष्टांत दिए गए हैं। ये दृष्टांत मुख्यतः ब्रजकिशोर के कथनों में आते हैं। इनसे उपन्यास के ये स्थल आजकल के पाठकों को बोझिल लगते हैं। उपन्यास में बीच-बीच में संस्कृत, हिंदी, फारसी के ग्रंथों के ढेर सारे उद्धरण भी ब्रज भाषा में काव्यानुवाद के रूप में दिए गए हैं। हर प्रकरण के प्रारंभ में भी ऐसा एक उद्धरण है। उन दिनों काव्य और गद्य की भाषा अलग-अलग थी। काव्य के लिए ब्रज भाषा का प्रयोग होता था और गद्य के लिए खड़ी बोली का। लेखक ने इसी परिपाटी का अनुसरण करते हुए उपन्यास के काव्यांशों के लिए ब्रज भाषा चुना है।
उपन्यास की भाषा हिंदी के प्रारंभिक गद्य का अच्छा नमूना है। उसमें संस्कृत और फारसी के कठिन शब्दों से यथा संभव बचा गया है। सरल, बोलचाल की (दिल्ली के आस-पास की) भाषा में कथा सुनाई गई है। इसके बावजूद पुस्तक की भाषा गरिमायुक्त और अभिव्यंजनापूर्ण है। वर्तनी के मामले में लेखक ने बोलचाल की पद्धति अपनाई है। कई शब्दों को अनुनासिक बनाकर या मिलाकर लिखा है, जैसे, रोनें, करनें, पढ़नें, आदि, तथा, उस्समय, कित्ने, उन्की, आदि। “में” के लिए “मैं”, “से” के लिए “सैं”, जैसे प्रयोग भी इसमें मिलते हैं। कुछ अन्य वर्तनी दोष भी देखे जा सकते हैं, जैसे, समझदार के लिए समझवार, विवश के लिए बिबश। पर यह देखते हुए कि यह उपन्यास उस समय का है जब हिंदी गद्य स्थिर हो ही रहा था, उपन्यास की भाषा काफी सशक्त ही मानी जाएगी।
इस उपन्यास की भाषा का एक बानगी –
“सुख-दुःख तो बहुधा आदमी की मानसिक वृत्तियों और शरीर की शक्ति के आधीन है। एक बात सै एक मनुष्य को अत्यन्त दःख और क्लेश होता है वही दूसरे को खेल तमाशे की-सी लगती है इसलिए सुख-दुःख होनें का कोई नियम मालूम होता” मुंशी चुन्नीलाल नें कहा।
“मेरे जान तो मनुष्य जिस बात को मन सै चाहता है उस्का पूरा होना ही सुख का कारण है और उस्मैं हर्ज पड़नें ही सै दुःख होता है” मास्टर शिंभूदयाल ने कहा।
“तो अनेक बार आदमी अनुचित काम करके दुःख में फँस जाता है और अपनें किये पर पछताता है इस्का क्या कराण? असल बात यह है कि जिस्समय मनुष्य के मन मैं जो वृत्ति प्रबल होती है वह उसी के अनुसार काम किया चाहता है और दूरअंदेशीकी सब बातों को सहसा भूल जाता है परन्तु जब वो बेग घटता है तबियत ठिकानें आती है तो वो अपनी भूल का पछताबा करता है और न्याय वृत्ति प्रबल हुई तो सब के साम्हने अपनी भूल का अंगीकार करकै उस्के सुधारनें का उद्योग करता है पर निकृष्ट प्रवृत्ति प्रबल हुई तो छल करके उस्को छिपाया चाहता है अथवा अपनी भूल दूसरे के सिर रक्खा चाहता है और एक अपराध छिपानें के लिये दूसरा अपराध करता है परन्तु अनुचित कर्म्म सै आत्मग्लानि और उचित कर्म्म सै आत्मप्रसाद हुए बिना सर्वथा नहीं रहता” लाला ब्रजकिशोर बोले। (सुख-दुःख, प्रकरण से)
Wow, marvelous weblog format How long have you been running a blog for? you made running a blog look easy. The whole glance of your site is wonderful, let alone the content material You can see similar: Quorionex.top and here Quorionex.top
Bhidhaya pati ka kavi parichay pashtut kare
आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।