पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है
कक्षा 6 की पाठ्य पुस्तक में आकाशीय पिंडों के संबंध में लिखा है कि यह तीन प्रकार के होते हैं - तारा, ग्रह एवं उपग्रह। यह भी बताया गया है कि तारा उन आकाशीय पिंडों को कहते हैं जिनका स्वयं का प्रकाश होता है जबकि ग्रह एवं उपग्रह का स्वयं का प्रकाश नहीं होता है। पुस्तक में कहा गया है कि हमारा सूर्य एक तारा है और पृथ्वी के तथा अन्य ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं तथा उपग्रह ग्रहों के चारों ओर घूमते हैं, जैसे पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा, पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। यहां एक ही प्रैराग्राफ में बहुत सी कठिन बातें कह दी गई हैं। हम इन बातों को इस प्रकार समझाने का प्रयास करेंगे जिससे बच्चे इन कठिन अवधारणाओं को आसानी से समझ सकें।
तारा, ग्रह और उपग्रह को समझने के पूर्व हमें अपनी पृथ्वी के बारे में कुछ बाते अच्छी तरह से समझने की आवश्यकता है। पहली बात तो यह समझना है कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है। उसके बाद यह समझने का प्रयास करना है कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। इसके बाद यह समझने का प्रयास करेंगे कि चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। इस सब बातों को समझने पर हम तारा, ग्रह और उपग्रह के अंतर भी बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।
हम प्रतिदिन देखते हैं कि सूर्य पूर्व से उदय होता है और पश्चिम में अस्त होता है। इसी प्रकार यदि हम रात के समय आकाश को देखें तो रात्रि आकाश के तारे भी पूर्व से पश्चिम की ओर जाते हुए दिखते हैं। इस घटना के दो कारण हो सकते हैं। पहला तो यह कि पृथ्वी स्थिर है और सूर्य तथा तारे पृथ्वी के चारों ओर एक समान गति से पूर्व से पश्चिम की ओर लगातार घूम रहे हैं, और दूसरा कारण यह हो सकता है कि पृथ्वी ही पश्चिम से पूर्व की ओर घूम रही है जिससे सूर्य एवं तारे पूर्व से पश्चिम की ओर घूमते हुए प्रतीत होते हैं। बच्चों ने किसी बस या अन्य तीव्र गति वाहन में सफर अवश्य किया होगा। उन्हें उदाहरण देकर बताया जा सकता है कि जब हम चलती हुई बस की खिड़की से बाहर देखते हैं, तो हमें पेड़-पौधे और अन्य वस्तुएं पीछे की ओर जाती दिखाई देती हैं, जबकि वास्तव में वे स्थिर होती हैं और बस आगे की ओर जा रही होती है। यह कल्पना करना थोड़ा मुश्किल है कि सूर्य और सभी तारे एक ही गति से एक ही दिशा में लगातार घूम रहे हैं। यदि वे घूम भी रहे होते तो भी उनकी दूरी और आकार अलग-अलग होने के कारण घूमने की गति अलग-अलग होनी चाहिये थी। फिर यदि हम प्रत्येक रात को आकाश को देखें तो हमें इन तारों की आपस की दूरी कम या अधिक होती हुई दिखाई है। परंतु यदि सभी तारे एक ही गति से एक ही दिशा में पृथ्वी के चारों ओर घूम रहे हैं तो इनकी आपस की दूरी कम-ज्यादा नहीं होना चाहिये।
इसे और बेहतर ढंग से समझाने के लिये हम बच्चों को फोको के पेंडुलम के बारे में बता सकते हैं। बहुत पहले वैज्ञानिकों ने सोचा कि पृथ्वी के घूमने को सिध्द करने के लिये यह देखा जा सका है कि बहुत ऊंचे स्थान से नीचे गिरने वाली वस्तुऐ सीधी गिरेंगी या फिर पूर्व की ओर विचलित होकर गिरेंगी। यदि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूम रही है तो गिरने वाली वस्तुओं को पूर्व की ओर विचलित होना चाहिये। अनेक वैज्ञानिकों ने ऊंचे स्थानों से वस्तुओं को गिराकर इस विचलन का माप लिया और देखा कि गिरने वाली वस्तुएं वास्तव में पूर्व की ओर विचलित होती हैं। परंतु यह विचलन इतना कम होता है कि साधारण लोगों के लिये इसे देखना कठिन है। फोको नामक वैज्ञानिक ने सोचा कि यदि एक पेंडुलम के माध्यम से इस बात को देखा जाये तो यह पेंडुलम धूमता हुआ दिखाई देगा। यह सोचकर उसने वर्ष 1851 में पेरिस नगर में पैंथियन नामक भवन में एक बड़ा सा पेंडुलम लगाया। यह पेंडुलम वास्तव में घूमता रहता है। आज दुनिया के अनेक विज्ञान संग्रहालयों में फोको के पेंडुलम लगाये गये हैं जो यह सिध्द करते हैं कि पृथ्वी वास्तव में घूम रही है।
पृथ्वी के घूमने पर पेंडुलम क्यों घूमता है इसे नीचे चित्र में समझाया गया है। इसे इस प्रकार समझें कि पेंडुलम एक ही दिशा में आगे-पीछे हो रहा है जबकि पृथ्वी लगातार घूम रही है। जब तक पेंडुलम एक छोर से दूसरे छोर तक वापस आता है तब तक उसके नीचे की पृथ्वी थोड़ा सा पश्चिम दिशा में घूम चुकी होती है इसलिये पेंडुलम पूर्व दिशा में घूमता हुआ दिखाई देता है। 30 डिग्री अक्षांश पर यह पेंडुलम 2 दिनों में एक चक्कर पूरा लगा लेगा। यह भूमध्य रेखा पर बिल्कुल भी नहीं घूमेगा -
ध्रुवों पर यह एक दिन में पूरा 360 डिग्री का चक्कर लगा लेगा
शिकागो स्थित फोको के पेंडुलम का एक विडियो यहां नीचे दिखाया गया है।
Prithvi apni duri par ghumti hai hai isase. bante Hain
Prithvi aapni dhuri per ghumti he ye kisne sidh kiya tha
Prithvi apni duri par ghumti hai
Prithvi apni doori par ghoomti hai isse kya banta hai
पृथ्वी अपनी धुरी पर घुमती है
PRITHVI APNAI THURI DAVAL GHUMAN NU KI KHA JNDA HA
Prithavi apne disha m ghumti h isse.....or......bante h
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