Suryamall Mishrann Ki Kavita सूर्यमल्ल मिश्रण की कविता

सूर्यमल्ल मिश्रण की कविता

Pradeep Chawla on 28-09-2018

लाऊं पै सिर लाज हूँ ,सदा कहाऊं दास /

गणवई गाऊं तुझ गुण,पाऊं वीर प्रकास// / सरलार्थ -गणवई=गणेश

,पै=पैर

2-आणी उर जाणी अतुल ,गाणी करण अगूढ़ /

वाणी जगराणी वले, मैं चीताणी मूढ़ // सरलार्थ - आणी =आना ,उर =ह्रदय ,चींतानी=चिन्तित,मूढ़ = मूर्ख ,वाणी =सरस्वती

3-वेण सगाई वालियां ,पेखीजे रस पोस /

वीर हुतासन बोल मे ,दीसे हेक न दोस// सरलार्थ -वेण सगाई =एक राजस्थानी अलंकार ,वालियां =लेन पर ,पेखीजे =देखना ,हेक =एक भी

4-बीकम बरसा बीतियो ,गण चौ चंद गुणीस/

विसहर तिथि गुरु जेठ वदी ,समय पलट्टी सीस //सरलार्थ - बीकम बरसा =विक्रम संवत ,गण चौ चंद गुणीस =उन्नीस सौ चौदह गिनो ,विसहर तिथि =नागपंचमी, गुरु=गुरुवारअर्थातविक्रम संवत 1914 में से 57वर्ष घटा देने पर 1857 निकल कर आता है

5- इकडंडी गिण एकरी ,भूले कुल साभाव /

सुरां आल ऐस में,अकज गुमाई आव // सरलार्थ -एक डंडी =एकक्षत्र शासन ,साभाव =स्वाभाव ,सूरां =योध्या ,गुमाई =गंवा दी , अकज =बिना कार्य के .

6- इण वेला रजपूत वे ,राजस गुण रंजाट /

सुमरण लग्गा बीर सब,बीरा रौ कुलबाट//सरलार्थ -वेला =समय,रंजाट =रंग गए ,कुलबाट =कुल की परम्परा /

7 - सत्त्सई दोहमयी ,मीसण सूरजमाल /

जपैं भडखानी जठे,सुनै कायरा साल //सरलार्थ =सतसई -सात सौ छंदों की रचना ,जपै=रचना करना ,मीसण=मिश्रण चारण जाति



8- नथी रजोगुण ज्यां नरां,वा पूरौ न उफान/

वे भी सुणता ऊफानै ,पूरा वीर प्रमाण//सरलार्थ -नथी = नहीं ,रजोगुण =वीरत्व ,

9- जे दोही पख ऊजला ,जूझण पूरा जोध /

सुण ता वे भड सौ गुना ,बीर प्रगासन बोध // सरलार्थ-जे =जो ,भड=योद्धा ,जूझण=युद्ध में पख =माता -पिता दोनों पक्ष ,

10- दमगल बिण अपचौ दियण,बीर धणी रौ धान /

जीवण धण बाल्हा जिकां ,छोडो जहर सामान // सरलार्थ-दमंगल =युद्ध ,अपचौ=अजीर्ण,धनी=स्वामी ,धण=स्त्री ,बाल्हा =प्रिय, जिकां = जिनको

11- नहं डांकी अरि खावणौ ,आयाँ केवल बार /

बधाबधी निज खावणौ ,सो डाकी सरदार // सरलार्थ -डाकी =वीर,योद्धा ,बधा बधी =प्रतिस्पर्धा /

12 -डाकी डाकर रौ रिजक ,ताखां रौ विष एक /

गहल मूवां ही ऊतरै ,सुणिया सूर अनेक // सरलार्थ -रिजक =रोटी अन्न ,ताखां=तक्षक सर्प ,गहल =जहर ,नशा ,मूवां =मरने पर /

13 -डाकी डाकर सहण कर ,डाकण दीठ चलाय /

मायण खाय दिखाय थण ,धण पण वलय बताय //

14 - सहणी सबरी हूँ सखी ,दो उर उलटी दाह /

दूध लजाणों पूत सम ,बलय लाजणों नाह //

15 - जे खल भग्गा तो सखी ,मोताहल सज थाल /

निज भग्गा तो नाह रौ ,साथ न सूनो टाल //

Advertisements


Advertisements


Comments Prafull dadhich on 26-09-2023

Veer satsai ko pura konse kiya

Prafull dadhich on 23-07-2023

Veer satsai ko pura kisne kiya

Rajsthan ka lok darpan kise kha jata h on 10-06-2020

Vv

Advertisements


Advertisements

आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity


इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।

अपना जवाब या सवाल नीचे दिये गए बॉक्स में लिखें।