Marwad Kisaan Andolan मारवाड़ किसान आंदोलन

मारवाड़ किसान आंदोलन

GkExams on 15-02-2019

मारवाड़ किसान आंदोलन (1923-1947)


➤ मारवाड़ के किसान आंदोलन का सूत्रपात सन् 1922 में हो गया जब बाली व गोडबाड़ के भील-गरासियों ने मोतीलाल तेजावत के एकी आंदोलन से प्रभावित होकर जोधपुर राज्य को लगान देने से इंकार कर दिया।


➤ मारवाड़ हितकारिणी सभा ने जयनारायण व्यास के नेतृत्व में मादा गाय, भैंस और बकरी को राज्य से बाहर मुम्बई, अहमदाबाद, नसीराबाद और अजमेर भेजने के विरूद्ध जन आंदोलन किया।


➤ अगस्त 1924 में यह आंदोलन सफल हो गया और राज्य ने मादा पशुओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।


➤ सन 1929 को मारवाड़ हितकारिणी सभा ने जागीरों के किसानों को लाग-बाग तथा शोषण से मुक्ति दिलवाने के लिए पुनः आंदोलन चलाया।


➤ इस समय किसानो को 136 तरह की लाग और बेगार देनी पड़ती थी।


➤ जयप्रकाश नारायण के तरूण राजस्थान समाचार पत्र में इस आंदोलन को प्रमुखता से छापा गया।


➤ जोधपुर राज्य ने तरूण राजस्थान पर प्रतिबंध लगाते हुए 20 जनवरी 1930 को जयनारायण व्यास, आन्नदराज सुराणा तथा भंवर लाल सर्राफ को बंदी बना लिया।


➤ ठिकाने के खिलाफ 7 सितम्बर 1939 को लोक परिषद के नेतृत्व में किसानो ने लाग-बाग की समाप्ति के लिए आंदोलन किया और लाग-बाग देना बंद कर दिया।


➤ 28 मार्च 1942 को लाडनूं में उत्तरदायी शासन दिवस मनाने के लिए आये लोक परिषद कार्यकताओं पर लाठियों और भालों से हमला हुआ।


➤ महात्मा गांधी सहित कई नेताओं ने घटना की चारो तरफ निंदा की।


➤ लोक परिषद तथा किसान सभा के नेता 3 मार्च 1947 में आयोजित किसान सम्मेलन में भाग लेने के लिए डीडवाना स्थित डाबडा पहुंचे।


➤ इनमें मथुरादास माथुर, द्वारका प्रसाद राजपुरोहित, राधाकृष्ण बोहरा ‘तात’ नृसिंह कच्छावा के नेतृत्व में पांच-छह सौ जाट किसान सम्मिलित थे।


➤ सम्मेलन पर हमला हुआ और दोनों तरफ से हिंसा का प्रयोग किया गया।


➤ जागीरदार की ओर से महताब सिंह और आंदोलनकारियों की ओर से जग्गू जाट तथा चुन्नीलाल मारे गए।


➤ डाबडा में पनाराम चैधरी और उनके पुत्र मोतीराम को लोक परिषद नेताओं को शरण देने के कारण मारा गया।


➤ इस हिंसा की पूरे देश के अखबारों सहित राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने आलोचना की।


➤ जून 1948 में जयनारायण व्यास के नेतृत्व में आजाद भारत में राजस्थान के मंत्रीमण्डल में नाथूराम मिर्धा कृषि मंत्री बने और 6 अप्रेल 1949 को मारवाड़ टेनेन्सी एक्ट 1949 से किसानों को खातेदारी अधिकार प्राप्त हो गए।



अलवर किसान आंदोलन


➤ अलवर रियासत में 80 प्रतिशत भूमि खालसा थी और केवल 10 प्रतिशत जागीरदारों के नियंत्रण में थी।


➤ यह राजस्थान का एकमात्र किसान आंदोलन रहा जो खालसा क्षेत्र में चलाया गया।


➤ अलवर, भरतपुर के अधिकांश किसानों को खालसा क्षेत्रों में स्थाई भू स्वामित्व के अधिकार प्राप्त थे जिन्हे विश्वे्दारी कहते थे।


➤ अलवर-भरतपुर में भू-राजस्व की सबसे बदतर पद्धति ‘इजारा’ प्रचलित थी।


➤ ब्रिटिश पद्धति पर आधारित यह भूराजस्व बंदोबस्त 1876 से ही चला आ रहा था।


➤ इसके विरोध में अलवर में ‘दो बार’ आंदोलन हुआ था। पहला आंदोलन 1921’ में हुआ था और दूसरा आंदोलन 1923-24 में हुआ।


➤ पहले किसान आंदोलन का प्रारंभिक कारण अलवर के शासक जयसिंह द्वारा जंगली सूअरों को मारने पर प्रतिबंध बना।


➤ अलवर रियासत में जंगली सुअरों को अनाज खिलाकर पाला जाता था यह सूअर किसानों की खड़ी फसल को बर्बाद कर देते थे और इसके बदले किसानों को ’कोई मुआवजा नहीं’मिलता था।


➤ किसानों ने परेशान होकर 1921 में सूअर मारने की अनुमति के लिए आंदोलन प्रारंभ किया था


➤ महाराजा को किसानों की बात को मानना पड़ा और सूअर पालने के रोधों को समाप्त कर किसानों को सूअर मारने की अनुमति दे दी गई।


➤ दूसरा आंदोलन 1923-24 में भू-राजस्व में भारी वृद्धि के कारण नीमूचाणा अलवर में शुरू हुआ।


➤ नीमूचाणा हत्याकांड के कारण इस आंदोलन को याद किया जाता है।


➤ अलवर रियासत में 1924 में भूमि बंदोबस्त हुआ था। भू राजस्व की दरों में दरों में 40 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई।


➤ साथ ही राजपूत किसानों को पूर्व में प्राप्त रियासतों को समाप्त कर दिया गया।


➤ इन दो कारणो से खालसा क्षेत्र के राजपूत किसानों ने 1924 में आंदोलन की शुरुआत की।


➤ इस आंदोलन का नेतृत्व माधोसिह और गोविंद सिंह ने किया था।


➤ इस आंदोलन का मुख्य केंद्र नीमूचाणा था।


➤ अलवर के किसानों ने 1925 में दिल्ली में एक सभा आयोजित की।


➤ इसमें 200 राजपूत किसानों ने भाग लिया। यहीं से पुकार नामक पुस्तिका में किसानों की समस्याओं को प्रकाशित किया गया।


➤ अलवर के महाराजा ने किस मामले की जांच हेतु 7 मई 1925 को एक आयोग गठित किया।


➤ अलवर के किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए नीमूचाणा नामक स्थान पर एकत्रित हुए।


➤ इसी स्थान पर 14 मई 1925 को छाजू सिंह ने सभा पर गोलियां चलाई और पूरे गांव को जला दिया गया।


➤ घटना में सैकड़ों किसान मारे गए। नीमूचाणा हत्याकांड की देशभर में आलोचना की गई।


➤ महात्मा गांधी ने इसे जलियांवाला बाग हत्याकांड जैसी घटना बताते हुए इसे दोहरी डायरशाही की संज्ञा दी।


➤ राजस्थान सेवा संघ ने इस मामले में जांच की तथा इस जांच की पूरी कहानी 31 मई 1925 को तरूण राजस्थान में प्रकाशित की गई।


➤ इस हत्याकांड का असली खलनायक गोपाल दास नामक अधिकारी को माना जाता है।


➤ अलवर नरेश जयसिंह स्वयं नीमूचाणा आये और मारे गए लोगों के परिवार को मुआवजा दिया गया।


➤ 18 नवंबर 1925 को पुरानी दर से लगान वसूलने के आदेश दिए गए।



Advertisements


Advertisements


Comments mannnu on 09-06-2023

marvad kisan aandolqn mr bigodi kar kb lgya tha

Sp on 04-05-2023

Srvdharm hit kar initial sbha kishan andoln

Rakesh Meena on 18-01-2022

राजा द्वारा राजा को पत्र लिखना खरीता कहलाता है
राजा द्वारा सामंत को पत्र लिखना रुक्का कहलाता है
राजा द्वारा अधिकारी को पत्र लिखना परवाना खिलाता है

Advertisements

Manoj kumar meena on 28-07-2021

मारवाड़ किसान आंदोलन का सबन्द था

Rakeshmeena on 24-06-2021

राजा द्वारा अपने सामंत को जो पर
पत्र लिखता उसे क्या कहते है

Shalu on 21-06-2021

Haa

ROOPA RAM on 26-09-2020

बरवा

Advertisements


Advertisements

आप यहाँ पर gk, question answers, general knowledge, सामान्य ज्ञान, questions in hindi, notes in hindi, pdf in hindi आदि विषय पर अपने जवाब दे सकते हैं।
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity


इस टॉपिक पर कोई भी जवाब प्राप्त नहीं हुए हैं क्योंकि यह हाल ही में जोड़ा गया है। आप इस पर कमेन्ट कर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।

अपना जवाब या सवाल नीचे दिये गए बॉक्स में लिखें।