संयोजी इलेक्ट्रॉन क्या है
परमाणु की बाहरी कक्षा में वर्तमान इलेक्ट्रॉन की संख्या को संयोजी इलेक्ट्रॉन कहते हैं।
उदाहरण
(1) हाइड्रोजन (H)
हाइड्रोजन (H) की परमाणु संख्या = 1
हाइड्रोजन [Hydrogen (H)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : K1
बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
अत: हाइड्रोज़न का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 1
(2) ऑक्सीजन (O)
ऑक्सीजन (O) की परमाणु संख्या = 8
ऑक्सीजन [Oxygen (O)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KL26
ऑक्सीजन [Oxygen (O)] परमाणु के बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 6
अत: ऑक्सीजन [Oxygen (O)] परमाणु का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 6
(3) सोडियम (Na)
सोडियम (Na) की परमाणु संख्या = 11
सोडियम [Sodium (Na)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KLM281
सोडियम [Sodium (Na)] परमाणु के बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
अत: सोडियम [Sodium (Na)] परमाणु का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 1
(4) कार्बन (C)
कार्बन (C) की परमाणु संख्या = 6
कार्बन [Carbon (C)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KL24
कार्बन [Carbon (C)] परमाणु के बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 4
अत: कार्बन [Carbon (C)] परमाणु का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 4
बोर बरी स्कीम के अनुसार किसी भी तत्व के परमाणु की बाहरी कक्षा में अधिकतम 8 (आठ) इलेक्ट्रॉन ही हो सकते हैं।
हीलियम एक अक्रिय गैस है, तथा हीलियम में मात्र एक ही कक्षा अर्थात केवल प्रथम कक्षा है।
हीलियम की परमाणु संख्या = 2
हीलियम [Helium (He)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : K2
चूँकि प्रथम कक्षा में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या 2 (दो) ही हो सकती है। तथा प्रथम कक्षा ही हीलियम परमाणु की बाहरी तथा एकमात्र कक्षा है, अत: हीलियम परमाणु के बाहरी कक्षा में 2 (दो) इलेक्ट्रॉन होते हैं।
चूँकि हीलियम परमाणु के बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 2
अत: हीलियम के परमाणु में संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या बराबर 2 (दो) होना चाहिए।
लेकिन अक्रिय गैसों के संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या शून्य होती है।
अत: हीलियम परमाणु के संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 0
नेयॉन [Neon (Ne)] का परमाणु संख्या = 10
नेयॉन [Neon (Ne)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KL28
नेयॉन [Neon (Ne)] की बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 8
परंतु चूँकि नेयॉन [Neon (Ne)] एक अक्रिय गैस है, अत: नेयॉन के संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या = 0
इसी तरह सभी अक्रिय गैसों के संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या शून्य होगी।
किसी तत्व के संयोग करने की क्षमता तत्व के परमाणु के संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या पर निर्भर करती है।
प्रत्येक तत्व का परमाणु अपने नजदीकी अक्रिय गैस की तरह इलेक्ट्रॉनिक विन्यास बनाना चाहता है क्योंकि अक्रिय गैसों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास स्थाई होता है।
अर्थात हाइड्रोज़न, लीथियम, बेरिलियम तथा बोरॉन अपनी बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन तथा इनको छोड़कर प्रत्येक परमाणु अपनी बाहरी कक्षा में आठ इलेक़्ट्रॉन प्राप्त करना चाहता है। क्योंकि हाइड्रोज़न, लीथियम, बेरिलियम तथा बोरॉन का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस हीलियम है, जिसकी बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन हैं तथा अन्य अक्रिय गैसों की बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन हैं।
तत्वों के परमाणुओं द्वारा उनकी बाहरी कक्षा में स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये दूसरे परमाणुओं से या तो इलेक्ट्रॉन लेते हैं या उन्हें दे देते हैं। इसी स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने अर्थात बाहरी कक्षा को स्थाई करने के लिये तत्वों के परमाणु अभिक्रिया करते हैं। चूँकि अक्रिय गैसों की बाहरी कक्षा स्थाई होती है, अत: वे अभिक्रिया नहीं करते हैं।
अत: परमाणु के बाह्यतम कक्ष में इलेक्ट्रॉनओं के अष्टक बनाने के लिये जितनी संख्या में इलेक्ट्रॉन की साझेदारी या स्थानांतरण होता है, वही उस तत्व की संयोजकता अर्थात संयोजन करने की क्षमता या संयोजकता शक्ति कहलाती है।
उदाहरण:
हाइड्रोजन [Hydrogen (H)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : K1
बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
अत: हाइड्रोज़न का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 1
हाइड्रोजन [Hydrogen (H)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस: हीलियम (He)
हीलियम [Helium (He)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : K2
चूँकि हीलियम हाइड्रोजन का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस है, तथा हीलियम की बाहरी कक्षा में 2 (दो) इलेक्ट्रॉन है, अत: हाइड्रोजन हमेशा अपनी बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना चाहता है।
चूँकि हाइड्रोज़न का संयोजी इलेक्ट्रॉन 1 (एक) है, अर्थात हाइड्रोजन को बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन पूर्ण करने के लिये एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है। हाइड्रोजन यह एक इलेक्ट्रॉन दूसरे परमाणु के साथ साझेदारी कर प्राप्त करता है।
चूँकि हाइड्रोजन के परमाणु को बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन पूरा करने के लिय एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है, अत: हाइड्रोजन की संयोजकता = 1 (एक) है।
लीथियम [Lithium (Li)] की परमाणु संख्या = 3
लीथियम [Lithium (Li)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KL21
लीथियम [Lithium (Li)] की बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
अत: लीथियम [Lithium (Li)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 1
लीथियम [Lithium (Li)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस: हीलियम (He)
हीलियम [Helium (He)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : K2
चूँकि हीलियम, लीथियम [Lithium (Li)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस है, तथा हीलियम की बाहरी कक्षा में 2 (दो) इलेक्ट्रॉन है, अत: लीथियम [Lithium (Li)] हमेशा अपनी बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना चाहता है।
चूँकि लीथियम [Lithium (Li)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन 1 (एक) है, अत: लीथियम [Lithium (Li)] एक इलेक्ट्रॉन खोकर अर्थात स्थानांतरित कर बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है।
चूँकि लीथियम [Lithium (Li)] एक इलेक्ट्रॉन स्थानांतरित कर बाहरी कक्षा में स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करता है, अत: लीथियम [Lithium (Li)] की संयोजकता = 1 (एक) है।
बेरिलियम [Beryllium (Be)] की परमाणु संख्या = 4
बेरिलियम [Beryllium (Be)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KL22
बेरिलियम [Beryllium (Be)] की बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 2
अत: बेरिलियम [Beryllium (Be)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 2
बेरिलियम [Beryllium (Be)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस: हीलियम (He)
हीलियम [Helium(He)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : K2
चूँकि हीलियम, बेरिलियम [Beryllium (Be)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस है, तथा हीलियम की बाहरी कक्षा में 2 (दो) इलेक्ट्रॉन है, अत: बेरिलियम [Beryllium (Be)] हमेशा अपनी बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना चाहता है।
चूँकि बेरिलियम [Beryllium (Be)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन 2 (दो) है, अत: बेरिलियम [Beryllium (Be)] दो इलेक्ट्रॉन खोकर अर्थात स्थानांतरित कर बाहरी कक्षा में दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है।
चूँकि बेरिलियम [Beryllium (Be)] दो इलेक्ट्रॉन स्थानांतरित कर बाहरी कक्षा में स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करता है, अत: बेरिलियम [Beryllium (Be)] की संयोजकता = 2 (दो) है।
कार्बन [Carbon(C)] की परमाणु संख्या = 6
कार्बन [Carbon(C)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KL24
कार्बन [Carbon(C)] की बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 4
अत: कार्बन [Carbon(C)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 4
कार्बन [Carbon(C)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस: नेयॉन (Ne)
नेयॉन [Neon(Ne)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KL28
चूँकि नेयॉन, कार्बन [Carbon(C)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस है, तथा नेयॉन की बाहरी कक्षा में 8 (आठ) इलेक्ट्रॉन है, अत: कार्बन [Carbon(C)] हमेशा अपनी बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना चाहता है।
कार्बन [Carbon(C)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन 4 (चार) है। अब कार्बन के पास दो बाहरी कक्षा में स्थाई इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के दो तरीके हैं: एक वह चार इलेक्ट्रॉन खोकर हीलियम का इलेक्ट्रॉंनिक विन्यास प्राप्त कर सकता है। तथा दूसरा चार इलेक्ट्रॉन कहीं से प्राप्त कर बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर सकता है, तथा नेयॉन के बाहरी कक्षा की तरह इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर सकता है।
परंतु चार इलेक्ट्रॉन खोने अर्थात स्थानांतरित करने के लिये काफे उर्जा की आवश्यकता होगी। अत: अत: कार्बन [Carbon(C)] चार इलेक्ट्रॉन दूसरे परमाणु के साथ साझा कर बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है।
चूँकि कार्बन [Carbon(C)] को बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने के लिये चार इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है, अत: कार्बन [Carbon(C)] की संयोजकता 4 (चार) है।
सोडियम [Sodium(Na)] की परमाणु संख्या = 11
सोडियम [Sodium(Na)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KLM281
सोडियम [Sodium(Na)] की बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 1
अत: सोडियम [Sodium(Na)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 1
सोडियम [Sodium(Na)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस: नेयॉन (Ne)
नेयॉन [Neon(Ne)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KL28
चूँकि नेयॉन, सोडियम [Sodium(Na)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस है, तथा नेयॉन की बाहरी कक्षा में 8 (आठ) इलेक्ट्रॉन है, अत: सोडियम [Sodium(Na)] हमेशा अपनी बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना चाहता है।
चूँकि सोडियम [Sodium(Na)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन 1 (एक) है, अत: सोडियम [Sodium(Na)] एक इलेक्ट्रॉन खोकर अर्थात स्थानांतरित कर बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है।
अत: सोडियम [Sodium(Na)] की संयोजकता = 1 (एक) है।
मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] की परमाणु संख्या = 12
मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KLM282
मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] की बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 2
अत: मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 2
मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस: नेयॉन (Ne)
नेयॉन [Neon(Ne)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KL28
चूँकि नेयॉन, मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस है, तथा नेयॉन की बाहरी कक्षा में 8 (आठ) इलेक्ट्रॉन है, अत: मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] हमेशा अपनी बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना चाहता है।
चूँकि मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन 2 (दो) है, अत: मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] दो इलेक्ट्रॉन खोकर अर्थात स्थानांतरित कर बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है।
अत: मैग्नीशियम [Magnesium(Mg)] की संयोजकता = 2 (दो) है।
क्लोरीन [Chlorine (Cl)] की परमाणु संख्या = 17
क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KLM287
क्लोरीन [Chlorine (Cl)] की बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की संख्या = 7
अत: क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन = 7
क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस: आर्गन (Ar)
आर्गन [Argon(Ar)] का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : KLM288
चूँकि आर्गन, क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का सबसे नजदीकी अक्रिय गैस है, तथा आर्गन की बाहरी कक्षा में 8 (आठ) इलेक्ट्रॉन है, अत: क्लोरीन [Chlorine (Cl)] हमेशा अपनी बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना चाहता है।
चूँकि क्लोरीन [Chlorine (Cl)] का संयोजी इलेक्ट्रॉन 7 (सात) है, अत: क्लोरीन [Chlorine (Cl)] एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर बाहरी कक्षा में आठ इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है।
अत: क्लोरीन [Chlorine (Cl)] की संयोजकता = 1 (एक) है।
परमाणु में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या तत्व के परमाणु की परमाणु संख्या को बतलाती है।
परमाणु संख्या को Z से निरूपित किया जाता है।
किसी भी तत्व के सभी परमाणुओं की परमाणु संख्यां समान होती है। परमाणु संख्यां परमाणु का अभिलाक्षणिक गुण है।
एक परमाणु के नाभिक में उपस्थित पोटॉन और न्यूट्रॉन की कुल संख्या के योग को परमाणु का द्रव्यमान संख्यां कहते हैं।
अर्थात, परमाणु का द्रव्यमान संख्या (A) = परमाणु में उपस्थित न्यूट्रॉन की संख्या (n) + परमाणु में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या (p)
य़ा, A = n + p
जहाँ A = द्रव्यमान संख्या, n = न्यूट्रॉन की संख्या तथा p = प्रोट्रॉन की संख्या
उदाहरण
कार्बन में प्रोटॉन की संख्या = 6
तथा कार्बन में न्यूट्रॉन की संख्या = 6
अत: कार्बन का परमाणु द्रव्यमान (A) = कार्बन में प्रोटॉन की संख्या (p) + कार्बन में न्यूट्रॉन की संख्या (n)
= 6+6 = 12
अत: कार्बन का परमाणु द्रव्यमान = 12 u
एक तत्व के परमाणु द्रव्यमान को तत्व के संकेत के ऊपर बायीं ओर तथा परमाणु संख्या को तत्व के संकेत के बायीं ओर नीचे लिखकर दर्शाया जाता है।
उदाहरण: 147N
इसका अर्थ है, नाइड्रोजन (N) का द्रव्यमान संख्या = 14 तथा परमाणु संख्या = 7 है।
एलुमिनियम (Al) का द्रव्यमान संख्या 27 तथा परमाणु संख्यां 13 है। तो इसे लिखा जाता है 2713Al
प्रश्न संख्यां (1) एलुमिनियम (Al) का द्रव्यमान संख्या 27 u है, तथा परमाणु संख्यां 13 है। तो एलुमिनियम में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की संख्यां निकालें।
हल:
दिया गया है, एलुमिनियम (Al) का द्रव्यमान संख्या (A) = 27
एलुमिनियम (Al) का परमाणु संख्या = 13
अर्थात 2713Al
हम जानते हैं कि परमाणु संख्यां = प्रोटॉन की संख्या
अत: एलुमिनियम में प्रोटॉन की संख्या = 13
हम जानते हैं कि A = p + n
जहाँ A = द्रव्यमान संख्या, n = न्यूट्रॉन की संख्या तथा p = प्रोट्रॉन की संख्या
⇒27=n+13
⇒n=27−13=14
अत: एलुमिनियम में न्यूट्रॉन की संख्यां = 14
प्रकृति में कुछ तत्वों के परमाणओं की परमाणु संख्या समान परंतु परमाणु द्रव्यमान भिन्न भिन्न होती है ऐसे परमाणु समस्थानिक कहलाते हैं।
एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान लेकिन द्रव्यमान संख्या भिन्न होती हैं, समस्थानिक कहलाते हैं।
उदाहरण (A) हाइड्रोजन तत्व के तीन परमाणु ऐसे हैं जिनका परमाणु संख्या समान परंतु परमाणु द्रव्यमान अलग अलग हैं:
ये परमाणु हैं: (1) 11H
हाइड्रोजन (परमाणु संख्यां = 1 तथा द्रव्यमान संख्या = 1)
(2) 21H
या Dड्यूटीरियम (परमाणु संख्यां = 1 तथा द्रव्यमान संख्या = 2)
तथा (3) 31H
या Tट्राइटियम (परमाणु संख्यां = 1 तथा द्रव्यमान संख्या = 3)
उदाहरण (B) 126C
तथा 146Cय़े दोनों कार्बन परमाणु समस्थानिक हैं। इनमें कार्बन के दोनों परमाणुओं की परमाणु संख्या (6) समान है परंतु परमाणु द्रव्यमान या द्रव्यमान संख्या अलग अलग क्रमश: 12 तथा 14 हैं।
उदाहरण (C) 3517Cl
तथा 3717Clय़े दोनों क्लोरीन परमाणु समस्थानिक हैं। इनमें क्लोरीन के दोनों परमाणुओं की परमाणु संख्या (17) समान है परंतु परमाणु द्रव्यमान या द्रव्यमान संख्या अलग अलग क्रमश: 35 तथा 37 हैं।
चूँकि प्रकृति में क्लोरीन दो समस्थानिक रूपों में पाया जाता है, जिसका द्रव्यमान 35 u तथा 37 u है। यह 3:1 के अनुपात में पाया जाता है। अत: इनका औसत द्रव्यमान 35.5 u को क्लोरीन का परमाणु द्रव्यमान माना जाता हैं, क्योंकि यदि क्लोरीन की कुछ मात्रा ली जाय तो उसमें दोनों तरह के क्लोरीन होंगें।
कुछ समस्थानिकों के अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं:
(i) यूरेनियम के एक समस्थानिक का उपयोग परमाणु भट्ठी में ईंधन के रूप में होता है।
(ii) कैंसर के उपचार में कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग होता है।
(iii) घेंघा रोग के इलाज में आयोडीन के समस्थानिक का उपयोग होता है।
वैसे तत्व जिनकी परमाणु संख्या अलग अलग परंतु द्रव्यमान संख्या समान होती है, समभारिक कहा जाता है।
जैसे: 4020Ca
तथा 4018Arकैल्शियम की परमाणु संख्या 20 तथा आर्गन की परमाणु संख्या 18 है, परंतु दोनों का द्रव्यमान संख्या 20 है। अत: कैल्शियम तथा आर्गन समभारिक है। समभारिक शब्द का अर्थ है, समान भार वाला। अर्थात समान भार वाले दो तत्व। यहाँ भार से अर्थ है परमाणु द्रव्यमान या द्रव्यमान संख्या
Florine ka sanyoji electrone kitna hai?
K2 ka matlab
S sanyogi me kitne electrone hote hai
F1 Anu par shayog electron ki sankhya
√9
एक परमाणु के संयोजी इलेक्ट्रॉन को निकलने पर क्या बनता है
Mn के संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या
संयोजी इलेक्ट्रॉन का संक्रमण कौन सी स्पेक्ट्रोस्कॉपी में प्रयुक्त होता है
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