राजस्थान में आर्थिक नियोजन
आर्थिक नियोजन से अर्थ एक संगठित प्रयास से है जिसमें एक निश्चित अवधि में सुनिश्चित एवं सुपरिभाषित सामाजिक एवं आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आर्थिक साधनों का विवेकपूर्ण ढंग से समन्वय एवं नियंत्रण किया जाता है।
भारत में आर्थिक नियोजन का इतिहास
ऽ भारत में आर्थिक नियोजन के बारे में सोचना रूस में 1917 ई. में लेनिन वादी क्रान्ति के बाद प्रारम्भ किया।
ऽ रूस में लेनिन वादी क्रांति के बाद 1920 में प्रथम पंचवर्षिय योजना की शुरूआत की गई।
ऽ 1927 मोतीलाल नेहरू ने रूसी अर्थव्यवस्था के अध्ययन के लिए सोवियत संघ (रूस) की यात्रा की।
ऽ 1934 ई. में सर एम. विश्वेश्वरैया द्वारा भारत के लिए नियोजन अर्थव्यवस्था ;च्संददमक म्बवदवउल वित प्दकपंद्ध नामक पुस्तक लिखी।
ऽ 1938 में राष्ट्रीय कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेश में जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में राष्ट्रीय नियोजन समिति का गठन किया इसे कांग्रेस योजना भी कहा जाता है।
ऽ 1944 ई. में मुम्बई में 8 उद्योगपतियों ने मिलकर अर्देशिर दलाल के नेतृत्व में 15 सूत्रिय पूूंजीवादी योजना बाम्बे योजना प्रस्तुत की।
ऽ 1944 ई. में श्री मन्नारायण के द्वारा गांधीवादी योजना तैयार की गयी।
ऽ 1945 ई. में एम.एन. राॅय ने जन योजना ;च्मवचसमे चसंदद्ध का निर्माण किया।
ऽ 1946 ई. में नियोगी समिति ने सिफारिश की कि सम्पूर्ण भारत में आर्थिक विकास के लिए योजना आयोग की स्थापना की जाए।
ऽ 1950 ई. जयप्रकाश नायरायण के द्वारा सर्वोदय प्लान प्रस्तुत किया गया।
ऽ स्वतत्रंता के बाद आर्थिक विकास को गति देने के लिए 15 मार्च 1950 को योजना आयोग तथा 6 अगस्त 1952 को राष्ट्रीय विकास परिषद की स्थापना की गई।
ऽ 1 अप्रेल 1951 से आर्थिक नियोजन के लिए प्रथम पंचवर्षिय योजना को प्रारम्भ किया तथा वर्तमान 12वीं पंचवर्षिय योजना लागू है।
नोट - भारत में आर्थिक नियोजन का प्रतिपादक/सुत्रधार जवाहर लाल नेहरू को माना जाता है।
भारत में आर्थिक नियोजन के संगठन
योजना आयोग -
ऽ केन्द्र सरकार ने मंत्रिमण्डलीय प्रस्ताव द्वारा 15 मार्च 1950 को गठन किया।
ऽ योजना आयोग एक गैर संवैधानिक निकाय -
ऽ प्रथम अध्यक्ष - जवाहर लाल नेहरू
ऽ प्रथम उपाध्यक्ष - गुलजारी लाल नन्दा।
ऽ कार्य - पंचवर्षिय योजनाओं का निर्माण करना।
ऽ योजनाओं का क्रियान्वयन एवं संचालन राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है।
ऽ नोट - वर्तमान केन्द्र सरकार ने इसे 1 जनवरी, 2015 को समाप्त करके इसकी जगह नीति आयोग का गठन किया गया।
नीति आयोग
;छप्ज्प् रू छंजपवदंस प्देजपजनजम वित ज्तंदेवितउपदह प्दकपंद्ध
ऽ केन्द्र सरकार ने मंत्रीमण्डलीय प्रस्ताव द्वारा 1 जनवरी, 2015 को इसका गठन किया
ऽ अध्यक्ष प्रधानमंत्री, वर्तमान में अध्यक्ष - नरेन्द्र मोदी
ऽ वर्तमान में उपाध्यक्ष - अरविन्द पनगड़िया
ऽ वर्तमान में सी.ई.ओ. - अमिताभ कांत
ऽ प्रथम बैठक 8 फरवरी 2015
ऽ अन्य सदस्य -
ऽ क्षैत्रिय कौंसिल - विशेष उद्देश्यों के लिए गठित होगी।
सदस्य - संबंधित राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री/उपराज्यपाल/प्रशासक।
ऽ गवर्निग कौंसिल - सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री/उपराज्यपाल/प्रकाशक
ऽ तीन स्थाई सदस्य - 1. विवेक देबराय 2. वी.के. सारस्वत 3. प्रो. रमेश चन्द्र
ऽ दो अंशकालिक सदस्य जिनकी नियुक्ति चक्रानुसार विभिन्न विश्व विद्यालयों या शोध संस्थानों से की जाएगी।
ऽ केन्द्रीय मंत्रिपरिषद से चार मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा की जाएगी। जो वर्तमान में निम्न है - राजनाथ सिंह, अरूण जेटली, सुरेश प्रभु, राधामोहन सिंह,
ऽ विशेष आमंत्रित सदस्य - नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, थावर चंद गहलोत।
ऽ कार्य - नीति आयोग सरकार के ज्ीपदा ज्ंदा के रूप में कार्य करेगा तथा राज्यों के साथ मिलकर योजनाओं एवं कार्यक्रमों को क्रियान्वित करवायेगा।
राष्ट्रीय विकास परिषद
;छक्ब् रू छंजपवदंस क्मअमसवचउमदज ब्वनदबपसद्ध
ऽ के.सी. नियोगी समिति की सिफारिश पर केन्दीय मंत्री मण्डल प्रस्ताव के द्वारा गठन 6 अगस्त 1952 को किया गया।
ऽ गैर संवैधानिक निकाय
ऽ अध्यक्ष - प्रधानमंत्री
ऽ अन्य सदस्य - केन्द्रीय मंत्री परिषद के सभी सदस्य, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री/उपराज्यपाल/प्रशासक
ऽ कार्य - पंचवर्षिय योजनाओं का अध्ययन करना तथा उन्हें स्वीकृति प्रदान करना।
ऽ नोट - के. सन्थानम ने छक्ब् को सर्वोच्च मंत्रिपरिषद की संज्ञा दी।
भारत में विभिन्न पंचवर्षीय योजनाएं
प्रथम पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956
ऽ प्रमुख लक्ष्य - कृषि एवं सिंचाई विकास
ऽ सर्वाधिक व्यय - कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र पर 39 प्रतिशत
ऽ माॅडल - हेरालड डोमर
ऽ इस योजना में भाखड नागल, दामोदर घाटी एवं हिराकुण्ड जैसी बहुउद्देशीय नदी परियोजनाऐं चालु की गई।
ऽ 1952 में सामुदायिक विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया।
द्वितीय पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रेल 1956 से 31 मार्च 1961 तक
ऽ प्रमुख उद्देश्य - भारत का औद्योगिक विकास
ऽ माॅडल - च्ण्ब्ण् महालनोबिस
ऽ सर्वाधिक व्यय - यातायात एवं संवहन 27 प्रतिशत
ऽ इस योजना में निम्नलिखित सर्वाजनिक लोहा इस्पात कारखानों की स्थापना की गई।
1. भिलाई (छतीसगढ़) - रूस की सहायता से।
2. दुर्गापुर (पं. बंगाल) - ब्रिटेन की सहायता से।
3. राऊर केला (उडीसा) - जर्मनी की सहायता से।
तीसरी पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रैल 1961 से 31 मार्च 1966 तक
ऽ प्रमुख उद्देश्य - देश की अर्थव्यवस्था को आर्थिक गतिशीलता देना।
ऽ सर्वोच्च प्राथमिकता - कृषि
ऽ सर्वाधिक व्यय - यातायात एवं संचार पर 24.6 प्रतिशत
ऽ महालनोबिस से चार क्षेत्रिय माॅडल सैण्डी के तथा सुखमय चक्रवर्ती के प्लानिंग माॅडल का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता है।
ऽ इस योजना को असफल योजना माना जाता है।
नोट - योजना अवकाश के शुरूआत में खाद्यानों का उत्पाद बढ़ाने के लिए 1966 में कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामी नाथन एवं डाॅ. नार्मन ई. बाॅरलाॅग के द्वारा हरित क्रांति की शुरूआत की गई।
योजना अवकाश
ऽ तीन वार्षिक योजना - 1966-67, 1967-68, 1968-69
चतुर्थ पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रैल 1969 से 31 मार्च 1974 तक
ऽ प्रमुख उद्देश्य ‘स्थिरता के साथ आर्थिक विकास एवं आत्मनिर्भरता’
ऽ यह योजना अशोक रूद्र एवं एलन एस. मान्ने द्वारा तैयार आॅपन कन्सिस्टेन्सी माॅडल जो कियोन्टीफ के आगत-निर्गत माॅडल पर आधारित था के आधार पर बनाई गई।
ऽ कृषि व सिंचाई को सर्वाच्च प्राथमिकता दी गई।
ऽ सर्वाधिक व्यय - कृषि क्षेत्र पर 24.8 प्रतिशत
ऽ 19 जुलाई 1969 को 14 बड़े बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया।
ऽ बाकारो इस्पात कारखाना प्रारम्भ किया गया।
पांचवी पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रेल 1974 से 31 मार्च 1979
ऽ प्रमुख उद्देश्य गरीबी उन्मूलन।
ऽ जून 1975 में 20 सूत्री कार्यक्रम की शुरूआत।
ऽ 1977 में अन्त्योदय योजना की शुरूआत।
ऽ 1978-79 में समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम की शुरूआत।
ऽ 16 अप्रेल 1976 में भारत की जनसंख्या नीति घोषित की गई जिसमें जनसंख्या नियंत्रण के उदेश्य को प्राप्त करने पर जोर दिया गया।
ऽ 1975 में प्रथम बार आंतरिक अशांति के आधार पर देश में आपातकाल लागु किया गया।
ऽ नोट - 1977 में केन्द्र जनता पार्टी की सरकार बनी जिसके द्वारा 1 वर्ष पूर्व ही पांचवी योजनों को समाप्त करके छठी पंचवर्षीय योजना 1978-83 जिसे अनवरत योजना/राॅलिंग प्लान का नाम दिया गया। प्रारम्भ की गई।
ऽ अनवरत योजना का प्रतिपादन गुनार मिर्डल ने किया तथा इसे भारत में लागु करने का श्रेय तात्कालीन योजना आयोग के उपाध्यक्ष डी.टी. लकडवाला को है।
ऽ 1980 में केन्द्र पुनः सरकार बदलने पर छठी पंचवर्षीय योजना 1980 से 1985 लागु की गई।
ऽ एक वर्षीय योजना 1979-80
छठी पंचवर्षीय योजना 1 अप्रेल 1980 से 31 मार्च 1985
ऽ प्रमुख लक्ष्य - रोजगार सर्जन एवं गरीबी निर्वारण
ऽ सर्वाधिक व्यय - ऊर्जा 28 प्रतिशत
ऽ माॅडल आगत-निर्गत
ऽ गरीबी निर्वारण का नारा दिया गया।
ऽ मानक व्यक्ति वर्ष को रोजगार मापने के लिये अपनाया गया।
ऽ गरीबी निर्देशांक तैयार किया गया।
ऽ गरीबी रेखा ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति 2400 कैलोरी तथा शहरी क्षेत्र में 2100 कैलोरी माना गया।
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए शिव रामन समिति की सिफारिश पर 12 जुलाई 1982 को नाबार्ड ;छंजपवदंस ठंदा वित ।हतपबनसजनतम ंदक त्नतंस क्मअमसवचउमदजद्ध की स्थापना की गई।
ऽ 15 अप्रैल 1980 को 6 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया।
सातवीं पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रैल 1985 से 31 मार्च 1990
ऽ प्रमुख उद्देश्य - रोजी-रोटी और उत्पादकता अर्थात समानता एवं न्याय पर आधारित आर्थिक विकास।
ऽ सर्वोच्च उद्देश्य - रोजगार में वृद्धि करना।
ऽ सर्वाधिक व्यय - ऊर्जा - 30.5 प्रतिशत
ऽ नोट - दो एक वर्षीय योजना - 1990-91, 1991-92
ऽ भारत में इस समय वितीय संकट था।
आठवी पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रेल 1992 से 31 मार्च 1997
ऽ प्रमुख उद्देश्य मानव संसाधन विकास,
ऽ सर्वाधिक व्यय ऊर्जा 26.6 प्रतिशत
ऽ माॅडल - जाॅन डब्ल्यू मिलर
ऽ 1994 में भारत ॅज्व् का सदस्य बना।
ऽ सम्पूर्ण योजना काल में इस योजना को एक मील का पत्थर या टर्निग पाॅईन्ट कहा जाता है।
नवीं पंचवर्षीय योजना- 1 अप्रेल 1997 से 31 मार्च 2002
ऽ प्रमुख उद्देश्य - समानता एवं न्याय पर आधारित विकास
ऽ गरीब लोगों के लिए खाद्यान तथा पोषण सुरक्षा प्रदान करना।
ऽ नवीं पंचवर्षीय योजना को राष्ट्रीय विकास परिषद ने दो वर्ष बाद 1999 में स्वीकृति प्रदान की थी।
दसवीं पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रेल 2002 से 31 मार्च 2007
ऽ प्रमुख उद्देश्य ऊर्जा, रोजगार एवं सामाजिक अवसंरचना का विकास।
ऽ पहली बार वित्तीय स्थिति में सुधार की पहल की गई।
ऽ स्र्वाधिक व्यय ऊर्जा 26.5 प्रतिशत
ऽ उच्च गुणवता युक्त रोजगार उपलब्ध कराना।
ऽ 2001 से 2011 के दशक में जनसंख्या वृद्धि दर को 16.2 प्रतिशत के स्त्तर पर लाना।
ऽ साक्षरता दरों को 2007 तक 72 प्रतिशत व 2012 तक 80 प्रतिशत करना।
ऽ शिशु मृत्यु दर को 2007 तक 45 तथा 2012 तक 28 प्रति एक हजार जीवत जन्म तक कम करना।
ऽ वनो एवं वृक्षों के क्षेत्रफल को 2007 तक 25 प्रतिशत तथा 2012 तक 33 प्रतिशत करना।
ऽ 11वी पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रेल 2007 से 31 मार्च 2012
ऽ प्रमुख उद्देश्य तीव्र एवं समावेशी विकास।
ऽ प्रारम्भ में विकास दर 2007 से 2011 तक 9 प्रतिशत रखा गया एवं 2011-12 के लिए 10 प्रतिशत रखा गया। लेकिन अमेरिका की आर्थिक मंदी के कारण लक्ष्य को कम करके 8.1 प्रतिशत कर दिया गया।
ऽ सर्वाधिक व्यय समाजिक सेवाओं पर 32.6 प्रतिशत तथा दूसरे स्थान पर ऊर्जा 18.6 प्रतिशत पर रखा गया।
ऽ राष्ट्र की विकास दर 8 प्रतिशत वार्षिक रही जो इससे पूर्व सभी योजनाओं में सर्वाधिक विकास दर है।
ऽ 2 फरवरी 2006 को मनरेगा को सम्पूर्ण देश में लागू किया गया।
ऽ बाहरवीं पंचवर्षीय योजना - 1 अप्रेल 2012 से 31 मार्च 2017
ऽ प्रमुख उद्देश्य - तीव्र, टिकाऊ और अधिक सवामेवशी विकास
ऽ प्रारम्भ में विकास दर का लक्ष्य 9 प्रतिशत रखा गया किन्तु विश्व में आर्थिक मंदी के कारण विकास दर को घटाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया गया।
ऽ 2012 को राष्ट्रीय विकास परिषद ने 57वीं बैठक में विकास दर को पुनः घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया है।
ऽ इस बैठक में 12वीं पंचवर्षीय योजना को मंजूरी दी गई।
ऽ प्रमुख उद्देश्य - कृषि उत्पादन क्षेत्र में विकास दर 4 प्रतिशत प्राप्त करना। सेवाओं के क्षेत्र में 9 प्रतिशत तथा ट्रांस्पार्ट, भण्डारण, तथा संचार निर्माण में 11.8 प्रतिशत विकास दर का लक्ष्य रखा गया है।
ऽ कुल प्रजनन दर को 2.1 प्रतिशत तक लाना।
ऽ शिशू मृत्यु दर 25 तथा मातृत्व मृत्यु दर को 1 प्रति हजार जीवित जन्म तक लाना।
ऽ बाल लिंगानुपात को बढ़ाकर 950 करना।
ऽ योजना के अन्त तक पूर्वी व पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडाॅर्स को पूरा करना।
ऽ 90 प्रतिशत परिवारों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुंचाना
ऽ 12वीं पंचवर्षीय योजना में कुल व्यय 7669807 करोड़ रु. जो पिछली योजना से 108.59 प्रतिशत
ऽ इस योजना का सर्वाधिक व्यय 342842 करोड़ रु. आन्ध्रप्रदेश में किया जाएगा। तथा सबसे कम व्यय 11325 करोड़ रु. सिक्किम राज्य में किया जाएगा।
राजस्थान में 12वीं पंचवर्षीय योजना -
ऽ राजस्थान में 196992 करोड़ रु. व्यय किये जायेगे।
ऽ सर्वाधिक व्यय - ऊर्जा पर 36.92 प्रतिशत, सामुदायिक सेवाओं पर 35.28 प्रतिशत, ग्रामीण विकास पर 9 प्रतिशत किया जायेगा।
ऽ राजस्थान में इस योजना में विकास दर का लक्ष्य 7.7 प्रतिशत रखा है।
ऽ कृषि विकास दर 3.5 प्रतिशत
ऽ औद्योगिक विकास दर 8 प्रतिशत
ऽ सेवा क्षेत्र में विकास दर 9.5 प्रतिशत
राजस्थान की 12वि पंचवर्सिय योजना
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