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= च्यवनप्राश (Chyawanprash)
Chyawanprash के पर्यायवाची:
च्यवनप्राश संज्ञा पुं॰ [सं॰] आयुर्वेद में एक प्रसिद्ध अवलेह जिसके विषय में यह कथा है कि च्यवन ऋषि का वृद्धत्व और अंधत्व नाश करने के लिये अश्विनीकुमारों ने इसे बनाया था । विशेष—इसका वर्णन इस प्रकार है—पके हुए बड़े बड़े ताजे ५०० आँबले लेकर मिट्टी के पात्र में पकाकर रस निकाले और उस रस में ५०० टके भर मिस्री ड़ालकर चाशनी बनावे । यदि संभव हो तो इसे चाँदी के बरतन में रखे; नहीं तो उसी मिट्टी के पात्र में ही रहने दे । फिर उसमें मुनक्का, अगर, चंदन, कमलगट्टा, इलायची, हड़ का छिलका, काकोली, क्षीरकाकोली, ऋद्धि, वृद्धि, मेदा महामेदा, जीवक, ऋषभक, गुरच, काकड़ासिंगी, पुष्करमूल कचुर, अड़ूसा, विदारीकंद, बरियारा, जीवंती, शालपर्णी, पृष्ठपर्णी, दोना, कटियाली, बेल की गिरी अरल कुंभेर और पाठ ये सब चीजें टके भर मिलावे और ऊपर से मधु ६ टके भर, पिप्पली २ टके भर, तज २ टंक, तेजपात २ टंक, नागकेशर २ टंक, इलायची २ टंक और बंसलेचन २ टंक इन सबका चूर्ण कर ड़ाले । फिर सबके मिलाकर रख ले । इससे स्वरभेग, यक्ष्मा, शुक्रदोष आदि दूर होते हैं और स्मृति, कांति, इंद्रियसामर्थ्य, बलवीर्थ्य आदि की अत्यंत वृद्धि होती है ।
च्यवनप्राश भारत के सर्वाधिक प्राचीन आयुर्वेदिक स्वास्थ्य पूरकों में से एक एवं सर्वाधिक बिकने वाला आयुर्वेदिक उत्पाद है। आयुर्वेद के विकास के प्रारम्भिक काल में अश्विनी कुमारों ने, जिनकी चमत्कारी अद्भुत वैद्यों के रूप में महान ख्याति थी। च्यवन ऋषि महर्षि भृगु (जो व्यक्तित्व के बहुत बड़े विद्वान थे और जिन्होंने लाखों लोगों के जन्म चार्ट बनाये जो आज भी प्रामाणिक है) के वंशज थे। च्यवन ऋषि बहुत वृद्ध हो गये तो उन्होंने यौवन की पुनर्प्राप्ति के लिये अश्विनी कुमार से प्रार्थना की। अश्विनी कुमारों ने ऋषि च्यवन के लिये एक दैवी औषधि तैयार की जिससे ऋषि च्यवन ने फिर से यौवन अवस्था को प्राप्त कर लिया। इसी देवीय औषधि को च्यवन ऋषि के नाम पर च्यवनप्राश कहा जाता है। इसके लिए अश्विनी कुमारों ने अष्टवर्ग के आठ औषधीय पौधों की खोज की तथा च्यवन ऋषि के कृश, वृद्ध शरीर को पुन: युवा बना देने का चमत्कार कर दिखाया। आयुर्वेद के अनुसार कमजोरी, पुराने जुकाम-खांसी सहित फेफड़े व क्षय रोग के निदान के लिए दी जाने वाली औषधियों के साथ च्यवनप्राश जरूरी है। च्यवनप्राश में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी बूटियां आँवला, गि
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Chyawanprash meaning in Gujarati: ચ્યવનપ્રાશ
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Chyawanprash meaning in Marathi: च्यवनप्राश
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Chyawanprash meaning in Bengali: চ্যবনপ্রাশ
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Chyawanprash meaning in Telugu: చ్యవనప్రాష్
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Chyawanprash meaning in Tamil: ச்யவன்பிரஷ்
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