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Again Meaning In Hindi

Again meaning in Hindi

Again = फिर (Fir)


Fir के पर्यायवाची: दुबारा, फिर,

फिर इस सोने या चाँदी में मिले हुए पारे को स्वेदनविधि से भाप के रूप में अलग कर देते हैं और खालिस सोना या चाँदी रह जाता है । बात यह है कि इन धातुओं में पारे के प्रति रासायनिक प्रवृत्ति या राग होता है । इसी विशेषता के कारण पारा रसराज कहलाता है और इसके योग से धातुओं पर अनेक प्रकार की क्रियाएँ की जाती हैं । पारे के योग से, राँगे, सोने, चाँदी आदि को दूसरी धातु पर करई या मुलम्मे के रूप में चढ़ाते हैं । जिस धातु पर मुलम्मा चढ़ाना होता है उसपर पहले पारे-शोरे से संघटित रस मिलाते हैं, फिर 1 भाग सोने और 8 भाग पारे का मिश्रण तैयार करके हलका लेप कर देते हैं । गरमी पाकर पारा तो उड़ जाता हैं, सोना लगा रह जाता है । पारे पर गरमी का प्रभाव सबसे अधिक पड़ता है इसी से गरमी नामने के यंत्र में उसका व्यवहार होता है । इन सब कामों के अतिरिक्त औषध में भी पारे का बहुत प्रयोग होता है । पुराणों और वैद्यक की पोथियों में पारे की उत्पत्ति शिव के वीर्य से कही गई है और उसका बड़ा माहात्म्य गाया गया है, यहाँ तक कि यह ब्रह्म या शिवस्वरूप कहा गया है । पारे को लेकर एक रसेश्वर दर्शन ही खड़ा किया गया है जिसमें पारे ही से सृष्टि की उत्पत्ति कही गई है और पिंडस्थैर्य (शरीर को स्थिर रखना) तथा उसके द्वारा मुक्ति की प्राप्ति के लिये रससाधन ही उपाय बताया गया है । भावप्रकाश में पारा चार प्रकार का लिखा गया है— श्वत, रक्त, पीत और कृष्ण । इसमें श्वेत श्रेष्ठ है । वैद्यक में पारा कृमि और कुष्ठनाशक, नेत्रहितकारी, रसायन, मधुर आदि छह रसों से युक्त, स्निग्ध, त्रिदोषनाशक, योग- वाही, शुक्रवर्धक और एक प्रकार से संपूर्ण रोगनाशक कहा गया है । पारे में मल, वह्नि, विष, नाम इत्यादि कई दोष मिले रहते हैं, इससे उसे शुद्ध करके खाना चाहिए । पारा शोधने की अनेक विधियाँ वैद्यक के ग्रंथों में मिलती हैं । शोधन कर्म आठ प्रकार के कहे गए हैं— स्वेदन, मर्दन, उत्थापन, पातन, बोधन, नियामन और दीपन । भावप्रकाश में मूर्छन भी कहा गया है जो कुछ ओषधियों के साथ मर्दन का ही परिणाम है । पर्या॰—रसराज । रसनाथ । महारस । रस । महातेजभ् । रसेलह । रसोत्तम । सुतराट् । चपल । चैत्र । शिवबीज । शिव । अमृत । रसेंद्र । लोकेश । दुर्धर । पुरभु । रुद्रज । हरतेजः । रसधातु । स्कंद । देव । दिव्यरस । यशोद । सूतक । सिद्धधातु । पारत । हर
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हिंदी वर्णमाला के अनुसार शुरू होने वाले शब्द
अं क्ष त्र ज्ञ

ये शब्द भी देखें: Farr(फर्र), Free(फ्री), Fera(फेरा), Fira(फिरा), Far(फार), For(फॉर), Fir(फिर), Feron(फेरो), Fer(फेर), Feri(फेरी), For(फोर), Feron(फेरों), Fur(फर), Fere(फेरे), Fairy(फैरी), Fauri(फौरी), Fori(फोरी), Firi(फिरि),

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Keywords:-

Synonym of Again

adverb
afterwards
बाद में, फिर

next
बाद, फिर, बाद को

thereafter
फिर, उस के बाद, बद को

in future
आगे से, फिर, अब से

then
फिर, बाद, उस समय, तत्काल, बाद को, बद में

mo
पुनश्च, फिर, एक बार और


हिंदी वर्णमाला के अनुसार शुरू होने वाले शब्द
अं क्ष त्र ज्ञ Fir meaning in Gujarati: પછી
Translate પછી
Fir meaning in Marathi: मग
Translate मग
Fir meaning in Bengali: তারপর
Translate তারপর
Fir meaning in Telugu: అప్పుడు
Translate అప్పుడు
Fir meaning in Tamil: பிறகு
Translate பிறகு
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