राज्य मंत्री परिषद् की संरचना
मंत्रिपरिषद को संरचना सम्बन्धी प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 167 में उल्लेखित है । यह एक त्रिस्तरीय संगठन है , जिसमें मुख्यमंत्री के अतिरिक्त कैबिनेट मंत्री , राज्य मंत्री तथा उपमंत्री होते है । इनकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है । मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल द्वारा उन्हें पद से हटाया जा सकता है । कोई मंत्री स्वयं भी लिखित में राज्यपाल को संबोधित अपना त्यागपत्र देकर पदमुक्त हो सकता है । मंत्रियों के ये तीन वर्ग निम्न हैं -
कैबिनेट मंत्री
ये महत्वपूर्ण विभागों के प्रभारी मंत्री होते है कैबिनेट स्तर के इन मंत्रियों के समूह को मंत्रिमंडल केबिनेट के नाम से जाना जाता है कैबिनेट स्तर के मंत्रियों की सहायता हेतु राज्यमंत्री व उनकी सहायता हेतु उपमंत्री होते है कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र रूप से एक अथवा अधिक विभाग के राजनीतिक प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं सर्वाधिक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री होता है
राज्यमंत्री
इनमें तुलनात्मक रूप से राजनीतिक दृष्टि से कम प्रभावी व्यक्ति नियुक्त किए जाते है राज्य मंत्री दो प्रकार के होते है
1. वे जो किसी कैबिनेट मंत्री के सहायक के रूप में कार्य करते है
2. वे जो किन्ही विभागों के स्वतंत्र प्रभारी हैं
उपमंत्री
उपमंत्री की भूमिका सहायक की होती है उपमंत्री की मुख्य भूमिका कैबिनेट मंत्री के कार्यभार को कम करना होता है अपेक्षाकृत युवा एवं नये विधायकों को प्रशासनिक प्रशिक्षण एवं अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से उपमंत्री नियुक्त किया जाता है
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