भारत का संविधान-संविधान भाग 2 Gk ebooks


Rajesh Kumar at  2018-08-27  at 09:30 PM
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अनुच्छेद 5 संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता

संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता 

5. इस संविधान के प्रारंभ पर प्रत्येक व्यक्ति जिसका भारत के राज्यक्षेत्र में अधिवास है और—
(क) जो भारत के राज्यक्षेत्र में जन्मा था, या
(ख) जिसके माता या पिता में से कोई भारत के राज्यक्षेत्र में जन्मा था, या
(ग) जो ऐसे प्रारंभ से ठीक पहले कम से कम पांच वर्ष तक भारत के राज्यक्षेत्र में मामूली तौर से निवासी रहा है, भारत का नागरिक होगा।



अनुच्छेद 6 पाकिस्तान से भारत को प्रवर्जन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार

      पाकिस्तान से भारत को प्रवर्जन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
6. अनुच्छेद 5 में किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति
जिसने ऐसे राज्यक्षेत्र से जो इस समय पाकिस्तान के अंतर्गत है, भारत के राज्यक्षेत्र को प्रवर्जन किया है, इस संविधान के प्रारंभ पर भारत का नागरिक समझा जाएगा—
(क) यदि वह अथवा उसके माता या पिता में से कोई अथवा उसके पितामह या पितामही या मातामह या मातामही में से कोई (मूल रूप में यथा अधिनियमित) भारत शासन अधिनियम 1935 में परिभाषित भारत में जन्मा था ; और
(ख) (i) जबकि वह व्यक्ति ऐसा है जिसने 19 जुलाई, 1948 से पहले इस प्रकार प्रवर्जन किया है तब यदि वह अपने प्रवर्जन की तारीख से भारत के राज्यक्षेत्र में मामूली तौर से निवासी रहा है ; या
(ii) जबकि वह व्यक्ति ऐसा है जिसने 19 जुलाई, 1948 को या उसके पश्चात इस प्रकार प्रवर्जन किया है तब यदि वह नागरिकता प्राप्ति के लिए भारत डोमिनियन की सरकार द्वारा विहित प्ररूप में और रीति से उसके द्वारा इस संविधान के प्रारंभ से पहले ऐसे अधिकारी को, जिसे उस सरकार ने इस प्रयोजन के लिए नियुक्त किया है, आवेदन किए जाने पर उस अधिकारी द्वारा भारत का नागरिक रजिस्ट्रीकृत कर लिया गया है—
परंतु यदि कोई व्यक्ति अपने आवेदन की तारीख से ठीक पहले कम से कम छह मास भारत के राज्यक्षेत्र में निवासी नहीं रहा है तो वह इस प्रकार रजिस्ट्रीकृत नहीं किया जाएगा।



अनुच्छेद 8

अनुच्छेद 8. भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
अनुच्छेद 5 में किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति जो या जिसके माता या पिता में से कोई अथवा पितामह या पितामही या मातामह या मातामही में से कोई (मूल रूप में यथा अधिनियमित) भारत शासन अधिनियम 1935 में परिभाषित भारत में जन्मा था और जो इस प्र कार परिभाषित भारत के बाहर किसी देश में मामूली तौर से निवास कर रहा है, भारत का नागरिक समझा जाएगा, यदि वह नागरिकता प्राप्ति के लिए भारत डोमिनियन की सर कार द्वारा या भारत सर कार द्वारा विहित प्ररूप में और रीति से अपने द्वारा उस देश में, जहां वह तत्समय निवास कर रहा है, भारत के राजनयिक या कौंसलीय प्रतिनिधि को इस संविधान के प्रारंभ से पहले या उसके पश्चात आवेदन किए जाने पर ऐसे राजनयिक या कौंसलीय प्रतिनिधि द्वारा भारत का नागरिक रजिस्ट्रीकृत कर लिया गया है।




अनुच्छेद 7 पाकिस्तान को प्रवर्जन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार

पाकिस्तान को प्रवर्जन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार

7. अनुच्छेद 5 और अनुच्छेद 6 में किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति जिसने 1 मार्च, 1947 के पश्चात भारत के राज्यक्षेत्र से ऐसे राज्यक्षेत्र को, जो इस समय पाकिस्तान के अंतर्गत है, प्रवर्जन किया है, भारत का नागरिक नहीं समझा जाएगा—
परंतु इस अनुच्छेद की कोई बात ऐसे व्यक्ति को लागू नहीं होगी जो ऐसे राज्यक्षेत्र को, जो इस समय पाकिस्तान के अंतर्गत है, प्रवर्जन करने के पश्चात भारत के राज्यक्षेत्र को ऐसी अनुज्ञा के अधीन लौट आया है जो पुनर्वास के लिए या स्थायी रूप से लौटने के लिए किसी विधि के प्राधिकार द्वारा या उसके अधीन दी गई है और प्रत्येक ऐसे व्यक्ति के बारे में अनुच्छेद 6 के खंड (ख) के प्रयोजनों के लिए यह समझा जाएगा कि उसने भारत के राज्यक्षेत्र को 19 जुलाई, 1948 के पश्चात प्रवर्जन किया है।



अनुच्छेद अनुच्छेद 9 विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना

अनुच्छेद 9 विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना

यदि किसी व्यक्ति ने किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित कर ली है तो वह अनुच्छेद 5 के आधार पर भारत का नागरिक नहीं होगा अथवा अनुच्छेद 6 या अनुच्छेद 8 के आधार पर भारत का नागरिक नहीं समझा जाएगा।



अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों का बना रहना

अनुच्छेद 10 नागरिकता के अधिकारों का बना रहना।

प्रत्येक व्यक्ति, जो इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों में से किसी के अधीन भारत का नागरिक है या समझा जाता है, ऐसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, जो संसद् द्वारा बनाई जाए, भारत का नागरिक बना रहेगा।



अनुच्छेद 11 संसद् द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना

अनुच्छेद 11 संसद् द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना

इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों की कोई बात नागरिकता के अर्जन और समाप्ति के तथा नागरिकता से संबंधित अन्य सभी विषयों के संबंध में उपबंध करने की संसद् की शक्ति का अल्पीकरण नहीं करेगी।


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संविधान भाग 16 कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध
संविधान भाग 15 निवार्चन
संविधान भाग 17 राजभाषा
संविधान भाग 18 आपात उपबंध
संविधान भाग 19 प्रकीर्ण
भाग 20 संविधान का संशोधन
संविधान भाग 22
संविधान की अनुसूचियां पहली अनुसूची
भारत का संविधान - उद्देशिका

Center Bhag 2 Nagrikta 5 Samvidhan Ke Prarambh Par 4 6 Pakistan Se Bhaarat Ko Pravarjan Karne Wale Kuch Vyaktiyon Adhikar 7 8 Bahar Rehne Indian Udbhav 9 Videshi Rajya Ki Swechha Arjit Ka Nagrik n Hona 10 Adhikaron Banaa Rahna 11 Sansad Dwara Vidhi Viniyaman Kiya Jana


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