Q.12667: हरगोविन्द खुराना को किस आविष्कार के लिए सम्मानित किया गया ? |
हरगोविन्द खुराना को किस आविष्कार के लिए सम्मानित किया गया ? - For which invention was Hargobind Khurana honored? - hargovind khurana Ko Kis Avishkaar Ke Liye Sammanit Kiya Gaya ? General Science in hindi, Biology Nitrogen ksharo Ka Sanshleshan Ke Liye question answers in hindi pdf Gene Sanshleshan Ke Liye questions in hindi, Know About proto Sanshleshan Ke Liye General Science online test General Science MCQS Online Coaching in hindi quiz book Inme Se Koi Nahin
Protin
Iska ans c option hona chahiye.
aaa
Sar is question ka ans c hoga ...
C ans hoga
इसका उत्तर गलत जिन संश्लेषण के हरगोविंद खुराना को नोवेल मिला था
Lab me jene ka sansleshan kiya tha Hargovind khurana ne
Iska and c hoga
Jien ke liye novel mila tha
Ans 3or c
Gene
प्रोटीन संश्लेषण के लिए
Ans c hai
I think this question answer wrong answer is c
C - जीन संश्लेषण के लिए
Write ans - c
हर गोविन्द खुराना को जिन संस्लेसन्न के लिए नोबेल पुरुस्कार मिला था
इसका उत्तर गलत जिन संश्लेषण के हरगोविंद खुराना को नोवेल मिला था
हरगोविंद खुराना ने पहले प्रोटीन संश्लेषण किया था जिसके लिए उन्हें नोबेल 1968 में दिया गया था. किसी भी जीन का निर्माण प्रोटीन से ही होता है. नोबेल मिलने के कुछ वर्षों बाद 1972 में उन्होंने पूरी कृत्रिम जीन के संश्लेषण की विधि खोजी थी.
प्रोटीन संश्लेषण द्वारा उन्होंने जीन इंजीनियरिंग की नींव रखी थी इसलिए प्रोटीन संश्लेषण ज्यादा महत्वपूर्ण था जीन संश्लेषण से.
रॉबर्ट डब्ल्यू हॉली और मार्शल डब्ल्यू नीरेनबर्ग के साथ उन्हें संयुक्त रूप से चिकित्सा का नोबेल दिया गया. यह पुरस्कार उन्हें जेनेटिक कोड और प्रोटीन संश्लेषण में इसकी भूमिका की व्याख्या के लिए दिया गया.
डॉ. खुराना ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर डी.एन.ए. अणु की संरचना को स्पष्ट किया था और यह भी बताया था कि डी.एन.ए. प्रोटीन्स का संश्लेषण किस प्रकार करता है। जीन का निर्माण कई प्रकार के अम्लों (acid) से होता है। खोज के दौरान उन्होंने पाया कि जीन, डी.एन.ए. और आर.एन.ए. के संयोग से बनते हैं। अतः इन्हें जीवन की मूल इकाई माना जाता है। इन अम्लों में ही आनुवंशिकता (heredity) का मूल रहस्य छिपा हुआ है।
डॉ. हरगोविंद खुराना की एक और अहम खोज थी पहले कृत्रिम जीन का निर्माण. यह उपलब्धि उन्होंने 1972 में हासिल की.