राजस्थानी चित्रकला आमेर शैली उणियारा शैली डूंगरपूर उपशैली देवगढ़ उपशैली
आमेर शैली
अन्य देशी रियासतों से आमेर का इतिहास अलग रहा है। यहाँ की चित्रकारी में तुर्की तथा मुगल प्रभाव अधिक दिखते है जो इसे एक स्वतंत्र स्थान देती है।
उणियारा शैली
अपनी आँखों की खास बनावट के कारण यह शैली जयपुर शैली से थोड़ी अलग है। इसमें आँखे इस तरह बनाई जाती थी मानो उसे तस्वीर पर जमा कर बनाया गया हो।
डूंगरपूर उपशैली
इस शैली में पुरुषों के चेहरे मेवाड़ शैली से बिल्कुल भिन्न है और पगड़ी का बन्धेज भी अटपटी से मेल नहीं खाता। स्त्रियों की वेषभूषा में भी बागड़ीपन है।
देवगढ़ उपशैली
देवगढ़ में बडी संख्या में ऐसे चित्र मिले हैं जिनमें मारवाड़ी और मेवाड़ी कलमों का समावेश है। यह भिन्नता विशेषत: भौगोलिक स्थिति के कारण देखी गई है।