प्राण (Prann) = life
प्राण संज्ञा पुं॰ [सं॰] दे॰ 'प्राण' [को॰] । प्राण संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वायु । हवा ।
२. शरीर की वह वायु जिससे मनुष्य जीवित रहता है । उ॰—कह कथा अपनी इस घ्राण से, उड़ गए मधु सौरभ प्राण से । —साकेत, पृ॰ २९७ । विशेष—हिंदुओं के शास्त्रों में देशभेद से दस प्रकार के प्राण माने गए हैं जिनके नाम प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान, नाग, कूर्म, कृकिल, देवदत्त और धनंजय हैं । इनमें पहले पाँच (प्राण, अपान, व्यान, उदान और समान) मुख्य हैं, और पंचप्राण कहलाते हैं । ये सबके सब मुनुष्य के शरीर के भिन्न भिन्न स्थानों में काम किया करते हैं और उनके प्रकोप करने से मनुष्य के शरीर में अनेक प्रकार के रोग उठ खडे होते हैं । इन सबमें प्राण सबसे प्रधान और मुख्य है । जिस वायु को हम अपने नथने द्वारा साँस से भीतर ले जाते हैं उसे प्राण कहते हैं । इसी पर मनुष्य, पशु आदि जंतुओं का जीवन है । इस वायु का मुख्य स्थान हृदय माना गया है । प्राण धारण करने ही के कारण साँस लेनेवाले जंतुओं को प्राणी कहते हैं । मरने पर श्वास प्रश्वास, या वायु का गमनागमन बंद हो जाता है; इसलिये लोगों का कथन है कि मरने पर प्राण निकल जाते हैं । शास्त्रों में आँख, कान, नाक, मुँह, नाभि, गुदा, मूर्त्रंद्रिय और व्रह्मरंध्र आदि प्राणों के निकलने के मार्ग माने गए हैं । लोगों का कथन है कि मरने के समय मनुष्य के शरीर से जिस इंद्रिय के मार्ग से प्राण निकलते हैं, वह कुछ अधिक फैल जाती है और ब्रह्मरंध्र से निकलने पर खोपडी़ चिटक जाती है । लोगों का विश्वास है कि जिस मनुष्य के प्राण नाभि से ऊपर के मार्गों से निकलते हैं उसकी मदगति होती है और जिसके प्राण नाभि से नीचे के मार्गों से निकलते हैं उसकी दुर्गति या अधेगति होती है । ब्रह्मरंध्र से प्राण निकलनेवाले के विषय में यह प्रसिद्ध है कि उसे निर्वाण या मोक्ष पद प्राप्त होता है । प्राण शब्द का प्रयोग प्राय: बहुवचन में ही होता है ।
३. जैन शास्त्रानुसार पाँच इंद्रियाँ; मनोबल, वाक्बल, और कायबल नामक त्रिविध बल तथा उच्छवास, विश्वास और वायु इन सबका समूह ।
४. श्वास । साँस ।
५. छांदोग्य ब्राह्मण के अनुसार प्राण, बाक्, चक्षु श्रोत्र और मन ।
६. वाराहमिहिर और आर्यभट्ट आदि के अनुसार काल का वह विभाग जिसमें दस दीर्घ मात्राओं का उच्चारण हो सके । यह विनाडिका का छठा भाग है ।
७. पुर
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
वन्य प्राणियों का महत्व
वन्य प्राणी संरक्षण मराठी
व्हेल किस वर्ग का प्राणी है ?
पश्मीना ऊन कौन से प्राणी से प्राप्त होती है
तारा मछली निम्नलिखित में से किस संघ का प्राणी है ?
Prann meaning in Gujarati: જીવન
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Prann meaning in Marathi: जीवन
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Prann meaning in Bengali: জীবন
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Prann meaning in Telugu: జీవితం
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Prann meaning in Tamil: வாழ்க்கை
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