प्रयोगवाद (PrayogWad) = Experimentalism
प्रयोगवाद संज्ञा पुं॰ [सं॰ प्रयोग+वाद] आधुनिक काव्य की एक विशिष्ट धारा । विशेष—प्रयोगवाद अंग्रेजी शब्द एकसपेरिमेंटलिज्म की छाया है जिसमें नए मार्गों का अन्वेषण तथा शिल्प और विषय दोनों को नवीनता प्राप्त होती है । यह वाद मुख्यतः प्राचीन काव्यधारा की परंपरा—छंद, भाव, विषय, भाषा आदि का विरोध करता है । विषय और शिल्प दोनों क्षेत्रों में विदेशी कवियों का प्रभाव प्रयोगवाद पर बहुत अधिक है । विषय की द्दष्टि से प्रयोगवादी कवि किसी एक सिद्घांत के अनुवर्ती नहीं हैं ।
प्रयोगवाद हिंदी साहित्य खासकर कविता की उस प्रवृत्ति की ओर संकेत करता है जिसकी तरफ अज्ञेय ने दूसरा सप्तक की भूमिका में संकेत किया था। प्रयोग अपने आप में इष्ट नहीं है बल्कि वह साधन और दोहरा साधन है। वह एक ओर तो सत्य को जानने का साधन है दूसरी तरफ वह उस साधन को भी जानने का साधन है। यह स्पष्टीकरण तार सप्तक की कविताओं को प्रयोगवादी कहे जाने पर दिया गया था। प्रयोगवाद में कविता में शिल्प और संवेदना के स्तर पर सर्वथा नवीन प्रयोग मिलते हैं। प्रयोगवाद ने साहित्य में पहली बार व्यक्तिक अस्मिता, निजी व्यक्तित्व और निजता को बहुत महत्व दिया। इसमें क्षण को महत्व देकर जीवन को भरपूर ढंग से जीने की चाह है। प्रयोगवादी कवि व्यक्तिक प्रेम की सहज स्वीकृति पर बल देता है। वह अपने यौन संबंध की भी सहज स्वीकृति करता है।
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
PrayogWad meaning in Gujarati: પ્રયોગવાદ
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PrayogWad meaning in Marathi: प्रयोगवाद
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PrayogWad meaning in Bengali: পরীক্ষাবাদ
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PrayogWad meaning in Telugu: ప్రయోగాత్మకత
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PrayogWad meaning in Tamil: பரிசோதனைவாதம்
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