तीर्थंकरों (Teerthankaron) = Tirthankars
जैन धर्म में तीर्थंकर (अरिहंत, जिनेन्द्र) उन २४ व्यक्तियों के लिए प्रयोग किया जाता है, जो स्वयं तप के माध्यम से आत्मज्ञान (केवल ज्ञान) प्राप्त करते है। जो संसार सागर से पार लगाने वाले तीर्थ की रचना करते है, वह तीर्थंकर कहलाते हैं। तीर्थंकर वह व्यक्ति हैं जिन्होनें पूरी तरह से क्रोध, अभिमान, छल, इच्छा, आदि पर विजय प्राप्त की हो)। तीर्थंकर को इस नाम से कहा जाता है क्योंकि वे "तीर्थ" (पायाब), एक जैन समुदाय के संस्थापक हैं, जो "पायाब" के रूप में "मानव कष्ट की नदी" को पार कराता है। आत्मज्ञान प्राप्त करने के बाद, एक तीर्थंकर दूसरों को आत्मज्ञान का पथ दिखाता है। जैन सिद्धांतों का निर्माण तीर्थंकर के धार्मिक शिक्षण से हुआ है। सभी तीर्थंकरों की आंतरिक ज्ञान सही है और हर संबंध में समान है, क्योंकि एक तीर्थंकर की शिक्षाएं किसी दूसरे की विरोधाभासी मे नहीं है। लेकिन उस अवधि के मनुष्यों की पवित्रता और आध्यात्मिक उन्नति के अनुसार विस्तार के स्तर मे विभिन्नता है। जितनी आध्यात्मिक उन्नति और मन की पवित्रता है, उतनी ही विस्तार की आवश्यकता कम है। अपने मानव जीवन की अंत-अवधि में एक तीर्थंकर मुक्ति ('मोक्ष' या 'निर्वाण') को प्राप्त करते है, जो अनंत जन्म और मृत्यु के चक्र को समाप्त करता है। जैन धर्म के अनुसार समय का आदि या अंत नहीं है। वह एक गाड़ी के पहिए के समान चलता है। हमारे वर्तमान युग के पहले अनंत संख्या मे समय चक्र हुए है और इस युग के बाद भी अनंत संख्या मे समय चक्र होंगें। इक्कीसवी सदी के आरंभ में, हम वर्तमान अर्ध चक्र के पांचवें दौर में लगभग २,५३० वें वर्ष में हैं। ब्रह्मांड के इस भाग में समय के प्रत्येक अर्ध चक्र में चौबीस (प्रत्येक पूरे चक्र में अड़तालीस) तीर्थंकर जन्म लेते हैं। हमारे वर्तमान में (उतरते) समय के अर्ध चक्र में, पहले तीर्थंकर ऋषभ देव अरबों वर्ष पहले रहे और तीसरे युग की समाप्ति की ओर मोक्ष प्राप्ति की। चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी (५९९-५२७ ईसा पूर्व) थे, जिनका अस्तित्व एक ऐतिहासिक तथ्य स्वीकार कर लिया गया है। हमारे भाग वाले ब्रह्मांड में अगले तीर्थंकर का जन्म समय के अगले (चढ़ते) अर्ध चक्र के तीसरे युग के आरंभ में, लगभग ८२,५०० वर्ष में होगा। जैसे तीर्थंकर आत्मज्ञान के लिए हमें निर्देशित करते हैं, जैन मंदिरों में उनकी मूर्तियों की पूजा आत्मज्
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
बिहार के किस स्थान से मौर्यकाल में बने जैन तीर्थंकरों की प्रतिमा प्राप्त हुई है—
Teerthankaron meaning in Gujarati: તીર્થંકરો
Translate તીર્થંકરો
Teerthankaron meaning in Marathi: तीर्थंकर
Translate तीर्थंकर
Teerthankaron meaning in Bengali: তীর্থঙ্করগণ
Translate তীর্থঙ্করগণ
Teerthankaron meaning in Telugu: తీర్థంకరులు
Translate తీర్థంకరులు
Teerthankaron meaning in Tamil: தீர்த்தங்கரர்கள்
Translate தீர்த்தங்கரர்கள்