दीर्घनिकाय (DeerghNikaay) = Longevity
त्रिपिटकदीघनिकाय (संस्कृत:दीर्घनिकाय) बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक के सुत्तपिटक का प्रथम निकाय है। दीघनिकाय में कुल ३४ सुत्त सूत्र है। यह लम्बे सूत्रों का संकलन है। इन सुत्रों के आकार दीर्घ (लम्बा) हैं इसी लिए इस निकाय को दीघनिकाय (पालि दीघ=दीर्घ) कहा गया है। दीघनिकाय तीन वग्गों (वर्गों) में विभक्त है-पहले वग्ग में 13 सुक्त हैं, दूसरे में 10 हैं और तीसरे में 11। इस प्रकार इस निकाय में कुल 34 सुत्त हैं। पहले वग्ग का मुख्य विषय शील है। इसलिए उसका नाम सीलक्खंधवग्ग रखा गया है। दूसरे वग्ग में महापरिनिब्बान, महासतिपठ्ठान जैसे बड़े बड़े सुत्त संग्रहीत हैं। इसलिए उसका नाम महावग्ग रखा गया है। तीसरे वग्ग का नामकरण उसके पहले सुत्त के अनुसार हुआ है। भगवान् बुद्ध ने निर्वाणप्राप्ति के लिए मध्यम मार्ग का उपदेश दिया है। यह अष्टांगिक मार्ग है। इसमें शील, समाधि और प्रज्ञा का समावेश है इसलिए अनेक स्थलों पर उन्होंने आर्यमार्ग का उपदेश शील, समाधि और प्रज्ञा के रूप में ही दिया है। दीघनिकाय के अनेक सुत्तों से भी यह बात स्पष्ट हो जाती है। ब्रह्मजाल सुत्त में उस समय प्रचलित 62 दृष्टियों अर्थात् दार्शनिक मतवादों का विस्तृत वर्णन है। अन्य कई एक सुत्तों में भी उनका वर्णन संक्षेप में आया है। बुद्ध के समकालीन छ: तीर्थंकरों के सिद्धांतों का उल्लेख सामंञ्ञफल सुत्त में आया है। उन तीर्थंकरों में भगवान महावीर भी थे। इनके निर्वाण और शिष्यों में धर्म संबंधी मतभेद की चर्चा पासादिक और संगीतिपरियाय सुत्तों में आई है। उस समय भारत में प्रचलित अनेक धार्मिक संप्रदायों में कठिन तपस्या का अभ्यास साधना का एक प्रमुख अंग था। भगवान बुद्ध उस पद्धति के समर्थक नहीं थे। कस्सपसीहनाद और उदुबरिकसीहनाद आदि सुत्तों में उन तपस्याओं और तत्संबंधी भगवान के विचारों पर प्रकाश पड़ता है। पशुबलि द्वारा यज्ञ करना उस समय प्रचलित कर्मकांड का एक विशेष अंग रहा है। कूटदंत सुत्त में उन्होंने अहिंसात्मक यज्ञानुष्ठान का उपदेश दिया है। बुद्धकालीन भारतीय समाज चतुर्वर्णी व्यवस्था पर स्थित था। भगवान बुद्ध जन्मना उच्च नीच के भी बड़े विरोधी थे। आचरण को ही इसकी कसौटी मानते थे। जातिवाद का विवेचन त्रिपिटक के अनेक स्थलों पर आया है। दीघनिकाय के अंबट्ठ सोगदंड और अग्गम्म सुत्तों में भी इस विषय की चर्चा और तत्संबंधी बुद्ध के विचार आए
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बौद्ध साहित्य विनयपिटक और दीर्घनिकाय से जानकारी मिलती है
DeerghNikaay meaning in Gujarati: લાંબુ શરીર
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DeerghNikaay meaning in Marathi: लांब शरीर
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DeerghNikaay meaning in Bengali: দীর্ঘ শরীর
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DeerghNikaay meaning in Telugu: పొడవాటి శరీరం
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DeerghNikaay meaning in Tamil: நீண்ட உடல்
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