लिच्छवी (Lichachhvi) = Lichchhavi
लिच्छवि नामक जाति ईसा पूर्व छठी सदी में बिहार प्रदेश के उत्तरी भाग यानी मुजफ्फरपुर जिले के वैशाली नगर में निवास करती थी। लिच्छ नामक महापुरुष के वंशज होने के करण इनका नाम लिच्छवि पड़ा अथवा किसी प्रकार के चिह्न (लिक्ष) धारण करने के कारण ये इस नाम से प्रसिद्ध हुए। लिच्छवि राजवंश इतिहासप्रसिद्ध है जिसका राज्य किसी समय में नेपाल, मगध और कौशल मे था। प्राचीन संस्कृत साहित्य में क्षत्रियों की इस शाखा का नाम 'निच्छवि' या 'निच्छिवि' मिलता है। पाली रूप 'लिच्छवि' है। मनुस्मृति के अनुसार लिच्छवि लोग व्रात्य क्षत्रिय थे। उसमें इनकी गणना झल्ल, मल्ल, नट, करण, खश और द्रविड़ के साथ की गई है। ये 'लिच्छवि' लोग वैदिक धर्म के विरोधी थे। इनकी कई शाखाएँ दूर दूर तक फैली थीं। वैशालीवाली शाखा में जैन तीर्थंकर महावीर स्वामी हुए और कोशल की शाक्य शाखा में गौतम बुद्ध प्रादुर्भूत हुए। किसी समय मिथिला से लेकर मगध और कोशल तक इस वंश का राज्य था। जिस प्रकार हिंदुओं के संस्कृत ग्रंथों में यह वंश हीन कहा गया है, उसी प्रकार बौद्धों और जैनों के पालि और प्राकृत ग्रंथों मे यह वंश उच्च कहा गया है। गौतम बुद्ध के समसामयिक मगध के राजा बिंबसार ने वैशाली के लिच्छवि लोगों के यहाँ संबंध किया था। पीछे गुप्त सम्राट् ने भी लिच्छवि कन्या से विवाह किया था। इस जाति का इतिहास तथा शासनवृत्तांत एक सहस्र वर्षों तक किसी न किसी रूप में मिलता है। पालि सहित्य में लिच्छवि वज्जि संघ की प्रधान जाति थी अतएव अंगुत्तर निकाय (1,213 : 4,252), महावस्तु (2,2) तथा विनयपिटक (2,146) में षोड़श महाजनपद की सूची में वज्जि का ही नाम आता है, लिच्छवि का नहीं। संभवत: इसी कारण पाणिनि ने (अष्टा. 4/2/131) वृज्जि संघ का ही उल्लेख किया है। (मद्र वृज्यौ: कन्)। कौटिल्य ने भी इसी की पुष्टि की है (वृजिक - अधि. 11/1)। वज्जि संघ की आठ जातियों (अट्टकुलिक) में लिच्छवि को सबल तथा सर्वशक्तिसंपन्न जाति मानते थे जिसकी राजधानी बैशाली का उल्लेख रामायण में भी आता है। (इक्ष्वाकु के पुत्र धर्मात्मा राजा "विशाल" ने इसका निर्माण कराया था अतएव इस नगरी का नाम वैशाली रखा गया। )भारतीय परंपरा के अनुसार लिच्छवि क्षत्रिय वंशज थे, इसी कारण महापरिनिर्वाण के बाद लिच्छवि संघ ने बुद्ध के अवशेष में हिस्सा बँटाया था। उन लोगों ने उस अवशेष पर स्तूप का निर्माण किया थ
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काशी और लिच्छवी का विलय मगध साम्राज्य में किसने किया -
किस शासक ने वैशाली की लिच्छवी राजकुमारी कुमारदेवी से विवाह किया था ?
किस शासक ने स्वयं को ‘लिच्छवी दोहित्र’ कहा है-
Lichachhvi meaning in Gujarati: લિચ્છવી
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Lichachhvi meaning in Marathi: लिच्छवी
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Lichachhvi meaning in Bengali: লিচ্ছাভি
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Lichachhvi meaning in Telugu: లిచ్చవి
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Lichachhvi meaning in Tamil: லிச்சவி
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