मृदंग (Mridang) = Mridang
मृदंग संज्ञा पुं॰ [सं॰ मृदङ्ग]
१. एक प्रकार का बाजा जो ढोलक से कुछ लंबा होता है । तबले की तरह इसके दोनों मुँहड़ें चमड़े से मढ़े जाते है । इसका ढाँचा पक्की मिट्टी का होता है, इससे यह मृदंग कहलाता है । उ॰—(क)बाजहिं ताल मृदंग अनुपा । सोइ रव मधुर सुनहु सुरभूपा । —तुलसी (शब्द॰) । (ख) काहु बीन गहा कर काहु नाद मृदंग । सब दिन अनँद बधावा रहस कुद इक संग । —जायसी (शब्द॰) । यौ॰—मृदंगकेतु =धर्मराज युधिष्ठिर । मृदंगफल । मृदंगफलिनी । मृदंगवादक =मृदंग बजानेवाला ।
२. बाँस ।
३. निनाद । ध्वनि (को॰) ।
मृदंग (संस्कृत: मृदंग,तमिल: மிருதங்கம், कन्नड़: :ಮೃದಂಗ, मलयालम: മൃദംഗം, तेलुगु: మృదంగం) दक्षिण भारत का एक थाप यंत्र है। यह कर्नाटक संगीत में प्राथमिक ताल यंत्र होता है। इसे मृदंग खोल, मृदंगम आदि भी कहा जाता है। गांवों में लोग मृदंग बजाकर कीर्तन गीत गाते है। इसका एक सिरा काफी छोटा और दूसरा सिरा काफी बड़ा (लगभग दस इंच) होता है। मृदंग एक बहुत से प्राचीन वाद्य है। इनको पहले मिट्टी से ही बनाया जाता था लेकिन आजकल मिट्टी जल्दी फूट जने और जल्दी खराब होने के कारण लकड़ी का खोल बनाने लग गये है। इनको उपयोग, ये ढोलक ही जैसे होते है। बकरे के खाल से दोनों तरफ छाया जाता है इनको, दोनों तरफ स्याही लगाया जाता है। हाथ से आघात करके इनको भी बजाया जाता है। छत्तीसगढ़ में नवरात्रि के समय देवी पूजा होती है, उसमें एक जस गीत गाये जाते हैं। उसमें इनका उपयोग होता है। थाप यंत्र
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
मृदंग की आकृति का मिट्टी से बना लोक वाद्य जो मोलेला गांव में विशेषत बनाया जाता है ?