पहिया (Pahiya) = wheel
पहिया संज्ञा पुं॰ [सं॰ परिधि ?]
१. गाड़ी, इंजन अथवा अन्य किसी कल में लगा हुआ लकड़ी या लोहे का वह चक्कर जो अपनी धुरी पर घूमता है और जिसके घूमने पर गाड़ी या कल भी चलती है । गाड़ी या कल में वह चक्राकार भाग जो गाड़ी या कल के चलने में घूमता है । चक्का । चक्र । उ॰—भीगे पहिया मेह में रथ ही देत बताय । नीर भरे बदराम पै अब पहुँचे हम आय । —शकुंतला, पृ॰ १३४ ।
२. किसी कल का वह चक्राकार भाग जो धुरी पर घूमता है, एवं जिसके घूमने से समस्त कल को गति नहीं मिलती किंतु उसके अंश विशेष अथवा उससे संबद्ध अन्य वस्तु या वस्तुओं को मिलती है । चक्कर । विशेष—यद्यपि धुरी पर घूमनेवाले प्रत्येक चक्र को पहिया कहना उचित होगा तथापि बोलचाल में किसी चलनेवाली चीज अथवा गाड़ी के जमीन से लगे हुए चक्र को ही पहिया कहते हैं । घड़ी के पहिए और प्रेस या मिल के इंजन के पहिए आदि को, जिनसे सारी कल को नहीं, उसके भागविशेष अथवा उससे संबंद्ध अन्य वस्तुओं को गति मिलती है, साधारणतः चक्का कहने की चाल है । पहिया कल का अधिक महत्वपूर्ण अंग है । उसका उपयोग केवल गति देने में ही नहीं होता, गति का घटाना बढ़ाना, एक प्रकार की गति से दूसरे प्रकार की गति उत्पन्न करना, आदि कार्य भी उससे लिए जाति हैं । पुट्टी आरा, बेलन, आवन, धुरा, खोपड़ा, तितुला, लाग, हाल आदि गाड़ी के पहिए के खास खास पुर्जें हैं । इन सबके संयोग से यह बनता और काम करता है । इनके विवरण मूल शब्दों में देखो ।
पहिया (wheel) किसी भौतिक वस्तु में लगा हुआ एक गोल आकार का ऐसा अंश होता है जो अपने बीच में स्थित के खुले स्थान में किसी धुरी (ऐक्सल) पर टिका हुआ हो और घूम सके। मानव-कृत पहिये अक्सर वाहनों में नीचे लगे होते हैं जहाँ वह भार ढोने के साथ-साथ धरती पर लुड़क कर वाहन को चलाने का काम भी करते हैं। आधुनिक वाहनों में हवा से भरे रबर के पहिये होते हैं जो टायर कहलाते हैं। क्योंकि पहिये गति और समय की चाल का प्रतीक हैं इसलिये हिन्दू, बौद्ध, सिख व जैन धर्मों में इन्हें चिन्हों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।