भीलवाड़ा (BhilWada) = Bhilwara
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भीलवाड़ा, राजस्थान का एक नगर है। भीलवाड़ा से 6 किलोमीटर दूर मंगरोप रोड़ पर शिवालय है। जो कि हरणी महोदव के नाम से प्रसिद्ध है। जहां पर प्रत्येक शिवरात्रि पर 3 दिवसीय भव्य मेले का आयोजन होता है। मेले का आयोजना जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद के सहयोग से किया जाता है। जिसमें 3 दिन तक प्रत्येक रात्रि में अलग-अलग कार्यक्रम यथा धार्मिक भजन संध्या (रात्रि जागरण), कवि सम्मेलन व सांस्क़तिक संध्या का आयोजन किया जाता है। यह मन्दिर पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है। प्राचीन समय में यहां घना आरण्य होने से आरण्य वन कहा जाता था, जिसका अपभ्रंश हो कर हरणी नाम से प्रचलित हो गया। भीलवाडा शहर से 72 किलोमीटर दूर स्थित इस कस्बे का इतिहास में एक अलग ही महत्व हे जब मेड़ता के राजा जयमल ने राणा उदेसिंह से सहायता के लिए कहा तो राणा ने जयमल को बदनोर जागीर के रूप में दिया बदनोर में कई देखने योग्य स्थल हे उनमे से निम्न हे - छाचल देव। अक्षय सागर। जयमल सागर। बैराट मंदिर। धम धम शाह बाबा की दरगाह। आंजन धाम। केशर बाग़। जल महल। आदिभीलवाडा शहर से 23 किलोमीटर दूर स्थित इस कस्बे का नाम आते ही सबसे पहले विख्यात श्री चारभुजा जी का मंदिर स्मृति में आता है। भीलवाडा-जहाजपुर रोड पर स्थित यह नगर भगवान के मंदिर के कारण काफी प्रसिद्ध है। सगतपुरा का देवनारायण मंदिर, पारोली में चंवलेश्वर मंदिर, मीराबाई का आश्रम व ढोला का सगस जी(भूत), कोठाज का श्री चारभुजा जी का मंदिर देखने योग्य हैं। यह भीलवाडा जिले का सबसे पुराना शहर हे बनेड़ा में दुर्ग हे, जो महाराजा सरदार सिंह ने बनवाया था| ये ऐक तहसील व् उपखंड कार्यालय है यह ऐक ऐतिहासिक सत्र हे सबसे पुराना जेन मंदिर हे व् बहुत बड़ा दुर्ग के परकोटा बना हुआ हेमाण्डलगढ से 20 किलोमीटर दूर चितौडगढ की सीमा पर स्थित पुरातात्विक एवं प्राकृतिक सौन्दर्य स्थल मेनाल में 12 वीं शताब्दी के चौहानकला के लाल पत्थरों से निर्मित महानालेश्वर मंदिर, रूठी रानी का महल, हजारेश्वर मंदिर देखने योग्य हैं। सैकडों फीट ऊंचाई से गिरता मेनाली नदी का जल प्रपात भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्द्र हैं। भीलवाडा का प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल, जिसका इतिहास बडा रंगबिरंगा रहा हैं। कर्नल जेम्स टॉड 1820 में उदयपुर जाते समय यहाँ आये थे। यहाँ का बडा देवरा (पुराने मंदिरों का समूह), पुराना किला
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
भीलवाड़ा बिंगोद के निकट होने वाले त्रिवेणी संगम में शामिल नदी नहीं है ?
भीलवाड़ा जिले में जिस सम्प्रदाय की पीठ स्थित है , वह है
राज्य के भीलवाड़ा , अलवर , और भरतपुर समेत कई जिलों में पहले से ही फैली खतरनाक विदेशी घास पार्थेनियम जो सूरजमुखी ( सनफ्लावर ) परिवार की है , ने जयपुर जिले में भी पांव पसार लिए है . स्मरण रहे कि यह घास वनस्पति फसलों और देशी वनस्पति के लिए घातक है . इसके दूध व रस से चर्म कैन्सर हो जाता है . अतः नंगे हाथों से छूना भी खतरे से खाली नहीं है? इस घास को राज्य में किस नाम से जाना जाता है ?
तात्यां टोपे भीलवाड़ा कब पहुंचा ?
जयपुर टोंक बूंदी , कोटा , भीलवाड़ा और झालावाड़ से होकर कौन सा राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है ?
BhilWada meaning in Gujarati: ભીલવાડા
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BhilWada meaning in Marathi: भिलवाडा
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BhilWada meaning in Bengali: ভিলওয়াড়া
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BhilWada meaning in Telugu: భిల్వారా
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BhilWada meaning in Tamil: பில்வாரா
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