दोहा (Doha) = Doha
दोहा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ दो + हा (प्रत्य॰)]
१. एक हिंदी छंद, जिसमें होते तो चार चरण हैं, पर जो लिखा दो पंक्तियों में जाता है, अर्थात् पहला और दूसरा चरण एक पंक्ति में और तीसरा और चौथा चरण दूसरी पंक्ति में लिखा जाता है । इसके पहले और तचीसरे चरण में १३—१३ मात्राएँ और दूसरे तथा चौथे चरण में ११—११ मात्राएँ होती हैं । दूसरे और चौथे तरण का तुकांत मिलना चाहिए । जैसे,—राम नाम मणि दीप धरु, जीह देहरी द्वार । तुलसी भीतर बाहिरो, जौ चाहसि उजियार । विशेष—इसी को उलट देने से सोरठा हो जाता है ।
२. संकीर्ण राग का एक भेद ।
दोहा, मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में ११-११ मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में प्राय: जगण (। ऽ। ) टालते है, लेकिन इस की आवश्यकता नहीं है। 'बड़ा हुआ तो' पंक्ति का आरम्भ ज-गण से ही होता है.
सम चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है अर्थात अन्त में लघु होता है। उदाहरण-बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं, फल लागैं अति दूर। ।
मुरली वाले मोहना, मुरली नेक बजाय।
तेरी मुरली मन हरो, घर अँगना न सुहाय॥हेमचन्द्र के मतानुसार दोहा-छन्द के लक्षण हैं - समे द्वादश ओजे चतुर्दश दोहक:
समपाद के अन्तिम स्थान पर स्थित लघु वर्ण को हेमचन्द्र गुरु-वर्ण का मापन देता है. 'अत्र समपादान्ते गुरुद्वयमित्याम्नाय:' यह सूत्र विषद किया है.मम तावन्मतमेतदिह - किमपि यदस्ति तदस्तु
रमणीभ्यो रमणीयतरमन्यत् किमपि न वस्तुसोरठ तथा दोहा इन छन्दों में कुछ समान सूत्र हैं, अत: सोरठा के बारे में भी वाचक अधिक सूचना प्राप्त करें.
Hindi Dictionary. Devnagari to roman Dictionary. हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोष। देवनागरी और रोमन लिपि में। एक लाख शब्दों का संकलन। स्थानीय और सरल भाषा में व्याख्या।
दोहा कोश के रचनाकार
दोहा छन्द राजस्थानी साहित्य का सबसे प्राचीन प्रकार है जो विक्रम संवत दूसरी व तीसरी की रचनाओं तक मिलते है । देशदर्पण , आर्याख्यान कल्पद्रमुन , राठोडां री ख्यात आदि प्रसिद्ध कृतियां का लेखक है ?
इला न देणी आपणी , हालरिये हुलराय । पूत सिखावै पालणै , मरण बड़ाई माय । । राजस्थान भाषा के वर्चस्व व सार्थकता को सिद्ध करने के लिए यह उपरोक्त दोहा ही काफी है जिस में करने के लिए यह उपरोक्त दोहा ही काफी है जिस में पालने में सोते बच्चे को मां अपने प्रदेश की आन को जीवित रखने हेतु प्राणोत्सर्ग कर देने का सन्देश देती है । यह दोहा किस कवि तथा रचना का है , बतायें ?
Doha meaning in Gujarati: દોહા
Translate દોહા
Doha meaning in Marathi: दोहा
Translate दोहा
Doha meaning in Bengali: দোহা
Translate দোহা
Doha meaning in Telugu: దోహా
Translate దోహా
Doha meaning in Tamil: தோஹா
Translate தோஹா
जाके बार ना उपजते नाहो सो यह जतन करावे
जो कलाय पकवाय जलाकर राख बनावे
कङवा तेल मगांय तामे राख न खावे
Eska hindi