चारण (Charan) = Chaaran
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चारण संज्ञा पुं॰
1. वंश की कीर्ति गानेवाला । भाट । बंदीजन ।
2. राजस्थान की एक जाति । विशेष— सह्याद्रिखंड में लिखा है कि जिस प्रकार वैतालिकों की उत्पत्ति वैश्य और शूद्रा से है, उसी प्रकार चारणों की भी है; पर चारणों का वृषलत्व कम है । इनका व्यवसाय राचाओं ओर ब्राह्मणों का गुण वर्णन करना तथा गाना बजाना है । चारण लोग अपनी उत्पत्ति के संबंध में अनेक अलौकिक कथाएँ कहते हैं ।
3. भ्रमणकारी ।
राजस्थान की एक जाति-विशेष, जिस के कवियों ने अनेक राजदरबारों में अपने ओजपूर्ण काव्य के द्वारा राज्य की रक्षा के लिए राजा और सेना की भुजाओं फौलाद भरने का काम किया करते थे। कविता के कारण या युद्ध-विषयक काव्य-लेखन के लिए राज्याश्रय पाया। चारण और भाट भारत की वे दो अलग अलग गुण -कर्म धर्म वाली जातियाँ हैं। चारणों का उद्भवन कैसे और कब हुआ, वे इस देश में कैसे फैले और उनका मूल रूप क्या था, आदि प्रश्नों के संबंध में प्रामाणिक सामग्री का अभाव है; परंतु जो कुछ भी सामग्री है, उसके अनुसार विचार करने पर उस संबंध में अनेक तथ्य उपलब्ध होते हैं। चारणों की उत्पत्ति दैवी कही गई है। ये पहले मृत्युलोक के पुरुष न होकर स्वर्ग के देवताओं में से थे (श्रीमद्भा. 3। 10। 27-28)। सृष्टिनिर्माण के विभिन्न सृजनों से चारण भी एक उत्पाद्य तत्व रहे हैं। भागवत के टीकाकार श्रीधर ने इनका विभाजन विबुधा, पितृ, असुर, गंधर्व, भूत-प्रेत-पिशाच, सिद्धचारण, विद्याधर और किंनर किंपुरुष आदि आठ सृष्टियां के अंतर्गत किया है। ब्रह्मा ने चारणों का कार्य देवताओं की स्तुति करना निर्धारित किया। मत्स्य पुराण (249.35) में चारणों का उल्लेख स्तुतिवाचकों के रूप में है। चारणों ने सुमेर छोड़कर आर्यावर्त के हिमालय प्रदेश को अपना तपक्षेत्र बनाया, इस प्रसंग में उनकी भेंट अनेक देवताओं और महापुरुषां से हुई। इसके कई प्रसंग प्राप्त होते हैं। वाल्मीकि रामायण- (बाल. 17.9, 75.18; अरण्य. 54.10; सुंदर. 55.29; उत्तर. 4.4) महाभारत - (आदि. 1202.1, 126.111; वन 82.5; उद्योग. 123.4.5; भीष्म. 20। 16; द्रोण. 124.10; शांति. 192.7-8) तथा ब्रह्मपुराण-(36.66) में तपस्वी चारणों के प्रसंग मिल जाते हैं। ब्रह्मपुराण का प्रसंग तो स्पष्ट करता है कि चारणों को भूमि पर बसानेवाले महाराज पृथु थे। उन्होंने चारणों को तैलंग देश में स्थापित किया और तभ
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चारण, भाट, कवि,
चारण शैली , दूसरे किस नाम से जानी जाती है ?
चारण शैली किसी दूसरे नाम से भी जानी जाती है ?
हिस्ट्री चारण समाज
किसने राजस्थानी चारण एक ऐतिहासिक सर्वे तथा पश्चिमी राजस्थानी व्याकरण नामक पुस्तकें लिखि ?
लगभग समान उच्चारण वाले शब्द
Charan meaning in Gujarati: ચારણ
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Charan meaning in Marathi: बार्ड
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Charan meaning in Bengali: বার্ড
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Charan meaning in Telugu: బార్డ్
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Charan meaning in Tamil: பார்ட்
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