sayana
= सायण() (Sayann)
सायण संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक प्रसिद्ध आचार्य जिन्होंने चारों वेदों के बहुत उत्तम और प्रसिद्ध भाष्य लिखे हैं । विशेष—इनके पिता का नाम मायण था । पहले ये राज्यमंत्री थे पर पीछे से संन्यासी होकर श्रृंगेरी मठ के अधिष्ठाता हुए थे । उस समय इनका नाम विद्यारण्य स्वामी हुआ था । इनका समय ईसवी चौदहवीं । (१३७०) शताव्दी है । इनके नाम से और भी बहुत से संस्कृत ग्रंथ प्रसिद्ध हैं ।
सायण या आचार्य सायण (चौदहवीं सदी, मृत्यु १३८७ इस्वी) वेदों के सर्वमान्य भाष्यकर्ता थे। सायण ने अनेक ग्रंथों का प्रणयन किया है, परंतु इनकी कीर्ति का मेरुदंड वेदभाष्य ही है। इनसे पहले किसी का लिखा, चारों वेदों का भाष्य नहीं मिलता। ये २४ वर्षों तक विजयनगर साम्राज्य के सेनापति एवं अमात्य रहे (१३६४-१३८७ इस्वी)। योरोप के प्रारंभिक वैदिक विद्वान तथा आधुनिक भारत के श्री अरोबिंदो तथा श्रीराम शर्मा आचार्य भी इनके भाष्य के प्रशंसक रहे हैं। यास्क के वैदिक शब्दों के कोष लिखने के बाद सायण की टीका ही सर्वमान्य है। सायण ने अपनी रचनाओं में अपने चरित्र के विषय में आवश्यक तथ्यों का निर्देश किया है। ये दक्षिण भारत के निवासी थे। इनके पिता का नाम था मायण और माता का श्रीमती। इनका गोत्र भारद्वाज था। कृष्ण यजुर्वेद की तैत्तिरीय शाखा के अनुयायी श्रोत्रिय थे। इनके अग्रज विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक महाराज हरिहर के मुख्यमंत्री तथा आध्यात्मिक गुरु थे। उनका नाम था - माधवाचार्य जो अपने जीवन के अंतिम समय में शृंगेरीपीठ के विद्याचरण स्वामी के नाम से अधिपति हुए थे। सायण के अनुज का नाम था भोगनाथ जो संगमनरेश के नर्मसचिव तथा कमनीय कवि थे। सायण ने अपने अलंकार सुधानिधि नामक ग्रंथ में अपने तीन पुत्रों का नामोल्लेख किया है जिनमें कंपण संगीत शास्त्र में प्रवीण थे, मायण गद्य-पद्य रचना में विचक्षण कवि थे तथा शिंगण वेद की क्रमजटा आदि पाठों के मर्मज्ञ वैदिक थे। वेदभाष्यों तथा इतर ग्रंथों के अनुशोलन से सायण के आश्रयदाताओं के नाम का स्पष्ट परिचय प्राप्त होता है। सायण शासन कार्य में भी दक्ष थे तथा संग्राम के मैदान में सेना नायक के कार्य में भी वे निपुण न थे। विजयनगर के इन चार राजन्यों के साथ सायण का संबंध था - कंपण, संगम (द्वितीय), बुक्क (प्रथम) तथा हरिहर (द्वितीय)। इनमें से कंपण संगम प्रथम के द्वितीय पुत्र थे। और हरिहर प्रथम के
सायण meaning in english
वैदिक ग्रंथों के प्रसिद्ध भाष्यकार सायण निम्न में से किस एक काल में सक्रिय थे ?
sayana
meaning in Gujarati: સયાન
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meaning in Marathi: सायन
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meaning in Bengali: সায়ান
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meaning in Telugu: సయన్
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meaning in Tamil: சயான்
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