sacrifice
= यज्ञ() (Yagya)
यज्ञ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. प्राचीन भारतीय आर्यों का एक प्रसिद्ध वैदीक कृत्य जिसमें प्रायः हवन और पूजन हुआ करता था । मख । याग । विशेष—प्राचीन भारतीय आर्यों में यह प्रथा थी कि जब उनके यहाँ जन्म, विवाह या इसी प्रकार का और कोई समारंभ होता था, अथवा जब वे किसी मृतक की अंत्येष्टि क्रिया या पितरों का श्राद्ध आदि करते थे, तब ऋग्वेद के कुछ सूक्तों और अथर्ववेद के मेंत्रों के द्वारा अनेक प्रकार की प्रार्थनाएँ करते थे और आशीर्वाद आदि देते थे । इसी प्रकार पशुओँ का पालन करनेवाले अपने पशुओँ की वृद्धि के लिये तथा किसान लोग अपनी उपज बढ़ाने के लिये अनेक प्रकार के समारंभ करके स्तुति आदि करते थे । इन अवसरों पर अनेक प्रकार के हवन आदि भी होती थे, जिन्हें उन दिनों 'गृह्यकर्म' कहते थे । इन्हीं ने आगे चलकर विकसित होकर यज्ञों का रूप प्राप्त किया । पहले इन यज्ञों में घर का मालिक या यज्ञकर्ता, यज्ञमान होने के अतिरिक्त यज्ञपुरोहित भी हुआ करता था; और प्रायः अपनी सहायता के लिये एक आचार्य, जो 'ब्राह्मण' कहलाता था, रख लिया करता था । इन यज्ञों की आहुति घर के यज्ञकुंड में ही होती थी । इसके अतिरिक्त कुछ धनवान् या राजा ऐसे भी होते थे, जो बड़ो ब़ड़े यज्ञ किय़ा करते थे । जैसे,— युद्ध के देवता इंद्र की प्रसन्न करने के लिये सोमयाग किया जाता था । घीर धीर इन यज्ञों के लिये अनेक प्रकार के निय़म आदि बनने लगे; और पीछे से उन्हीं नियमों के अनुसार भिन्न भिन्न यज्ञों के लिये भिन्न भिन्न प्रकार की यज्ञभूमियाँ और उनमें पवित्र अग्नि स्थापित करने के लिये अनेक प्रकार के यजकुंड बनने लगे । ऐस यज्ञों में प्रायः चार मुख्य ऋत्विज हुआ करते थे, जिनकी अधीनता में और भी अनेक ऋत्विज् काम करते थे । आगे चलकर जब यज्ञ करनेवाले यज्ञमान का काम केवल दक्षिणा बाँटना ही रह गया, तब यज्ञ संबंधी अनेक कृत्य करने के लिये और लोगों की नियुक्त होनो लगी । मुख्य चार ऋत्विजों में पहला 'होता' कहलाता था और वह देवताओँ की प्रार्थना करके उन्हें यज में आने के लिये आह्वान करता था । दूसरा ऋत्विज् 'उजगाता' यज्ञकुंड़ में सोम की आहुति देने के समय़ सामागान करता था । तीसरा ऋत्विज् 'अध्वर्यु' या यज्ञ करनेवाला होता था; और वह स्वयं अपने मुँह से गद्य मंत्र पढ़ता तथा अपने हाथ से यज्ञ के सब कृत्य करता था । चौथे ऋत्विज् 'ब्रह्मा' अथवा महापुरोहित को सब प
यज्ञ meaning in english
कुषाणों के उन्मूलन के लिए किस वंश के राजाओं ने दस अश्वमेघ यज्ञ करवाये थें ?
किस ग्रंथ के उल्लेख के आधार पर यह माना जाता हैं कि मलेच्छों के अत्याचार से त्रस्त होकर महर्षि वशिष्ठ ने अत्याचारियों के विनाश हेतु आबू पर्वत पर एक यज्ञ किया एंव यज्ञ के अग्निकुंड से 4 राजपूत कुले - परमार , चौलुक्य / सोलंकी , प्रतिहार एंव चौहान - का जन्म हुआ -
भूदान यज्ञ अधिनियम किस वर्ष चलाया गया ?
भूदान यज्ञ अधिनियम किसके द्वारा चलाया गया ?
‘ अश्वमेघ यज्ञ ‘ और ‘ त्रियाविनोद ‘ ग्रन्थ के रचनाकार है:
sacrifice
meaning in Gujarati: યજ્ઞ
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meaning in Marathi: यज्ञ
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meaning in Bengali: যজ্ঞ
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meaning in Telugu: యజ్ఞము
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meaning in Tamil: யாகம்
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