year = वर्ष(noun) (Varsh)
Category: time units
पु.(साल)वर्ष संज्ञा पुं॰
1. वृष्टि । जलवर्षण ।
2. काल का एक मान जिसमें दो अयन और बारह महीने होती हैं । उतना समय जितने में सब ऋतुओं की एक आवृत्ति हो जाती है । संवत्सर । साल । विशेष—वर्ष चार प्रकार के होते हैं—सौर, चांद्र सावन और नाक्षत्र । सौर वर्ष 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड का होता है । यह उतना समय है, जितने में पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा पूरी कर लेती है । पृथ्वी के इसी भ्रमण के कारण सूर्य का सत्ताईस नक्षत्रों और बारह राशियों में गमन दिखाई पड़ता है । लोग कहते हैं कि अब सूर्य अमुक नक्षत्र या राशि में है । घूमते समय पृथ्वी की धुरी सीघी न रहकर कुछ टेढ़ी रहती है और उसके मार्ग की कक्षा गोल न होकर अंडाकार होती है । इसी से सूर्य कुछ महीनों तक भूमध्यरेखा के उत्तर और कुछ महीनों तक दक्षिण में उदय होता दिखाई पड़ता है । ये दोनों 'उत्तर अयन' और 'दक्षिण अयन' कहलाते हैं । वर्ष में केवल दो दिन सूर्य भूमध्य या विषुवत् रेखा पर उदय होता हैं । इन दोनों को सायन कद्दते । एक सायन तुला राशि में और दूसरा मेष में होता है । सूर्य कर्क राशि में आकार दक्षिण की ओर बढ़ने लगता है और धनु राशि में पहुँचने तक भूमध्यरेखा के दक्षिण ही रहता है । मकर राशि से फिर उत्तर की ओर बढ़ने लगता है और कर्क राशि में पहुँचने तक उत्तर ही रहता है । प्राचीन भारतीय आर्यों में राशियों का व्यवहार न था; इससे सौर वर्ष दो अयनों का ही माना जाता था । ग्रहों का उदय राशियों में न माना जाकर 27 नक्षत्रों में माना जाता था । इससे कभी कभी बड़ी अव्यवस्था होती थी । चांद्र वर्ष 354 दिन, 8 घंटे, 48 मिनट और 36 सेकंड का होता है । इतने काल में चंद्रमा पृथ्वी की बारह परिक्रमाएँ कर लेता है । इस प्रकार सौर वर्ष और चांद्र वर्ष में प्रति वर्ष 10 दिन, 21 घंटे का अंतर पड़ता है । हिंदू पंचांग में यह अंतर प्रति तीसरे वर्ष, 13 महीने का वर्ष मानकर दूर किया जाता है । उस बढ़े हुए महीने को 'अधिमास' या 'मलमास' कहते हैं । सावन वर्ष पूरे 360 दिनों का होना है और उसके महीने तीस तीस दिन के होते हैं । वैदिक काल में सावन मास ही अधिक चलता था और प्रत्येक मास की तिथि की गणना चंद्रमा के ही हिसाब से होती थी । शुक्ल प्रतिपदा से पूर्णिमा तक 15 दिन का शुक्ल पक्ष होता था । नाक्षत्र वर्ष 324 दिन का और उसका प्रत्येक महीना
वर्ष meaning in english