eclipse = ग्रहण(noun) (Grahan)
ग्रहण संज्ञा पुं॰ सूर्य, चंद्र या किसी दूसरे आकाशचारी पिंड की ज्योति की आवरण जो दृष्टि और उस पिंड के मध्य में किसी दूसरे आकाशचारी पिंड के आ जाने के कारण उसकी छाया पड़ने से होता है; अथवा उस पिंड और उसे ज्योति पहुँचानेवाले पिंड़ के मध्य में आ पड़नेवाले किसी अन्य पिंड की छाया पड़ने से होता है । जैसे,—चंद्र औऱ (उसे ज्योति पहुँचानेवाला) सूर्य के मध्य में पृथिवी के आ जाने के कारण चंद्रग्रहण और सूर्य तथा पृथिवी के मध्य में चंद्रमा के आ जाने के कारण सूर्यग्रहण का होना । विशेष—पुराणानुसार सूर्य या चंद्रग्रहण का मुख्य कारण राहु नामक राक्षस का उक्त पिंड़ों को ग्रसने या खाने के लिये दौ़ड़ना है (देखो 'राहु') । इसीलिये इस देश में ग्रहण लगने के समय, सूर्य या चंद्रमा की इस विपत्ति से मुक्त कराने के अभिप्राय सो लोग दान, पुण्य ईश्वरप्रार्थना तथा अन्य अनेक प्रकार के उपाय करते हैं । ग्रहण लगने और छूटने के समय स्नान करने की प्रथा भी यहाँ है । पर प्राचीन भारतीय ज्योतिषियों नें ग्रहण का मुख्य कारण उक्त छाया को ही माना है और किसी न किसी रूप में आधुनिक पाश्चात्य विद्वानों के सिद्धांत के समान ही उसके कारण का निरूपण किया है । सूर्यग्रहण केवल अमावस्या के दिन और चंद्रग्रहण केबल पूर्णिमा के रात को लगता है । सूर्य और चंद्रग्रहण एक वर्ष में कम से कम दो बार और अधिक से अधिक सात बार लगते हैं । पर साधारणतः एक वर्ष में तीन या चार ही ग्रहण लगते हैं और सात ग्रहण बहुत ही कम होते हैं । प्रायः एक समय में ग्रहण पृथ्वी के किसी विशिष्ट भाग में ही दिखाई पड़ता है, समस्त भूमंडल पर नहीं । ग्रहण में कभी तो सूर्य या चंद्र आदि का कुछ अंश ही आवृत होता है और कभी पूरा मंडल । जिस ग्रहण में पूरा मंडल आवृत हो जाय, उसे सर्वग्रास या खग्रास कहते हैं । फलित ज्योतिष में भिन्न भिन्न अवस्थाओं में ग्रहण लगने के भिन्न भिन्न फल आदि भी माने जाते हैं । अवस्था या स्थितिभेद से ग्रहण दस प्रकार के माने गए हैं—सव्य, अपसव्य, लेह, ग्रसन, निरोध, अवमर्द्द, आरोह, आघ्रात मध्मतम और तमोंत्य । इसी प्रकार ग्रहण का मोक्ष भी दस प्रकार का माना गया है—हणुभेद (दक्षिण और वाम दो प्रकार के), कुक्षिभेद (दक्षिण और वाम दो प्रकार के), वायुभेद (दक्षिण और वाम दो प्रकार के), संच्छर्द्दन, जरण, मध्यविदारण और अंतविदारण । हिंदू ग्रहण लगने से कुछ प
ग्रहण meaning in english
भारत में पंचवर्षीय योजना कहाँ से ग्रहण की
निम्न नदियों में से किसका सबसे बड़ा जल - ग्रहण क्षेत्र है -
चन्द्र ग्रहण घटित होता है ?
चन्द्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
पाणिग्रहण से पूर्व की ओर से वधू को पहनाई जाने वाली चांदी की मुद्रिका कहलाती है ?
eclipse meaning in Gujarati: ધારણા
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eclipse meaning in Marathi: गृहीतक
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eclipse meaning in Bengali: ধৃষ্টতা
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eclipse meaning in Telugu: ఊహ
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eclipse meaning in Tamil: அனுமானம்
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