Maher = मैहर(noun) (Maihar)
मैहर † ^1 संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मही ( = मट्ठा)] वह तलछट जो घी वा मक्खन को गरम करने पर नीचे बैठ जाती है । घी वा मकखन तपाने से निकला हुआ मट्ठा । मैहर ^2 संज्ञा पुं [सं॰ मातृगुह] दे॰ 'नैहर' । मैहर ^3 संज्ञा स्त्रीलिंग विवाह के अवसर पर किया जानेवाला मातृका- पूजन आदि कृत्य । मैहर ^4 संज्ञा पुं॰ मध्यप्रदेश में रीवाँ राज्यांतर्गत एक प्रसिद्ध स्थान । विशेष—यहाँ भगवती दुर्गा की एक अतिप्राचीन और प्रसिद्ध मूर्ति है । लोग दूर दूर से उसका दर्शन करने आते हैं । चंदेलों की यह कुलदेवी भी कही गई हैं । राजा परमाल के प्रमुख सामंत वीर आल्हा और उदल इनके उपासक थे । आज भी यह कहा जाता है कि अमर आल्हा भगवती का रात्रि को पूजन करता है ।
मैहर † ^1 संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मही ( = मट्ठा)] वह तलछट जो घी वा मक्खन को गरम करने पर नीचे बैठ जाती है । घी वा मकखन तपाने से निकला हुआ मट्ठा । मैहर ^2 संज्ञा पुं [सं॰ मातृगुह] दे॰ 'नैहर' । मैहर ^3 संज्ञा स्त्रीलिंग विवाह के अवसर पर किया जानेवाला मातृका- पूजन आदि कृत्य ।
मैहर † ^1 संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मही ( = मट्ठा)] वह तलछट जो घी वा मक्खन को गरम करने पर नीचे बैठ जाती है । घी वा मकखन तपाने से निकला हुआ मट्ठा । मैहर ^2 संज्ञा पुं [सं॰ मातृगुह] दे॰ 'नैहर' ।
मैहर † ^1 संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मही ( = मट्ठा)] वह तलछट जो घी वा मक्खन को गरम करने पर नीचे बैठ जाती है । घी वा मकखन तपाने से निकला हुआ मट्ठा ।
मैहर मध्य प्रदेश के सतना जिले का एक छोटा सा नगर है। यह एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थल है। मैहर में शारदा माँ का प्रसिद्ध मन्दिर ह जो नैसर्गिक रूप से समृद्ध कैमूर तथा विंध्य की पर्वत श्रेणियों की गोद में अठखेलियां करती तमसा के तट पर त्रिकूट पर्वत की पर्वत मालाओं के मध्य 600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह ऐतिहासिक मंदिर 108 शक्ति पीठों में से एक है। यह पीठ सतयुग के प्रमुख अवतार नृसिंह भगवान के नाम पर 'नरसिंह पीठ' के नाम से भी विख्यात है। ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर आल्हखण्ड के नायक आल्हा व ऊदल दोनों भाई मां शारदा के अनन्य उपासक थे। पर्वत की तलहटी में आल्हा का तालाब व अखाड़ा आज भी विद्यमान है। यहाँ प्रतिदिन हजारों दर्शनार्थी आते हैं किंतु वर्ष में दोनों नवरात्रों में यहां मेला लगता है जिसमें लाखों यात्री मैहर आते हैं। मां शारदा के बगल में प्रतिष्ठापित नरसिंहदेव जी की
मैहर meaning in english