Apathy
= अपरिग्रह() (Aparigrah)
अपरिग्रह संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. अस्वीकार । दान का न लेना । दान- त्याग ।
२. देहयात्रा के लिये आवश्यक धन से अधिक का त्याग । विराग ।
३. योगशास्त्र में पाँचवा यम । संगत्याग ।
४. जैन शास्त्रानुसार मोह का त्याग ।
अपरिग्रह गैर-अधिकार की भावना, गैर लोभी या गैर लोभ की अवधारणा है, जिसमें अधिकारात्मकता से मुक्ति पाई जाती है। । यह विचार मुख्य रूप से जैन धर्म तथा हिन्दू धर्म के राज योग का हिस्सा है। जैन धर्म के अनुसार "अहिंसा और अपरिग्रह जीवन के आधार हैं"। अपरिग्रह का अर्थ है कोई भी वस्तु संचित ना करना। अहिंसा के बाद, अपरिग्रह जैन धर्म में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण गुण है। अपरिग्रह एक जैन श्रावक के पांच मूल व्रतों में से एक है| जैन मुनि के २८ मूल गुणों में से यह एक है| यह जैन व्रत एक श्रावक की इच्छाओं और संपत्ति को सिमित करने के सिद्धांत है। जैन धर्म में सांसारिक धन संचय को लालच, ईर्ष्या, स्वार्थ और बढ़ती वासना के एक संभावित स्रोत के रूप में माना जाता है। जीवित रहने के लिए पर्याप्त भोजन करना, दिखावे या अहंकार के लिए खाने से ज्यादा महान माना जाता है|
अपरिग्रह meaning in english
Apathy
meaning in Gujarati: અપરિગ્રહ
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Apathy
meaning in Marathi: अपरिग्रह
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Apathy
meaning in Bengali: অপরিগ্রহ
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Apathy
meaning in Telugu: అపరిగ్రహ
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Apathy
meaning in Tamil: அபரிகிரஹா
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