The vulture
= व्रात्य() (Vratya)
व्रात्य ^१ वि॰ [सं॰] व्रत संबंधी । ब्रत का । व्रात्य ^२ संज्ञा पुं॰
१. वह जिसके दस संस्कार न हुए हों । संस्कार- हीन । उ॰—अथर्ववेद में मगध के निवासियों को व्रात्य कहा गाय हो । —हिंदु॰ सभ्यता, पृ॰ ९६ ।
२. वह जिसका उपनयन या यज्ञोपवीत संस्कार न हुआ हो । विशेष—ऐसा मनुष्य पतित और अनार्य समझा जाता है और उसे वैदिक कृत्य आदि करने का अधिकार नहीं होता । शास्त्रों में ऐसे व्यक्ति के लिये प्रायाश्चित्त का विधान किया गया है । प्राचीन वैदिक काल में 'व्रात्य' शब्द प्रायः परब्रह्म का वाचक माना जाता था; और अथर्ववेद में 'व्रात्य' की बहुत अधिक माहिमा कही गई है । उसमें वह वैदिक कार्यो का अधिकारी, देवप्रिय, ब्राह्मणों और क्षत्रियों का पूज्य, यहाँ तक की स्वयं देवाधिदेव कहा गया है । परंतु परवर्ती काल में यह शब्द संस्कारभ्रष्ट, पतित और निकृष्ट व्यक्ति का वाचक हो गया है ।
३. नीच या बदमाश व्यक्ति ।
४. वह मनुष्य जो अमवर्ण माता पिता से उत्पन्न हो । दोगला । वर्णसंकर । यौ॰—व्रात्यगण = इधर उधर धूमनेवाली जाति या वर्ग । व्रात्यचर्या = नीचतापूर्ण आचार व्यवहार । व्रात्यों का सा रहन सहन । खानाबदोश व्यक्ति का आचार विचार । व्रात्यवुव = वह व्यक्ति जो अपने को व्रात्य कहना हो । व्रात्ययज्ञ = एक प्रकार का यज्ञ । व्रात्ययाजक । व्रात्यस्तोम ।
व्रात्य ^१ वि॰ [सं॰] व्रत संबंधी । ब्रत का ।
व्रात्य meaning in english