Chab
= चाब() (Chaab)
चाब ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चव्य]
१. गजपिप्पली की जाति का एक पौधा जिसकी लकड़ी और जड़ औषध के काम में आती है । विशेष—एशिया के दक्षिण और विशेषतः भारत में यह पौधा या तो नदियों के किनारे आपसे आप उगता है या लकड़ी और जड़ के लिये बोया जाता है । इसकी जड़ में बहुत दिनों तक पनपने की शक्ति रहती है और पौधे को काट लेने पर उसमें फिर नया पौधा निकलता है । इसमें काली मिर्च के समान छोटे फल लगते हैं जो पहले हरे रहते हैं और पकने पर लाल हो जाते हैं । यदि कच्चे फल तोड़कर सुखा लिए जायँ, तो उनको रंग काला हो जाता है । ये फल भी औषध के काम में आता हैं और 'चव' कहलाते हैं । कुछ लोग भूल से इसी के फल को 'गजपिप्पली' कहते हैं; पर 'गजपिप्पली' इससे भिन्न है । बंगाल में इसकी लकड़ी और जड़ से कपडे़ आदि रँगने के लिये एक प्रकार का पीला रंग निकाला जाता है । डाक्टरों के मत से 'चव' के फल के गुण बहुत से अंशों में काली मिर्च के समान ही हैं । वैद्यक में चाव को गरम, चरपरी, हल्की, रोचक, जठराग्नि प्रदीपक और कृमि, स्वास, शूल और क्षय आदि को दूर करनेवाली तथा विशेषतः गुदा के रोगों को दूर करनेवाली माना है । पर्या॰—चविका । चव्य । चबी । रत्नावली । तेजोवती । कोला । नाकुली । कोलवल्ली । कुटिल । सप्तक । कृकर ।
२. इस पौधे का फल ।
३. चार की संख्या । —(डिं॰) ।
४. कपड़ा । —(डिं॰) । चाब ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ चप (= एक प्रकार का बाँस)] एक प्रकार का बाँस । चाब ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चावन]
१. वे चौखूँटे दाँत जिनसे भोजन कुचलकर खाया जाता है ।
२. डाढ़ । दाढ़ । चौभड़ ।
३. बच्चे के जन्मोत्सव की एक राति जिसमें संबंध की स्त्रियाँ गाती बजाती और खिलौने कपड़े आदि लेकर आती हैं ।
चाब ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ चव्य]
१. गजपिप्पली की जाति का एक पौधा जिसकी लकड़ी और जड़ औषध के काम में आती है । विशेष—एशिया के दक्षिण और विशेषतः भारत में यह पौधा या तो नदियों के किनारे आपसे आप उगता है या लकड़ी और जड़ के लिये बोया जाता है । इसकी जड़ में बहुत दिनों तक पनपने की शक्ति रहती है और पौधे को काट लेने पर उसमें फिर नया पौधा निकलता है । इसमें काली मिर्च के समान छोटे फल लगते हैं जो पहले हरे रहते हैं और पकने पर लाल हो जाते हैं । यदि कच्चे फल तोड़कर सुखा लिए जायँ, तो उनको रंग काला हो जाता है । ये फल भी औषध के काम मे
चाब meaning in english