Nandimukh
= नांदीमुख() (NanndiMukh)
नांदीमुख संज्ञा पुं॰ [सं॰ नान्दीमुख]
१. कुँए का ढकना ।
२. एक आभ्युदयिक श्राद्ध जो पुत्रजन्म, विवाह आदि मंगल अवसरों पर किया जाता है । वृद्धिश्राद्ध । विशेष—निर्णयसिंधु में लिखा है कि पुत्र कन्या जन्म, विवाह, उपनयन, गर्भाधान, यज्ञ, पुंसवन, तड़ागादि प्रतिष्ठा, राज्याभिषेक, अन्नप्राशन इत्यादि में नांदीमुख श्राद्ध करना ही चाहिए । वृद्धि हुई हो तब दो यह श्राद्ध करना ही चाहिए, जिस कार्य से अभ्युदय या वृद्धि की संभावना हो उसमें भी इसे करना चाहिए । पहले माता का श्राद्ध करना चाहिए, फिर पिता का, उसके पीछे पितामह, मातामह आदि का । और श्राद्ध तो मध्याह्न में किए जाते हैं पर यह पूर्वाह्न में होता है । पुत्रजन्म के समय का नियम नहीं है ।
नांदीमुख meaning in english