Nandali
= नांदी() (Nandi)
नांदी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ नान्दी]
१. अभ्युदय । समृद्धि ।
२. वह आशीर्वादात्मक श्लोक या पद्य जिसका पाठ सूत्रधार नाटक आरंभ करने के पहले करता है । मंगलाचरण । विशेष—संस्कृत नाटकों में विघ्नशांति के लिये इस प्रकार के मंगलपाठ की चाल है । साहित्य दर्पण के अनुसार नांदी आठ या बारह पदों की भी लिखी है । नांदीपाठ मध्यम स्वर में होना चाहिए । नांदी ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ नान्दिन्]
१. नाटक के आरंभ में नांदीपाठ करनेवाला व्यक्ति ।
२. नाटक के आरंभ में मंगलवाद्य बजानेवाला व्यक्ति ।
नांदी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ नान्दी]
१. अभ्युदय । समृद्धि ।
२. वह आशीर्वादात्मक श्लोक या पद्य जिसका पाठ सूत्रधार नाटक आरंभ करने के पहले करता है । मंगलाचरण । विशेष—संस्कृत नाटकों में विघ्नशांति के लिये इस प्रकार के मंगलपाठ की चाल है । साहित्य दर्पण के अनुसार नांदी आठ या बारह पदों की भी लिखी है । नांदीपाठ मध्यम स्वर में होना चाहिए ।
नांदी meaning in english