sambhaji
= शम्भाजी() (Shambhaji)
छत्रपति संभाजी राजे ( छत्रपति संभाजी राजे भोसले) या शम्भाजी (1657-1689) मराठा सम्राट और छत्रपति शिवाजी के उत्तराधिकारी। उस समय मराठाओं के सबसे प्रबल शत्रु मुगल बादशाह औरंगजेब बीजापुर और गोलकुण्डा का शासन हिन्दुस्तान से समाप्त करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही। सम्भाजी अपनी शौर्यता के लिये काफी प्रसिद्ध थे। सम्भाजी महाराज ने अपने कम समय के शासन काल मे १२० युद्ध किये और इसमे एक प्रमुख बात ये थी कि उनकी सेना एक भी युद्ध में पराभूत नहीं हुई। उनके पराक्रम की वजह से परेशान हो कर दिल्ली के बादशाह औरंगजेब ने कसम खायी थी के जब तक छत्रपती संभाजी पकडे नहीं जायेंगे, वो अपना किमोंश सर पर नहीं चढ़ाएगा। छत्रपति संभाजी नौ वर्ष की अवस्था में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रसिद्ध आगरा यात्रा में वे साथ गये थे। औरंगजेब के बंदीगृह से निकल, छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र वापस लौटने पर, मुगलों से समझौते के फलस्वरूप, संभाजी मुगल सम्राट् द्वारा राजा के पद तथा पंचहजारी मंसब से विभूषित हुए। औरंगाबाद की मुगल छावनी में, मराठा सेना के साथ, उसकी नियुक्ति हुई (1668)। युगप्रवर्तक राजा के पुत्र रहते उनको यह नौकरी मान्य नहीं थी। किन्तु स्वराज्य स्थापना की शुरू के दिन होने के कारन और पिता के आदेश के पालन हेतु केवल 9 साल के उम्र में ही इतना जिम्मेदारी का लेकिन अपमान जनक कार्य उन्होंने धीरज से किया। उन्होंने अपने उम्र के केवल 14 साल में उन्होंने बुधाभुषणम, नखशिख, नायिकाभेद तथा सातशातक यह तीन संस्कृत ग्रंथ लिखे थे। छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के बाद स्थापित अष्टप्रधान मंत्रिमंडल में से कुछ लोगों की राजकारण के वजह से यह संवेदनशील युवराज काफी क्षतिग्रस्त हुए थे। पराक्रमी होने के बावजूद उन्हें अनेक लड़ाईयोंसे दूर रखा गया। स्वभावत: संवेदनशील रहनेवाले संभाजी राजे उनके पिता शिवाजी महाराज जी के आज्ञा अनुसार मूघालो को जा मिले ताकी वे उन्हे गुमराह कर सके। क्यूँ कि उसी समय मराठा सेना दक्षिण दिशा के दिग्विजय से लौटी थी और उन्हे फिर से जोश मे आने के लिये समय चाहिये था। इसलीये मूघालो को गुमराह करणे के लिये शिवाजी महाराज जी ने हि उन्हे भेज था वह एक राजतंत्र था। बाद मे शिवाजी महाराज जी ने हि उन्हे मूघालो से मुक्त किया। मगर इस प्रयास में वो पत्नी रानी दुर्गाबाई और बहेन गोदावरी उनको अपने साथ लेन
शम्भाजी meaning in english
शिवाजी के कर्मदर्शन का उपदेश देने वाले एवं शिवाजी के पुत्र शम्भाजी को मराठों को संगठित करने और महाराष्ट्र धर्म को प्रचारित करने का उपदेश देने वाले मराठा संत थे -
शम्भाजी के बाद मराठा शासन को निम्नलिखित में किसने सरल और कारगर बनाया -
किसके शासनकाल में मराठा प्रमुख शम्भाजी की हत्या कर दी गई थी -
sambhaji
meaning in Gujarati: શંભાજી
Translate શંભાજી
sambhaji
meaning in Marathi: शंभाजी
Translate शंभाजी
sambhaji
meaning in Bengali: শাম্ভাজি
Translate শাম্ভাজি
sambhaji
meaning in Telugu: శంభాజీ
Translate శంభాజీ
sambhaji
meaning in Tamil: ஷம்பாஜி
Translate ஷம்பாஜி