Chalukya = चालुक्य() (Chalukya)
Category: Dynasty
चालुक्य संज्ञा सं॰ दक्षिण का एक अत्यंत प्रवल और प्रतापी राजवंश जिसके शक संवत् 411 से लेकर ईसा की 12 वीं शताब्दी तक राज्य किया । विशेष—विल्हण के विक्रमांकचरित् में लिखा है कि चालुक्य वंश का आदिपुरुष ब्रह्मा के चुलुक (चूल्लू) से उत्पन्न हुआ था । पर चालुक्य नाम का यह कारण केवल कविकल्पित ही है । कई ताम्रपत्रों में लिखा पाया गया है कि चालुक्य चंद्रवंशी थे और पहले अयोध्या में राज्य करते थे । विजयादित्य नाम के एक राजा ने दक्षिण पर चढ़ाई की और वह वहीं त्रिलोचन पल्लव के हाथ से मारा गया । उसकी गर्भवती रानी ने अपने कुलपुरोहित विष्णुभट्ट सोमयाजी के साथ मूड़िवेमु नामक स्थान में आश्रय ग्रहण किया । वहीं उसे विष्णुवर्धन नामक पुत्र उत्पन्न हुआ जिसने गंग और कादंब राजाओं को परास्त करके दक्षिण में अपना राज्य बनाया । विष्णुवर्धन का पुत्र पुलिकेशी (प्रथम) हुआ जिसने पल्लवों से वातापी नगरी (आजकल की आदामी) को जीतकर उसे अपनी राजधानी बनाया । पुलिकेशी (प्रथम) शक 411 में सिंहासन पर बैठा । पुलिकेशी (प्रथम) का पुत्र किर्तिवर्मा हुआ । किर्तिवर्मा के पुत्र छोटे थे इससे किर्तिवर्मा के मृत्यु के उपरांत उसके छोटे भाई मंगलीश गद्दी पर बैठे । पर जब किर्तिवर्मा का जेठा लड़का सत्याश्रय बड़ा हुआ तब मंगलीश ने राज्य उसके हवाले कर दिया । वह पुलिकेशी द्वितीय के नाम से शक 531 में सिंहासन पर बैठा और उसने मालवा, गुजरात, महाराष्ट्र, कोंकण, काँची, आदि को अपने राज्य में मिलाया । यह बड़ा प्रतापी राजा हुआ । समस्त उत्तरीय भारत में अपना साम्राज्य स्थापित करनेवाला कन्नौज के महाराज हर्षवर्धन तक ने दक्षिण पर चढ़ाई करके इस राजा से हार खाई । चीनी यात्री हुएनसांग ने इस राज का वर्णन किया है । ऐसा भी प्रसिद्ध है की फारस के बादशाह खूसरो (दूसरा) से इसका व्यवहार था, तरह तरह की भेंट लेकर दूत आते जाते थे । पुलिकेशी के उपरांत चंद्रादित्य, आदित्यवर्मा, विक्रमादित्य क्रम से राजा हुए । शक 601 में विनयादित्य गद्यी पर बैठा । यह भी प्रतापी राजा हुआ और शक 618 तक सिंहासन पर रहा । शक 678 में इस वंश का प्रताप मंद पड़ गया, बहुत से प्रदेश राज्य से निकल गए । अंत में विक्रमादित्य (चतुर्थ) के पुत्र तैल (द्वितीय) ने फिर राज्य का उद्धार किया और चालुक्य वंश का प्रताप चमकाया । इस राजा ने प्रबल राष्ट्रकूटराज का दमन किया । शक
चालुक्य meaning in english
किस चालुक्य शासक ने थानेश्वर व कन्नौज के महान् शासक हर्षवर्धन को नर्मदा के तट पर परास्त किया और उसे दक्षिण बढ़ने से रोका ?
ऐहोल प्रशस्ति का रचयिता रविकीर्ति किस चालुक्य शासक का दरबारी कवि था ?
चोल चालुक्य संघर्ष
पल्लव चालुक्य संघर्ष
चालुक्यों और पल्लवों के बीच लम्बे समय तक चलने वाले संघर्ष का आरंभ किसने किया -
Chalukya meaning in Gujarati: ચાલુક્ય
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Chalukya meaning in Marathi: चालुक्य
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Chalukya meaning in Bengali: চালুক্য
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Chalukya meaning in Telugu: చాళుక్యుడు
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Chalukya meaning in Tamil: சாளுக்கியர்
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