Chintamani = चिंतामणि() (ChintaMani)
चिंतामणि संज्ञा पुं॰ [सं॰ चिन्तामणि]
१. कल्पित रत्न जिसके विषय में प्रसिद्ध है कि उससे जो अभिलाषा की जाय वह पूर्ण कर देता है । उ॰—रामचरित चिंतामणि चारू । संत सुमत तिय सुभग सिंगारू । —तुलसी (शब्द॰) ।
२. ब्रह्मा ।
३. परमेश्वर ।
४. एक बुद्ध का नाम ।
५. घोड़े के गले की एक शुभ भौंरी ।
६. वह घोड़ा जिसके कंठ में उक्त भौंरी हो ।
७. स्कंदपुराण (गणपतिकल्प) के अनुसार एक गणेश जिन्होंने कपिल के यहाँ जन्म लेकर महाबाहु नामक दैत्य से उस चिंता- मणि का उद्धार किया था जिसे उसने कपिल से छीन लिया था ।
८. यात्रा का एक योग ।
९. वैद्यक में एक योग जो पारा, गंधक, अभ्रक और जयपाल के योग से बनता है ।
१०. सरस्वती देवी का मंत्र जिसे लोग बालक की जीभ पर विद्या आने के लिये लिखते हैं ।
चिंतामाणि आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा रचित हिन्दी का निबंधात्मक ग्रंथ है। इसके दो भाग है। चिन्तामणि के प्रमुख निबन्ध हैं- भाव या मनोविकार, उत्साह श्रद्धा और भक्ति, करुणा, लज्जा और ग्लानि, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है, काव्य में लोक [1] मंगल की साधनावस्था।
चिंतामणि meaning in english
Chintamani meaning in Gujarati: ચિંતામણિ
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Chintamani meaning in Marathi: चिंतामणी
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Chintamani meaning in Bengali: চিন্তামণি
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Chintamani meaning in Telugu: చింతామణి
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Chintamani meaning in Tamil: சிந்தாமணி
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