Champu
= चम्पू() (Champoo)
चंपू संज्ञा पुं॰ [सं॰ चम्पू] गद्यपद्यमय काव्य । वह काव्यग्रंथ जिसमें गद्य के बीच बीच में पद्य भी हो । जैसे, नलचंपू ।
चम्पू श्रव्य काव्य का एक भेद है, अर्थात गद्य-पद्य के मिश्रित् काव्य को चम्पू कहते हैं। गद्य तथा पद्य मिश्रित काव्य को "चंपू" कहते हैं। काव्य की इस विधा का उल्लेख साहित्यशास्त्र के प्राचीन आचार्यों- भामह, दण्डी, वामन आदि ने नहीं किया है। यों गद्य पद्यमय शैली का प्रयोग वैदिक साहित्य, बौद्ध जातक, जातकमाला आदि अति प्राचीन साहित्य में भी मिलता है। चम्पूकाव्य परंपरा का प्रारम्भ हमें अथर्व वेद से प्राप्त होता है। चम्पू नाम के प्रकृत काव्य की रचना दसवीं शती के पहले नहीं हुई। त्रिविक्रम भट्ट द्वारा रचित 'नलचम्पू', जो दसवीं सदी के प्रारम्भ की रचना है, चम्पू का प्रसिद्ध उदाहरण है। इसके अतिरिक्त सोमदेव सुरि द्वारा रचित यशःतिलक, भोजराज कृत चम्पू रामायण, कवि कर्णपूरि कृत आनन्दवृन्दावन, गोपाल चम्पू (जीव गोस्वामी), नीलकण्ठ चम्पू (नीलकण्ठ दीक्षित) और चम्पू भारत (अनन्त कवि) दसवीं से सत्रहवीं शती तक के उदाहरण हैं। यह काव्य रूप अधिक लोकप्रिय न हो सका और न ही काव्यशास्त्र में उसकी विशेष मान्यता हुई। हिन्दी में यशोधरा (मैथिलीशरण गुप्त) को चम्पू-काव्य कहा जाता है, क्योंकि उसमें गद्य-पद्य दोनों का प्रयोग हुआ है। गद्य और पद्य के इस मिश्रण का उचित विभाजन यह प्रतीत होता है कि भावात्मक विषयों का वर्णन पद्य के द्वारा तथा वर्णनात्मक विषयों का विवरण गद्य के द्वारा प्रस्तुत किया जाय। परन्तु चंपूरचयिताओं ने इस मनोवैज्ञानिक वैशिष्ट्य पर विशेष ध्यान न देकर दोनों के संमिश्रण में अपनी स्वतंत्र इच्छा तथा वैयक्तिक अभिरुचि को ही महत्व दिया है। गद्य-पद्य का संमिश्रण संस्कृत साहित्य में प्राचीन है, परंतु काव्यशैली में निबद्ध, "चंपू" की संज्ञा का अधिकारी गद्य-पद्य का समंजस मिश्रण उतना प्राचीन नहीं माना जा सकता। गद्य-पद्य की मिश्रित रचना कृष्ण यजुर्वेदीय संहिताओं में उपलब्ध होती है। पालि जातकों में भी गद्य में कथानक तथा पद्य (गाथा) में मूल सूत्रात्मक संकेतों की उपलब्धि अवश्य होती है। परंतु काव्यतत्व से विरहित होने के कारण इन्हें हम "चंपू" का दृष्टांत किसी प्रकार नहीं मान सकते। हरिषेण रचित समुद्रगुप्त की प्रयागप्रशस्ति (समय 350 ई.) तथा बौद्ध कवि आयंशूर (चतुर्थ शती) प्रणीत जातक
चम्पू meaning in english
Champu
meaning in Gujarati: ચંપુ
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meaning in Marathi: चंपू
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meaning in Bengali: চম্পু
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meaning in Telugu: చంపు
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Champu
meaning in Tamil: சம்பு
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