Kargil
= कारगिल() (Kargil)
निर्देशांक: 34°27′N 75°46′E / 34.45°N 75.77°E / 34.45; 75.77 कारगिल जम्मू एवं कश्मीर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। वैसे यह स्थान मुख्य से बौद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। यहां बौद्धों के कई प्रसिद्ध मठ स्थित है। मठों के अतिरिक्त यहां कई अन्य चीजें भी घूमने लायक है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ट्रैकिंग का शौक रखने वालों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। कारगिल जिला कश्मीर घाटी के उत्तर-पूर्व पर स्थित है। यह स्थान श्रीनगर से 205 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कारगिल 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध से चर्चा में आया था। मुलबेख गोम्पा एक मठ है। यह मठ कारगिल जिले के मुलबेख में स्थित है। मुलबेख कारगिल से लगभग 45 किलोमीटर और लेह से 190 किलोमीटर की दूरी पर है। मठ तक पहुंचने के लिए खडी चट्टान और घाटी से होकर गुजरना पड़ता है। यह मठ समुद्र तल से 200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां स्थित भित्तिचित्र, मूर्तियां और स्मृतिचिन्ह इस मठ की शोभा को और अधिक बढ़ाते हैं। मुलबेख गोम्पा से आस-पास की खूबसूरत घाटियों का नजारा देखा जा सकता है। शरगोल मठ कारगिल जिले से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुलबेस में है। इस पुरानी गी-लुग पा बौद्ध मठ में कई बेहतरीन भित्तिचित्र देखे जा सकते हैं। मठ के एक मंदिर है जिसमें अवलिकेतेश्वर की ग्यारह हाथों वाली प्रतिमा स्थित है। इसके अलावा लकड़ी से बनी देवी तारा की प्रतिमा है। इस खूबसूरत प्रतिमा को तिब्बितयन कलाकारों ने बनाया था। स्टोंगदे मठ पदुम के समीप स्टोंगदे में स्थित है। स्टोंगदे दूसरा बड़ा मठ है। यह काफी पुराना मठ है। इस मठ की नींव तिब्बतन योगी मारपा ने रखी थी। इस मठ में काफी संख्या में मंदिर बने हुए है। यह मठ पदुम से अठारह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नुन-कुम मासिफ विशाल हिमालय पंक्ति है। यह लद्दाख का सबसे ऊंचा शिखर है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 7,077 मीटर है। कारगिल के दक्षिण से इस जगह की दूरी 70 किलोमीटर है। इस गिरीपिण्ड में दो प्रमुख पर्वत जिसमें पहला नुन (7,357 मीटर) और दूसरा कुन (7,087 मीटर) है। इस पर्वतों पर सुरू घाटी द्वारा पहुंचा जा सकता है। कनिक स्तूप कारगिल जिले के सनी पर स्थित है। इस स्तूप का सम्बन्ध प्रसिद्ध भारतीय योगी नारूपा से है। ऐसा माना जाता है कि इन सं
कारगिल meaning in english
कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है
कारगिल युद्ध में राजस्थान के 92 शहीदों का वर्णन राजेन्द्र सिंह राठौड़ की किस पुस्तक में मिलता है ?