ashtadhatu = अष्टधातु() (Ashtdhatu)
अष्टधातु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] आठ धातुएँ-सोना, चाँदी, ताँबा, राँगा, जस्ता, सीसा, लोहा और पारा ।
अष्टधातु, (शाब्दिक अर्थ = आठ धातुएँ) एक मिश्रातु है जो हिन्दू और जैन प्रतिमाओं के निर्माण में प्रयुक्त होती है। जिन आठ धातुओं से मिलकर यह बनती है, वे ये हैं- सोना, चाँदी, तांबा, सीसा, जस्ता, टिन, लोहा, तथा पारा (रस) की गणना की जाती है। एक प्राचीन ग्रन्थ में इनका निर्देश इस प्रकार किया गया है:स्वर्ण रूप्यं ताम्रं च रंग यशदमेव च। शीसं लौहं रसश्चेति धातवोऽष्टौ प्रकीर्तिता:। सुश्रुतसंहिता में केवल प्रथम सात धातुओं का ही निर्देश देखकर आपातत: प्रतीत होता है कि सुश्रुत पारा (पारद, रस) को धातु मानने के पक्ष में नहीं हैं, पर यह कल्पना ठीक नहीं। उन्होंने अन्यत्र रस को भी धातु माना है (ततो रस इति प्रोक्त: स च धातुरपि स्मृत:)। अष्टधातु का उपयोग प्रतिमा के निर्माण के लिए भी किया जाता था। तब रस के स्थान पर पीतल का ग्रहण समझना चाहिए; भविष्यपुराण के एक वचन के आधार पर हेमाद्रि का ऐसा निर्णय है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर धातु में निहित ऊर्जा होती है, धातु अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण किये जाएं तो इनका सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है अन्यथा धातु विपरीत प्रभाव भी देता हैं | अष्टधातु हिन्दुओं के लिए एकअत्यंत शुभ धातु है। प्राचीन काल से ही अष्टधातु का उपयोग प्रतिमा निर्माण में भी होता रहा है। अष्टधातु का उपयोग प्रतिमा के निर्माण के लिए भी किया जाता था | इसके अलावा अष्टधातु का प्रयोग रत्न को धारण करने के लिए भी होता था यदि आपकी कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो तो विशेष कष्टदायक होता है उसमे भी राहु की महा दशा और अंतर्दशा में अत्यन्त ही कष्टकारक दुष्प्रभाव दे सकता है ऐसी स्थिति में दाहिने हाथ में अष्टधातु का कड़ा धारण करने से अवश्य ही लाभ प्राप्त होता है साथ ही किसी योग्य ज्योतिष के परामर्श से राहु का जप और दान भी कर सकते है यह उपाय अवश्य ही राहत प्रदान करता है। अष्टधातु के दुष्परिणामआजकल अष्टधातु से बनी कोई भी चीज जैसे कड़ा, अंगूठी कम ही लोग पहनते हैं क्योकि अष्टधातु लेड,पारा, ये भी धातु मिलाकर बनाई जाती है जो की कैंसर रोग का एक मुख्य कारण होता है इसलिए अष्ठधातु का प्रयोग आज के समय में कम हो गया हैं |लेकिन पंचधातु में लेड और पारा (मर्करी) के अलावा कोई
अष्टधातु meaning in english
सन् 1764 में महाराजा जवाहर सिंह द्वारा लोहागढ़ दुर्ग में लगे अष्टधातु के दरवाजे कहां से जीत कर लाये गये ?
ashtadhatu meaning in Gujarati: અષ્ટધાતુ
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ashtadhatu meaning in Marathi: अष्टधातु
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ashtadhatu meaning in Bengali: অষ্টধাতু
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ashtadhatu meaning in Telugu: అష్టధాతు
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ashtadhatu meaning in Tamil: அஷ்டதாது
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