Kolhapur
meaning in Hindi
कोल्हापुर महाराष्ट्र प्रान्त का एक शहर है। मुंबई से 400 किलोमीटर दूर कोल्हापुर महाराष्ट्र का एक जिला है। मुंबई से पास होने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक सप्ताहंत में यहां आते हैं। यह स्थान ऐतिहासिक तथा धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। कोल्हापुर का मराठी कला के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विशेष रूप से कोल्हापुरी हस्तशिल्प बहुत प्रसिद्ध है। कोल्हापुरी चप्पलें तो देश विदेश में मशहूर हैं ही। प्रकृति, इतिहास, संस्कृति और आध्यात्म से रूबरू कराता कोल्हापुर सभी आयु के लोगों को कुछ न कुछ अवश्य देता है। निर्देशांक: 16°42′00″N 74°14′00″E / 16.7000°N 74.2333°E / 16.7000; 74.2333यह मनमोहक मंदिर कोल्हापुर तथा आसपास के हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है। यह मंदिर देवी महालक्ष्मी को समर्पित है जिन्हें अंबा बाई के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर परिसर में काशी विश्वेश्वर, कार्तिकस्वामी, सिद्धिविनायक, महासरस्वती, महाकाली, श्री दत्ता और श्री राम भी विराजमान हैं। महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण कार्य चालुक्य शाससक करनदेव ने 7वीं शताब्दी में करवाया था। बाद में 9वीं शताब्दी में शिलहार यादव ने इसे विस्तार प्रदान किया। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में देवी महालक्ष्मी की 40 किलो की प्रतिमा स्थापित है। 1884 में बने इस महल का महाराजा का नया महल भी कहा जाता है। इसका डिजाइन मेजन मंट ने बनाया था। महल के वास्तुशिल्प पर गुजरात और राजस्थान के जैन व हिंदू कला तथा स्थानीय रजवाड़ा शैली का प्रभाव है। महल के प्रथम तल पर वर्तमान राजा रहते हैं जबकि भूतल पर वस्त्रों, हथियारों, खेलों, आभूषणों आदि का संग्रह प्रदर्शित किया गया है। ब्रिटिश वायसराय और गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से लिखे गए पत्र भी यहां देखे जा सकते हैं। महल के अंदर ही शाहजी छत्रपति संग्रहालय भी है। यहां पर महाराज शाहजी छत्रपति की बहुत सी वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं जैसे बंदूक, ट्रॉफियां और कपड़े आदि। कोल्हापुर का पनहला किला समुद्र तल से 3127 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और शांत अपनी ओर खींचती है। पनहला का नाम मिला पन्न्ना नामक जनजाति के नाम पर पड़ा जो आरंभ में इस किले पर शासन करती थी। इस किले का निर्माण 1052 में राजा भेज ने करवाया था।