Diwali
= दिव्यावदान() (Divyawdan)
दिव्यावदान (अर्थात दिव्य कथाएँ) बौद्ध कथाओं का ग्रंथ है। इन कथाओं में से बहुत सी कथाओं का मूल मूलसर्वास्तिवाद विनय ग्रंथ हैं। महायानी सिद्धांतों पर आश्रित कथानकों का रोचक वर्णन इस लोकप्रिय ग्रंथ का प्रधान उद्देश्य है। इसका ३४वाँ प्रकरण "महायानसूत्र" के नाम से अभिहित किया गया है। यह उल्लेख ग्रंथ के मौलिक सिद्धांतों की दिशा प्रदर्शित करने में उपयोगी माना जा सकता है। दिव्यावदान, अवदानशतक के कथानक तथा काव्यशैली से विशेषत: प्रभावित हुआ है। इसकी आधी कथाएँ विनयपिटक से और बाकी सूत्रालंकार से संगृहीत की गई हैं। समग्र ग्रंथ का तो नहीं, परंतु कतिपय कथाओं का अनुवाद चीनी भाषा में तृतीय शतक में किया गया था। शुंग वंश के राजा पुष्यमित्र (178 ई.पू.) तक का उल्लेख यहाँ उपलब्ध होता है। फलत: इसके कतिपय अंशों का रचनाकाल द्वितीय शताब्दी मानना उचित होगा, परंतु समग्र ग्रंथ का भी निर्माणकाल तृतीय शताब्दी के बाद नहीं है।
दिव्यावदान meaning in english
दिव्यावदान के अनुसार अशोक को बौद्ध धर्म में दीक्षित करने का श्रेय जाता है-
निम्न में से किस / किनका बौद्ध ग्रन्थ दिव्यावदान में उल्लेख है ?
दिव्यावदान के लेखक
दिव्यावदान के लेखक कौन है
Diwali
meaning in Gujarati: દૈવી ભેટ
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Diwali
meaning in Marathi: दैवी भेट
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Diwali
meaning in Bengali: ঐশ্বরিক উপহার
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Diwali
meaning in Telugu: దైవిక బహుమతి
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Diwali
meaning in Tamil: தெய்வீக பரிசு
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